मध्य प्रदेश भाजपा में बगावत की सुगबुगाहट

पार्टी निर्णय के खिलाफ देवदुर्लभ कार्यकर्ता कोर्ट की शरण लेंगे 

मामला मध्य प्रदेश भाजपा कार्यालय को तोड़कर नया भवन बनाने का 

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन /Khabar Nation 

मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा प्रदेश कार्यालय को तोड़कर नए भवन बनाए जाने को लेकर देव दुर्लभ कार्यकर्ता बगावत के मूड में आ गया है । भाजपा संगठन के केंद्रीय नेतृत्व में निर्देश दिया है कि पार्टी कार्यालयों में अब कमर्शियल एक्टिविटी संचालित नहीं की जाएगी। 

पार्टी के इस निर्णय से वे दुर्लभ कार्यकर्ता नाराज हैं जिन्होंने पार्टी के शैशव काल में आर्थिक हालात कमजोर रहने पर अपनी जमा पूंजी सौंपकर पार्टी कार्यालय का भवन खड़ा करने में अहम योगदान दिया था। हालांकि इन कार्यकर्ताओं को ऑफिस और दुकानें भी दी गई थी। अब इन कार्यकर्ताओं को भविष्य की चिंता सता रही है ।

इसको लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय दीनदयाल परिसर के 40 दुकानदारों और ऑफिस संचालक कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं । सूत्रों के अनुसार भोपाल के एक प्रतिष्ठित वकील से उनकी बात भी हो गई है। प्रत्येक दुकानदार और ऑफिस संचालक से दस-दस हजार रुपए सहभागिता राशि के तौर पर लिए जाने का निर्णय हुआ है।

भाजपा संगठन के आला नेताओं को दुकानदारों और ऑफिस संचालकों के इस कदम की भनक लग गई है। जिसको लेकर प्रदेश संगठन ने हीरेंद्र बहादुर सिंह  "हीरु" एवं  भोपाल जिले के भाजपा अध्यक्ष सुमित पचौरी को इस मसले पर चर्चा करने के लिए अधिकृत किया है। इसके पूर्व एक पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई थी। जिसमें पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता पूर्व महापौर आलोक शर्मा विकास विरानी पूर्व पार्षद रविंद्र यति को शामिल किया गया था। 

इस बारे में हीरेन्द्र सिंह  से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है । कोई कोर्ट नहीं जा रहा है । चूंकि दुकानदार भी भाजपा के कार्यकर्ता हैं इसलिए पार्टी ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे उनका अहित हो । जब उनसे कहा गया कि आपकी भी दुकान है तो उन्होंने कहा कि पार्टी हित सर्वोपरि है। मैं मध्यस्थ की भूमिका में हूं । इस से ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हमें सिर्फ विकल्प सुझाए जाने के लिए कहा गया है । 

जब इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी से बात की तो उन्होंने कहा कि दुकानदारों को बताने गए थे कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय अनुसार दुकान खाली करना होगी । दुकानदारों से सुझाव भी मांगे थे कि उनके हित में क्या कर सकते हैं ।दुकानदारों के कोर्ट जाने की बात सामने नहीं आई है ।

इस मामले पर एक दुकान संचालक का कहना था कि दुकानदारों के भविष्य का सवाल है इसलिए वे कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी हमें दुकान खाली करने का भी नोटिस नहीं दे रही है। बस मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि दुकान ऑफिस खाली कर दो । उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हम 40 दुकानदारों की पीड़ा नहीं है। पूरे देश में भाजपा संगठन कार्यालय पर संचालित की जा रही दुकानों के संचालकों के भविष्य का सवाल है । जो कम जमा पूंजी के आधार पर अपना धंधा कर रहे हैं ।पार्टी के इस निर्णय से हजारों परिवारों के जीवन यापन पर संकट खड़ा होगा 

कौन कौन थे जिन्होंने पार्टी के शैशवकाल में आर्थिक मदद कर दुकाने ली थी

जिस समय दीनदयाल परिसर स्थित मध्य प्रदेश भाजपा कार्यालय बन रहा था तब दुकान लेने वालों में शैलेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अर्चना प्रकाशन , भोपाल के बंसल ग्रुप , इस बिल्डिंग को बनाने वाले गोयल बिल्डर्स, एडवोकेट बिलास बुचके , जाएका ग्रुप , हीरेंद्र बहादुर सिंह  , सुरजीत सिंह चौहान और आईएएस अधिकारी रहे यूके सामल थे। 

केन्द्रीय कार्यालय में लगी थी तस्वीर 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है उक्त दुकानें है दो दो तीन तीन लाख रुपए लेकर पगड़ी पर किराए के साथ दी गई थी । 2012 के आसपास जब ऑडिट में आपत्ति आई तो प्रदेश संगठन ने किराए की राशि को सहायता राशि के तौर पर समायोजित करवाना शुरू कर दिया। उक्त नेता का कहना है इसके अलावा मध्य प्रदेश के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं ने 5-5-10-10रुपये का भी आर्थिक सहायता की थी। इसी के साथ-साथ किसी ने हजार से लेकर ₹10000 तक आर्थिक सहायता की है। तब जाकर यह कार्यालय बन पाया है। इस कार्यालय को तोड़ना उन कार्यकर्ताओं का अपमान होगा । उन्होंने एक बड़ी ही दिलचस्प बात भी बताई कि जब यह कार्यालय बनकर तैयार हुआ तो इसके भवन की फोटो दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में रिसेप्शन पर लगाई गई थी जो मध्य प्रदेश के देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं का सम्मान प्रकट करती थी। अगर पार्टी को अब बड़ा कार्यालय बनाना ही है तो वे कहीं और बनाएं। बनने वाले दस मंजिला नये भवन से रहवासी भी परेशान होंगे। उन्होंने कहा कि रहवासी अभी भी कार्यकर्ताओं की भारी आवाजाही से परेशान रहते हैं पर मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार होने से कुछ कह नहीं पाते हैं।

 

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गौरव चतुर्वेदी
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