राजमणि किसकी राजा या फकीर की....?

मध्यप्रदेश राज्यसभा प्रत्याशी : कांग्रेस का चौंकाने वाला निर्णय

खबरनेशन / Khabarnation

मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन फार्म जमा करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर राजमणि पटेल का निर्णय काफी चौंकाने वाला रहा है। राजनैतिक हलकों में चर्चा इस बात को लेकर चल रही है कि राजमणि राजा की है या फिर कांग्रेस के फकीरनुमां कार्यकर्ताओं की ।

मध्यप्रदेश से राज्यसभा के पाँच सदस्य निर्वाचित किए जाना हैं। अंक गणित के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी के चार और कांग्रेस से एक सदस्य निर्वाचित हो सकता है। नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी का नाम चौंकाने वाला रहा । पूर्व मंत्री राजमणि पटेल ने कांग्रेस की और से राज्यसभा के लिए नामांकन फार्म दाखिल कर दिया। राजमणि जहाँ अपने चयन को लेकर कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी की सोच को श्रेय दे रहे हैं , वहीं मध्यप्रदेश का वरिष्ठ नेतृत्व इस निर्णय को लेकर हतप्रभ है। यहाँ आपको बता दें कि राजमणि पटेल लगभग बीस वर्ष से कांग्रेस की मुख्यधारा से दूर थे। वजह विगत चुनावों में राजमणि पटेल का हार जाना रहा । जिसके बाद पटेल अपने आप को सीमित करते चले गए।
 

विगत कई दिनों से राजमणि पटेल पिछड़े वर्ग को लेकर सक्रिय हो उठे थे। मध्यप्रदेश के प्रभारी पद पर दीपक बाबरिया की नियुक्ति के बाद राजमणि की लाटरी लग गई। पिछड़े वर्ग में राजमणि के काम को देखकर बाबरिया ने पिछड़े वर्ग सेल का प्रभारी बना दिया । इसके बाद मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्ग की तादाद को देखकर राज्यसभा के लिए नाम आगे बड़ा दिया। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि इस मामले में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव , नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , और अन्य नेताओं से चर्चा तो बाबरिया ने की लेकिन गहन चर्चा नहीं की । जिसको लेकर स्थानीय नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है। अरुण यादव खुद दावेदार थे।
 

हाँलाकि पार्टी का एक धड़ा यह मानकर चल रहा है कि राजमणि नेता प्रतिपक्ष की पसंद है। फिलहाल तो दीपक बाबरिया राजा की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

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