नगरीय निकाय के पैसों से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी

असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीयन का मामला

विधायकों को सौंपी जवाबदारी पार्षदों को किया दरकिनार

खबरनेशन / Khabarnation

मध्यप्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी का संयुक्त कार्यक्रम मध्यप्रदेश असंगठित कर्मकारों के पंजीयन का मामला विवादित होता नजर आ रहा हैं। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से इस कार्यक्रम में पूरी तौर पर पार्षदों को दरकिनार कर दिया हैं। एक नजर में यह मामला नगरीय निकायों के सरकारी पैसे से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी के रूप में सामने आ रहा हैं।

गौरतलब हैं कि इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा असंगठित क्षेत्र कर्मचारियों के पंजीयन हेतु तैयार करवाए गए आवेदन पत्र हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग अलग छपवाए गए हैं। इंदौर-4 जहां से महापौर मालिनी गौड़ स्वयं विधायक हैं ने आवेदन पत्र पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अपना स्वयं का फोटों प्रकाशित करवाया हैं। अन्य शहरी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक और महापौर का फोटों हैं। विवादों से बचने इंदौर जिले के एकमात्र कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का फोटों भी आवेदन पत्र पर प्रकाशित किया गया हैं।

दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापन को लेकर एक अहम निर्णय दिया था कि विज्ञापनो पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और मुख्यमंत्री संवैधानिक तक के ही फोटों लगाए जाएंगे। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने भी इंदौर नगर निगम के इस कार्य को अनुचित ठहराया। सरकारी आवेदनों पर तो किसी के फोटों लगाए ही नहीं जा सकते हैं। फिर किस आधार पर इंदौर नगर निगम ने आवेदन पत्रों पर फोटों का उपयोग किया।

सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाइन को लेकर देश की अनेक राज्य सरकारें संशय की स्थिति में थी। तब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक बैठक में कहा था कि जब अटल-आडवाणी जी हमारे नेता थे तब हम उनके साथ थे। अब हमारे नेता नरेन्द्र मोदी हैं तो क्यों न हम वार्ड से लेकर गॉव-शहर-प्रदेश-राष्ट्र तक एक ही नेता का अनुसरण करें। संगठन की लाईन को भी यहां दरकिनार कर दिया गया।

आवेदन में मांगी गई जानकारियां भी विवादों को जन्म देने वाली हैं। एक तरफ केन्द्र सरकार आधार कार्ड से संबंधित जानकारी को अनिवार्य कर रही हैं। इंदौर नगर निगम द्वारा समग्र आई.डी मांगी जा रही हैं। जो भविष्य में विवादों को जन्म दे सकती हैं। कांग्रेसी सूत्रों का कहना हैं कि समग्र आई.डी. के निरीक्षण का अधिकार सिर्फ नगर निगम को रहता हैं। जिससे संबंधित डाटा को भाजपा अपने पक्ष में उपयोग कर सकती हैं। इंदौर शहर के एकमात्र कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आवेदन पत्र पर उनकी फोटों प्रकाशित की जाने की पुष्टि की।

पार्षदों की इस उपेक्षा को लेकर भाजपा पार्षदों ने अपनी नाराजगी भी दबे स्वरों में व्यक्त की हैं। इसी के साथ ही उन्होंने आपत्ति जतायी कि कांग्रेस विधायक के क्षेत्र में भाजपा के पार्षद कांग्रेस विधायक के फोटों वाले फॉर्म क्यों वितरित करें ?

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