मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने कहा भारतीय वन सेवा के अधिकारी का पीछा नहीं छोडूंगा
मंत्री की शिकायती नोटशीट नस्तीबद्ध करने की तैयारी
सरकार के कामकाज की झलक बतलाती घटना है कि मध्यप्रदेश के एक मंत्री के साथ अफसर ने बदसलूकी की । मंत्री ने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को दो बार कार्यवाही करने के लिए लिखी गई नोटशीट का हश्र
खबर नेशन / Khabar Nation
मध्यप्रदेश सरकार के कामकाज करने के तरीके की एक झलक है ये । सूत्रों के अनुसार जनसंपर्क पी सी शर्मा से अभद्रता करने वाले अधिकारी को निलंबित किए जाने की बजाए मंत्री की शिकायत को ही नस्तीबद्ध किया जा रहा है । दो माह पूर्व क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा दूरभाष पर अभद्र भाषा में बात की गई थी । इस मामले की शिकायत वन मंत्री उमंग सिंगार को की गई । शिकायत में क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद को निलंबित किए जाने की अनुशंसा विधि एवं विधाई कार्य , जनसंपर्क, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन एवं अध्यात्म विभाग मंत्री पी सी शर्मा ने की थी।
इस मामले में भारतीय वन सेवा के अधिकारी एसके सिंह जो क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद हैं ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) को स्पष्टीकरण देते हुए दूरभाष पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा से चर्चा करना स्वीकारा है । उनकी यह चर्चा प्रभारी मंत्री होशंगाबाद जिला एवं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा से सुरेंद्र कुमार पटेल वनपाल के स्थानांतरण के संबंध में हुई थी । गौरतलब है कि उक्त वनपाल के स्थानांतरण संबंधी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का अनुशंसित पत्र 5 फरवरी से कार्यालय क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के पास लंबित था । पत्र में पटेल के अस्वस्थ रहने के चलते अनुपस्थिति के कारण स्थानांतरण ना किया जाना बताया गया है। पटेल विगत दिसंबर 2018 से अनुपस्थित थे ।और मंत्री के अनुशंसा लिखवाने के बाद 27 फरवरी 2019 को उपस्थित हो गए । लेकिन पटेल द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट फार्म नंबर 4 प्रस्तुत न करने के कारण उपस्थिति मान्य नहीं की गई । मंत्री की अनुशंसा से नाराज होकर श्री सिंह ने पटेल के विरुद्ध म.प्र.सिविल सेवा नियम 1965 के उल्लंघन के लिए म प्र सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया ।
सूत्रों के अनुसार इसबात से नाराज़ होकर प्रभारी मंत्री श्री शर्मा ने अपनी नाराज़गी जताते हुए जून के दूसरे सप्ताह में दूरभाष पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री के निर्देश के बावजूद स्थानांतरण न करते हुए कारण बताओ सूचना पत्र क्यों दिया गया ?
श्री सिंह ने कहा है कि इस संदर्भ में मेरे द्वारा स्थानांतरण हेतु राजनीतिक दबाव को आचरण नियम के उल्लंघन का कारण बताते हुए, स्थानांतरण की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया। माननीय मंत्री महोदय ने आचरण नियम के संदर्भ देने के कारण अप्रसन्नता जाहिर करते हुए मेरे निलंबन की कार्यवाही की बात कही। श्री सिंह ने पत्र में लिखा है कि मेरे द्वारा इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया दूरभाष पर नहीं की गई और ना ही किसी प्रकार की अशिष्ट एवं अभद्र भाषा का उपयोग किया गया।मेरे द्वारा मात्र अपना पक्ष रखने का प्रयास शालीन भाषा में किया गया। इसी के साथ ही पत्र में श्री सिंह द्वारा उल्लेख किया गया है कि प्रकरण में प्रभारी मंत्री को यदि किसी प्रकार से क्षोभ हुआ है तो क्षमा प्रार्थी हूं।
भारतीय वन सेवा के अधिकारी एस के सिंह ने स्वीकारा कि उन्होंने अपना स्पष्टीकरण शासन को दे दिया है।
इस मामले में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि अगर मेरी शिकायत को नस्तीबध्द किया गया तो मैं फिर से मुख्यमंत्री और वन मंत्री के समक्ष इस मामले को उठाऊंगा और पीछा नहीं छोडूंगा ।