मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज के पुत्र कार्तिकेय का पोलिटिकल मर्डर ?

 

क्या अपनी कुर्सी बचाने चढाई अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य की बलि या वजह कुछ और ?

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान अचानक उच्च शिक्षा के लिए विदेश रवाना हो गए। इसके पहले बकायदा सार्वजनिक तौर पर इस बात को प्रचारित किया गया कि वे अब उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं । राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इस बात को आसानी से पचाया नहीं जा रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि कहीं यह शिवपुत्र कार्तिकेय का पोलिटिकल मर्डर तो नहीं ?


गौरतलब है कि महज चार पांच साल पहले पुणे के सिम्बोसिस से कानून की डिग्री लेकर आए कार्तिकेय ने विदिशा और शिवराज की विधानसभा बुदनी में अपना संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया था। धीरे धीरे अपने पिता शिवराज और मां साधना के जेनेटिक गुणों के सहारे संपर्क बढ़ाते कार्तिकेय तेजी से लोकप्रिय हो गये। इस दौरान वे अपने पिता के साथ राजनीतिक कार्यक्रमों में तो मां के साथ सामाजिक एवं पारिवारिक कार्यक्रमों में जाने लगे। इसी दौरान कार्तिकेय ने सुधामृत दूध डेयरी और फ्लोरिका नाम से फूलों का कारोबार शुरू किया । विधिवत तौर पर विधानसभा चुनाव 2018 के पहले कार्तिकेय की पोलिटिकल लांचिंग की गई । पोलिटिकल लांचिंग के लिए सोच समझकर विदिशा और बुदनी को छोड़ शिवपुरी जिले की कोलारस  विधानसभा क्षेत्र का चयन किया गया। इसकी वजह गृह जिले का आरोप न लगते हुए कार्तिकेय को स्वीकार्यता मिले , और यहां लाभ मिलने की वजह ग्वालियर शिवपुरी लोकसभा में किरार बाहुल्य का होने के साथ-साथ प्रशासनिक राजनीतिक सहयोग भी रहा। एक कारण तब के राजनीतिक विरोधी ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में चुनौती के तौर पर भी देखा गया । शिवराज का यह दाव फेल हो गया। शिवराज विरोधियों ने सिंधिया के खास रहे केपीएस यादव को तोड़कर भाजपा से लोकसभा का प्रत्याशी बनवा दिया।
इसके बावजूद कार्तिकेय की लोकप्रियता बढ़ाए जाने को लेकर उन्हें राजनीतिक तौर पर तैयार किया जाता रहा । विपक्ष में रहने के दौरान भी कार्तिकेय शिवराज के साथ साथ और अलग से अपने आंदोलन के सहारे सक्रियता बढ़ाते रहे। 
हाल ही में कार्तिकेय उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी रवाना हो गए । भारत में भी कानून की पढ़ाई के लिए अच्छे संस्थान हैं फिर विदेश क्यों ? प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के साथ साथ वकालत से जुड़े लोगों का कहना है कि यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया विश्व में रेकिंग के हिसाब से टॉप फिफ्टी शैक्षणिक संस्थानों में तो आती है लेकिन कानून की पढ़ाई के मामले में बहुत पीछे है।


किसी भी राजनेता की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में उस राजनेता के विरोधियों के पास आसान हथियार होता है उसके परिजनों पर आरोप । सूत्रों के अनुसार शिवराज विरोधीयों को कार्तिकेय का राजनैतिक तौर पर आगे बढ़ना बुरा नहीं लग रहा है। बल्कि विरोधी चाहते हैं कि कार्तिकेय को शिवराज जितना आगे बढ़ाएंगे उतना ही उनके उत्तराधिकारी मजबूत होते जाएंगे । आंखों की किरकिरी शिवराज हैं और हाल फिलहाल का आरोप कार्तिकेय की प्रशासनिक हलकों में बढ़ती दखलंदाज़ी थी। जिसे देखकर राजनीतिक विरोधियों को अस्त्र मिल गया। इस दौरान राजनीतिक हलकों में कई गंभीर आरोपों को लेकर कार्तिकेय की चर्चा होती रही। जिनमें भ्रष्टाचार , चारित्रिक दोष और नशे से संबंधित मामले भी रहे। हांलांकि खुले तौर पर इनके सबूत सामने नहीं आ सके ।

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