मंत्री की नोटशीट पर डिमांड और फाईल गायब


खबर नेशन /Khabar Nation

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कार्यशैली में बदलाव लाए या ना लाएं पर सरकारी अमले ने अपने ढर्रे को ना बदलने की कसम खा ली है । गौरतलब है कि शिवराज ने मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ लेते ही इस बार अपने कार्यशैली को अलग अंदाज में नजर आने का दावा किया था । 
अब हालिया मामला लें मध्यप्रदेश के आयुष विभाग मंत्री द्वारा आयुष विभाग से फाइल तलब करते ही हड़कंप मच गया और विभाग से फाइल ही गायब कर दी गई । मामला चंद घंटों का रहा । 
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय में पदस्थ प्रोफेसर गीता तिवारी के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नौकरी पाने कीजिएगा विभागीय जांच लंबित है । गीता तिवारी ने अनुभव का जो प्रमाणपत्र लगाया है उस दिन तक वह महाविद्यालय शुरू ही नहीं हुआ था । सूत्रों के अनुसार महाविद्यालय एक साल बाद शुरू हुआ था । इस मामले में विभागीय जांच पूर्ण हो चुकी है और कार्रवाई होना लंबित है ।
इस मामले को लेकर आयुष विभाग मंत्री रामकिशोर कांवरे ने संबंधित प्रकरण संबधी जानकारी तलब करते हुए विभाग को निर्देश दिए थे। इस निर्देश के बाद विभाग में हड़कंप मच गया । हड़कंप मचने की वजह गीता तिवारी के पति डॉक्टर सुशील तिवारी रहे । जो इसी विभाग में होम्योपैथी उपसंचालक के पद पर पदस्थ हैं और जिनके पास प्रदेश के होम्योपैथी कालेजों से संबधी प्रभार है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के आयुक्त डॉक्टर एम के अग्रवाल के जाने का इंतजार किया गया। उनके जाते ही संयुक्त संचालक प्रदीप चतुर्वेदी और दो निचले स्तर के कर्मचारियों ने कार्यालय के दस्तावेजों की तलाश शुरू की । और कार्यालयीन समय के बाद दस्तावेज घर ले गये । कोरोना संक्रमण के चलते शासन ने किसी भी फाइल को घर ले जाने पर रोक लगा रखी है ।
विभागीय आयुक्त डॉक्टर एम के अग्रवाल से जब इस मामले को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि मंत्री जी के द्वारा मांगी गई जानकारी के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है । इस संबंध में मैं अभी कुछ नहीं बता सकता ।

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