राजनीति की पिच पर कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक


कांग्रेस ने प्रत्याशियों की सूची जारी की

शिवराज और भाजपा के रणनीतिकारों का चिंतन की मुद्रा में ड्रैसिंग रुम में इंतजार

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश की राजनैतिक बिसात पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर मास्टर स्ट्रोक खेल डाला है । राजनैतिक हलकों में इसे आश्चर्य के साथ देखा जा रहा है । अधिकृत सूची के जारी होते ही भारतीय जनता पार्टी चिंतन की मुद्रा में अपने प्रमुख रणनीतिकारों का ड्रैसिंग रुम में इंतजार कर रही है ।

कांग्रेस ने  पंद्रह विधानसभा क्षेत्रों  के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं ।दिमनी से रवीन्द्र सिंह तोमर , अम्बाह (अजा) सत्यप्रकाश शेखरवार , गोहद  (अजा) मेवाराम जाटव , ग्वालियर सुनील शर्मा, डबरा  (अजा) सुरेश राजे भांडेर  (अजा) फूलसिंह बरैया , करेरा (अजा) प्रगीलाल जाटव , बम्होरी कन्हैयालाल अग्रवाल , अशोकनगर  (अजा) श्रीमती आशा दोहरे , अनुपपुर  (अजजा) विश्वनाथ सिंह कुंजम , सांची (अजा) मदनलाल चौधरी अहिरवार , आगर (अजा) विपिन वानखेड़े , हाटपिपल्या राजवीर सिंह बघेल , नेपानगर (अजजा) रामकिशन पटेल , सांवेर  (अजा) प्रेमचंद गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है ।
गौरतलब है कि कांग्रेस की हमेशा से परिपाटी रही है कि वह अंतिम समय में ही अपने प्रत्याशियों के नाम तय करती हुई आई है । इसकी वजह पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाजी रहा करती थी । पहली बार उपचुनाव की घोषणा होने के पूर्व ही प्रत्याशियों की घोषणा को कांग्रेस का साहसी कदम माना जा रहा है । कांग्रेस और कमलनाथ इस बहाने भाजपा और मतदाताओं पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में भी सफल होते नजर आ रहे हैं कि पार्टी के महत्त्वपूर्ण निर्णय या प्रत्याशी चयन के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट की मनमानी और दखलंदाजी पार्टी को नुक्सान पहुंचाने का काम करती रही है । सिंधिया के संगठन में दखलंदाजी के किस्से अब भाजपा संगठन में भी बाहर आते रहते हैं । चाहे मध्यप्रदेश का मंत्रिमंडल विस्तार हो या चंबल ग्वालियर संभाग की प्रशासनिक राजनैतिक सर्जरी सिंधिया की दखलंदाजी के चलते कई महत्वपूर्ण निर्णय या तो देरी से हुए हैं या प्रादेशिक नेतृत्व ने मन मसोसकर लिए हैं । जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी में अंतरकलह चरम पर है , भाजपा का कोई भी स्थापित नेता सिंधिया को स्वीकारने  आज भी तैयार नहीं है , सिंधिया समर्थकों की टिकिट की घोषणा होते ही भाजपा में आंतरिक विद्रोह होने की संभावना भी जतलाई जा रही है ।
कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि मध्यप्रदेश के उप चुनावों को लेकर कांग्रेस ने 15 प्रत्याशियों अपनी पहली सूची जारी कर भाजपा पर  मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है  । इसे पहली दृष्टि में कांग्रेस के सारे प्रत्याशी भारी भरकम भी दिखाई दे रहे है ।

कमलनाथ के इस मास्टर स्ट्रोक के बाद अब देखना होगा उनका प्रबंधन कौशल चुनावी परिणामों में कितना कारगर साबित होगा ।

Share:


Related Articles


Leave a Comment