शिवराज के नक्शे कदम पर " कमलनाथ "

....तो माफियाओं के समक्ष घुटने टेक देंगे मुख्यमंत्री 

खबरनेशन/Kabarnation  

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी अब अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नक्शे कदम पर चलना शुरू कर दिया हैं । लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद होने वाली केबिनेट में आ रही रेत खनन की नीति को लेकर अगर मंजूरी दे दी गई तो पूरी की पूरी कमलनाथ सरकार मध्यप्रदेश के रेत माफियाओं के समक्ष घुटने टेक देगी । 

गौरतलब है कि पंचायतों को रेत खनन के मामले में शक्तिशाली बनाने के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन किया गया था । सूत्रों के अनुसार उपसमिति अपनी अनुशंसा में रेत खनन को पुनः नीलामी और ठेके पर दिए जाने का निर्णय करने जा रही है । रेत खनन को ठेके और नीलामी पर दिए जाने को लेकर रेत व्यापारियों के बीच इस तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया हैं । 

सूत्रों के अनुसार रेत व्यापारियों द्वारा इस बात का दावा किया जा रहा हैं कि रेत कारोबार में लगी एक बड़ी कंपनी के लोगों ने रेत खनन के लिए बनाई गई मंत्रिमंडल उपसमिति को अपने कब्जे में ले किया हैं । रेत व्यापारियों का यह भी दावा हैं कि उक्त कारोबारी में मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश की रेत नीति को भी अपने हितों के अनुसार बनवाने में सफलता प्राप्त की थी । 

रेत खनन के लिए बनाई गई मंत्रिमंडल उपसमिति में वित्त मंत्री तरूण भनोत अध्यक्ष की हैसियत से शामिल किए गए हैं । अन्य सदस्यों में मंत्री प्रदीप जयसवाल, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी राम सिलावट, वाणिज्य कर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, नर्मदा विकास घाटी मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल शामिल हैं । 

गौरतलब हैं कि इस समिति के अध्यक्ष तरूण भनोत के रक्त संबंधी परिजत माइनिंग व्यवसाय से जुड़े हुए हैं । जिसके चलते भनोत को नैतिक तोर पर इस समिति का सदस्य भी नहीं बनाया जा सकता है । पूर्णत: यह मामला " कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट " की श्रेणी में आता हैं । संवैधानिक विशेषज्ञों के अनुसार मध्यप्रदेश विधानसभा में " कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट " के तहत कोई कानूनी बाध्यता तो नहीं हैं । देश के सर्वोच्च सदन लोकसभा में इस पर नियंत्रण के लिए " वेज एंड फीन्स समिति " का गठन किया गया हैं । केंद्र का कोई मंत्री अगर किसी ऐसे निर्णय प्रकिया से जुड़ा होता हैं जिसमे उसके आर्थिक हित प्रभावित होतेहैं तो सब अपने आर्थिक हितों की घोषणा करना अनिवार्य होता हैं । जिस पर वेज एन्ड फीन्स कमेटी हितों का निर्धारण देखती हैं । संविधान विशेषज्ञों की नजर में रेत खनन के लिए बनाई गई मंत्रिमंडल उपसमिति में वित्त मंत्री तरुण भनोत को शामिल करना नैतिक तौर पर गलत माना जा रहा हैं । 

गौरतलब हैं कि मध्यप्रदेश में अवैध रेत उत्खनन को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर आरोपों को लेकर चौतरफा घिरे हुए थे । आरोप यहा तक लगया गए कि नर्मदा नदी से अवैध रेत उत्खनन में शिवराज के निकट परिजन शामिल थे । अब कमलनाथ की कार्यशैली भी कुछ इसी तरह की नजर आ रही हैं । वित्त मंत्री तरुण भनोत राजनैतिक तौर पर कमलनाथ के विश्वस्त सहयोगियों में गिने जाते हैं ।

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