इंदौर में भस्मासुर कौन बना ?

 

एक बयान बिगाड़ रहा है अन्य विधानसभा सीटों पर नफा नुकसान

खबर नेशन /Khabar Nation

इंदौर जिले की राजनीति में एक बयान ने राजनैतिक गणित गड़बड़ा दिए हैं। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुदर्शन गुप्ता ने विवादास्पद बयान दे दिया । उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला ' बड़े भैया को हिस्ट्रीशीटर गुण्डा बताते हुए यह कह दिया कि भाजपा की गलती रही जो उन्हें प्रत्याशी बनाया। गौरतलब है कि विष्णु प्रसाद शुक्ला मध्यप्रदेश के उन कद्दावर नेताओं की आंख के तारे हुआ करते थे, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश में देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं के संगठन के रूप में खड़ा किया था। श्री शुक्ला के धनबल और बाहुबल के कारण इंदौर जिले में ही नहीं अनेक स्थानों पर भाजपा कांग्रेस से संघर्ष कर मुकाबले में आ पाई। हालांकि स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे , सर्व.प्यारेलाल खंडेलवाल सरीखे नेताओं का विष्णुप्रसाद शुक्ला को जनप्रतिनिधि बनाने का प्रयास जनता ने नकार दिया । 
गुप्ता के इस बयान से शुक्ला परिवार नाराज हो गया और सड़क पर उतर आया । विष्णु प्रसाद शुक्ला के साथ साथ भाजपा के पदाधिकारी गोलू शुक्ला जो संजय के चचरे भाई हैं ने भी इसे अपमान के तौर पर लिया। 
गुप्ता के इस बयान पर सबसे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इस अपमान को शुक्ला परिवार का व्यक्तिगत मुद्दा बनते देख भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सुदर्शन गुप्ता द्वारा खेद जताने का हवाला देते हुए स्वयं गहरा दुख जताया।
आखिर भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन गुप्ता ने यह बयान क्यों दिया ? गुप्ता के इस बयान से किसे फायदा या नुकसान होगा ।
चुनाव प्रचार की शुरुआत होते ही शुक्ला समर्थकों और गुप्ता समर्थकों में मारपीट हो गई । इस मामले की थाने में रिपोर्ट भी हुई और  कार्रवाई भी हुई । गुप्ता को यह समझ में आ गया कि चुनाव सामान्य तरीके से नहीं लड़ा जाएगा और शुक्ला के धनबल और बाहुबल से उन्हें परेशानी हो सकती है । संभवत गुप्ता तैश में या जानबूझकर संजय शुक्ला पर तीखा हमला कर बैठे । गुप्ता इसे संजय शुक्ला समर्थकों की गुण्डागर्दी के तौर पर निरूपित कर बढ़त हासिल करना चाहते थे , लेकिन यह बयान जातिगत संघर्ष में तब्दील हो गया । इस मामले को लेकर इंदौर का ब्राम्हण समाज एकजुट हो गया। जो इंदौर की एक सीट नहीं बल्कि दो सीटों पर असर डाल सकता है । इस नुकसान का आकलन कर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तत्काल कदम उठाने की कोशिश कर ली । इसका सीधा सीधा असर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन पर पड़ सकता है। जहां कांग्रेस के ब्राम्हण प्रत्याशी अश्विन जोशी है और उनका मुकाबला कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय से हो रहा है । हालांकि यह लड़ाई अब ब्राम्हण विरुद्ध अन्य जातियों में हो सकती है । जिसका लाभ गुप्ता को मिल सकता है  । विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक में ब्राम्हण विरुद्ध यादव लगातार रहते आए हैं। लेकिन यादव ब्राम्हणों की यह लड़ाई सिर्फ एक ही विधानसभा तक सीमित रहती आई है।

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