IMC कमिश्नर की नहीं सुनते भवन इंस्पेक्टर, अधिकारी या फिर कुछ और ?

 

अवैध निर्माण में नम्बर 1 बनता इंदौर

भाजपा सरकार बनते ही अवैध निर्माण हटाए गए भवन की तन गई चार मंजिला
नीलेश जैन / खबर नेशन / Khabar Nation

 मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही इंदौर शहर के सघन व्यावसायिक इलाके राजबाड़ा क्षेत्र में
चार मंजिला अवैध निर्माण कर डाला गया । गौरतलब है कि भाजपा सरकार बनने के कुछ माह पूर्व ही इस भवन के अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया था । जब दुबारा इस अवैध निर्माण की शिकायत इंदौर नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को की गई । एक माह बीतने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई । जब निगम के झोनल अधिकारी, भवन अधिकारी और भवन इंस्पेक्टर से इस मामले में जानकारी लेने का प्रयास किया तो सभी जानकारी छुपाने की कोशिश करते हुए नजर आए । तंज भरे लहजे में शिकायत कर्ता का कहना है कि शायद इंदौर नगर निगम आयुक्त के पत्रों की ,भवन इंस्पेक्टर, अधिकारी और झोनल अधिकारी तव्वजो नहीं देते हैं या फिर निगमायुक्त ही राजनैतिक दखलंदाजी के चलते शिकायत पर कुंडली मारकर बैठ जाते है ?


गत वर्ष जनवरी में  जोन क्रमांक 12 के 65 वीर सावरकर मार्केट राजवाड़ा पर अवैध रूप से किये निर्माण पर निगम ने कार्यवाही की थी । कार्यवाही के दौरान रसूखदारों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के संरक्षण में कार्यवाही रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी  थी लेकिन तत्कालीन कमलनाथ सरकार  की माफिया के खिलाफ चल रही मुहिम और निगम के सख्त अधिकारियो के सामने एक ना चली और निगम ने सख्ती से अवैध निर्माण को हटा दिया था । कांग्रेस सरकार में तत्कालीन निगम कमिश्नर आशीष सिंह तक पहुंची थी अवैध निर्माण की शिकायत। शिकायत पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश आशीष सिंह ने दिए थे।  भवन स्वामी द्वारा वीर सावरकर मार्केट राजवाड़ा में पुराने निर्मित आवासीय भवन को तोड़कर व्यावसायिक भवन में परिवर्तित किया गया था। इस के साथ ही निर्माण बिना अनुमति किया जा रहा था। इसे रोकने के लिए निगम ने कई बार नोटिस दिए थे, इसके बाद मोके पर कार्य रोक कर पंचनामा भी बनाया था,लेकिन भवन स्वामी द्वारा किसी भी नोटिस का कोई जवाब मय दस्तावेज (अनुमति एवं नक्शा ) प्रस्तुत नहीं किये गए। अवैध निर्माण के विरुद्ध लगातार शिकायत आ रही थी। इस अवैध निर्माण को नगर निगम की गेंग द्वारा तोड़कर हटाया गया। 
कोरोना काल के पहले कमलनाथ सरकार में निगम ने तोडा था अवैध निर्माण,कोरोना काल में ही बदली सरकार और बदले अधिकारी और शुरू हो गया अवैध निर्माण का खेल,
जहां एक और शिवराज सरकार कोरोना से जनता को बचाने में जुटी थी, वही झोन १२ के भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक की मिली भगत के चलते लॉक डाउन में ही भवन के सामने नेट की जाली लगाकर एवं शटर बंद कर अंदर ही अंदर निर्माण कार्य किया गया,आवासीय कमरों की दिवार तोड़ कर व्यावसायिक हॉल का निर्माण कर लिया गया। साथ ही इमारत की छत पर एक और मंजिल का भी अवैध निर्माण किया गया हे। जब की अनुमति थी तल + दो मंजिल की और कर लिया तीसरी मंजिल का अवैध निर्माण । उक्त भवन वल्लभ दास नीमा का बताया जा रहा है । जिनके अवैध निर्माण को बचाने पूर्व में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हालिया पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने बहुत हाथ पैर मारे थे पर वे कार्रवाई रुकवा नहीं पाईं थीं ।
भवन अब बनकर पूरा तैयार हे जल्द ही शुरू होगा चार मंजिला शोरूम ।साथ ही  
भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक से मिली भगत के चलते कागजों में हेरफेर कर रिपेरिंग और रंग रोगन के नाम पर निकाल लिया अवैध निर्माण को बचाने का तरीका । 
जब इस मामले को लेकर जोन 12 के जोनल अधिकारी मनोज जैन से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण से संबंधित मामले बिल्डिंग आफिसर और बिल्डिंग इंस्पेक्टर देखते हैं । जब उनसे यह पूछा कि क्या इस मामले से संबंधित शिकायत आई है तो उन्होंने स्पष्ट इंकार कर दिया ।
कांग्रेस शासनकाल में अवैध निर्माण ढहाने वाले अधिकारी ओ पी गोयल ने कहा कि हां उक्त अवैध निर्माण उस वक्त हटाया गया था ।
जोन क्रमांक 12 के भवन अधिकारी  पी आर आरोलिया का कहना है कि अवैध निर्माण से संबंधित बहुत सारी शिकायतें आती है आप मुझे शिकायत डाल दें । मैं दिखवा लूंगा । 
जब इस क्षेत्र के भवन इंस्पेक्टर अजय करारे से बात की तो उनका भी यह कहना था कि बहुत सारी शिकायतें आती है कल सुबह पूछकर बताऊंगा ।
यह एक बानगी है । इंदौर नगर निगम के कई अधिकारी तो खुले आम यह कह देते हैं कि फंलाने विधायक का या फंलाने अधिकारी ने हमें किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से मना किया हुआ है । 
अब देखना ये हे की सरकार जिस प्रकार से माफियाओ और अवैध निर्माण को जमीदोज कर रही हे क्या प्रशासन भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक के द्वारा पोषित अवैध निर्माण पर कार्यवाही कर पाते हे,या फिर इन के आगे बोने साबित होंगे ।

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