मुझसे बड़ा हिन्दू भाजपा में नहीं : दिग्विजय सिंह

 

सोनिया - राहुल के कहने पर भी नहीं बनूंगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री

खबर नेशनKhabar Nation 

मध्यप्रदेश  से कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य और  पार्टी के महासिचव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अब वो फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।
यहां पर यह बताना जरूरी है कि दिग्विजय 1993 से लेकर 10 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
एक टी वी चैैनल से कल रात बातचीत में उन से यह पूछा गया कि अगर सोनिया गांधी या राहुल गांधी उन पर मुख्यमंत्री बनने के लिये दबाव डालेंगे तो फिर क्या होगा ?

इस के जवाब में सिंह ने कहा कि दबाव बगैरह की कोई बात नहीं है और आगे बताया कि दिग्विजय सिंह वो आदमी है जो कि जो कहता है उस को करता है।
इस स्थान पर यह कहना जरूरी है कि दिग्विजय ने 2003 के विधान सभा चुनाव के पहले यह कहा था कि अगर कांग्रेस हार गई तो वे 10 साल तक चुनाव की राजनीति से दूर रहेंगे।
 कांग्रेस चुनाव हार गई और दिग्विजय अपनी बात पर डटे रहे और 10 साल तक चुनावी राजनीति से दूर ही रहे।
कांग्रेस नेता कहा कि, पीएम मोदी का करियर अब ढलान पर है. 10 साल बाद कौन जानेगा उन्‍हें? दिग्‍विजय ने ये बात उस सवाल पर कही जिसमें उनसे पूछा गया कि आपको वो वक्‍त याद नहीं आता जब मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस की ओर से आप इकलौता सबसे बड़ा नाम थे.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पॉलिटिक्‍स में कोई इकलौता रहता है क्‍या? राजनीति का परिदृश्‍य तेजी से बदलता है. मोदी जी को कौन जानता था आज से 10 साल पहले. केवल सीएम के तौर पर जाना जाता था. और आज से 10 साल बाद मोदी को कौन जानेगा? जब दिग्‍विजय सिंह से पूछा गया कि आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी की राजनीति अब ढलान पर चल पड़ी है तो उन्‍होंने कहा, निश्‍चित तौर पर ।
दिग्‍विजय सिंह ने आगे कहा, 'आप मुरली मनोहर जोशी से बात कर लीजिए. वो बीजेपी के घोषणापत्र के चेयरमैन थे । जब उनसे 4 साल पूरे होने पर पूछा गया कि 10 में से कितने नंबर देंगे तो उन्‍होंने कहा ये उत्‍तर पुस्‍तिका कोरी है. इसपर क्‍या नंबर दें ।

दिग्‍विजय ने कहा, 'मोदी जी के घोर समर्थक रहे अरुण शौरी, प्रवीण तोगडिया जी को देख लीजिए । ये वो लोग है जिन्‍होंने नरेंद्र मोदी को बनाया । आप लालकृष्ण आडवाणी की ओर देखते तक नहीं । बड़ी दुर्गति है.'
संघी आतंकवाद जैसे शब्‍द को लेकर दिग्‍विजय सिंह ने कहा, 'संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्‍व नहीं करता है । मैं हिंदू हूं , इस देश के 85 प्रतिशत हिंदू किसके हैं । संघ कोई रजिस्‍टर्ड संस्‍था नहीं है. इसकी सदस्‍यता ही नहीं होती। इसके बारे में चिंता क्‍यों कर रहे हैं। दिग्‍विजय सिंह ने संघी आतंकवाद कहने पर कहा कि ये लोग खुद को आरएसएस का प्रचारक कहते हैं ।

आरएसएस का प्रचारक अजमेर दरगाह केस में दोषी पाया गया है । सुनील जोशी जो की संघ का प्रचारक है जो की बॉम्‍ब ब्‍लास्‍ट में आरोपी था उसकी हत्‍या किसने की । संघ के लोगों ने हत्‍या की. उनको सजा भी हुई है । ये सब लोग कौन है । ये लोग बीजेपी के फुट सोल्‍जर हैं, आरएसएस के फुट सोल्‍जर हैं । ये एक विचार है। वो विचार जिसने महात्‍मा गांधी की हत्‍या की, जिसने कलबुर्गी की हत्‍या की, जिसने गौरी लंकेश की हत्‍या की । ये विचारधारा हिंसा के लिए प्रेरित करती है ।

दिग्‍विजय सिंह ने कहा, मैं पहला व्‍यक्‍ति था जिसने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ बोला था । मुश्‍किल ये है कि मीडिया मेरे सिर्फ एक पक्ष को दिखाना चाहता है । जब मैं मुस्‍लिम आतंकवादी के खिलाफ बोलता हूं तो मीडिया उस पक्ष को भूल जाता है । दिग्‍विजय ने इससे पहले कहा था कि 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अयोध्या में साल 1992 में उस ढांचे को गिराया था, जहां राम की पूजा हुआ करती थी । इस बयान पर दिग्‍विजय सिंह ने कहा, वहां पूजा होती थी। सन 52 से वहां पूजा होती थी । वहां नमाज तो पढ़ी नहीं जा रही थी । गुरु गोलवलकर जी ने राम को अवतार नहीं माना है, उन्‍होंने आदर्श माना है ।

दिग्विजय ने कहा कि ये आर्य समाज के लोग हैं, मैं सनातनी हूं। मैं तो इस बात का भी विरोध करता हूं कि ये लोग नारा जय श्री राम का क्‍यों लगाते हैं, सीता जी को क्‍यों भूल जाते हैं. सिया राम का नारा लगाएं । ये लोग धार्मिक नहीं है. ये धर्मान्धता फैलाते हैं । और धर्मान्‍धता से नफरत फैलती है. मुझसे बड़ा धार्मिक व्‍यक्‍ति बीजेपी में नहीं मिलेगा ।

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