क्या मोदी-शाह को गिफ्ट दे पाएंगे लाल ?
चुनौती से निपटने एजेंडे के सहारे
प्राथमिकता में मध्यप्रदेश या भाजपा ?
खबर नेशन / Khabar Nation
मध्यप्रदेश के नवनियुक्त महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मनमुताबिक गिफ्ट दे पाएंगे ? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में तेजी के साथ चर्चा का विषय बन गया है । इसी के साथ ही यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि महामहिम की प्राथमिकता मध्यप्रदेश में संवैधानिक स्थिति बहाल रखना है या मध्यप्रदेश भाजपा ? महामहिम राज्यपाल के तौर पर लालजी टंडन की कार्यशैली में विशिष्ट एजेंडे की झलक नजर आने लगी है ।
गौरतलब है कि महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन ने कार्यभार संभालते ही राजभवन जनता के लिए खोलने की कवायद शुरू कर दी । कवायद के पहले चरण में मध्यप्रदेश के चुनिंदा पत्रकारों को सम्मान के बहाने मध्यप्रदेश राजभवन के दरवाजे पहली दफा खोले गए ।
राजभवन सूत्रों के अनुसार यह कवायद आगे भी चलेगी । इसी के साथ ही राजभवन में मध्यप्रदेश के प्रमुख अफसरों से मिलने की कवायद भी शुरू की जाएगी । राजभवन सूत्रों के अनुसार कुछ चुनिंदा अफसरों से मुलाकात का एक दौर संपन्न भी हो गया है । केन्द्र के निर्देश पर मध्यप्रदेश भाजपा के एक प्रमुख राजनेता को मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के क्रियाकलापों पर नजर और गड़बड़ियों की जानकारी संग्रहित करने का काम सौंपा गया है ।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अल्पमत सरकार और भाजपा में सत्ता की छटपटाहट से आए दिन प्रदेश का राजनैतिक वातावरण गर्माया हुआ है । दोनों दलों के नेताओं में जबरदस्त तरीके से राजनैतिक तल्खी देखी जा रही है । मध्यप्रदेश की राजनैतिक तासीर अन्य देशों के मुकाबले बिल्कुल अलग है और मोदी-शाह की राज्यों को कब्जानें की आक्रामक शैली इस बात को बल देती रहती है कि मध्यप्रदेश में किसी भी दिन सत्ता परिवर्तन किया जा सकता है ।
जनता की भावनाओं को अगर राजभवन ने प्राथमिकता पर रखा तो मध्यप्रदेश भाजपा में सत्ता की चाहत रखने वाले नेताओं के सपनों पर कुठाराघात हो सकता है और अगर मोदी-शाह की इच्छा का वरण किया तो मध्यप्रदेश में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हो सकता है । ऐसे में श्री टंडन के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है । चुनौतियों के मद्देनजर श्री टंडन जनता के लिए राजभवन के दरवाजे सीधे खोल बैठे हैं । इसी के साथ ही राजभवन में कुछ ऐसे एजेंडे पर काम करने की तैयारी शुरू कर दी गई है जो कोर सब्जेक्ट के तौर पर भाजपा के मुद्दे हुआ करते थे लेकिन साफ्ट हिन्दुत्व की और कांग्रेस के कदम बढ़ाने के बाद कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा हो गए । इन मुद्दों की झलक आने वाले दिनों में राजभवन का हिस्सा बन सकती हैं।
पहले कदम के तौर पर मध्यप्रदेश के राजभवन में शीघ्र ही गौशाला खोली जा सकती है । गौशाला इन दिनों मध्यप्रदेश सरकार का प्रमुख एजेंडा है ।हम आपको ऐसे ही अपडेट उपलब्ध कराते रहेंगे ।