Exit-Polls

खबरनेशन / Khabarnation

कल  शाम को कुछ टी वी चैनलो द्वारा कराये गये एक्जिट पोल के बाद मध्यप्रदेष में चुनाव के परिणाम आने के बाद तस्वीर क्या होगी यह ठीक से साफ नहीं है। कुछ चैनलो के अनुसार तो भाजपा 2003 के बाद अपनी सरकार वौथी बार बनाने जा रही है और कुछ की अगर मानें तो 15 साल के बाद कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में वापसी करने जा रही है। ऐसा इस कारण से हो रहा हे क्यांकि कोई भी दो चैनल के एक्जिट पोल एक जैसे नही है।
खैर जो भी हम सब को चुनावां के परिणामां के लिये 11 तारीख तक इंतजार करना ही होगा। इन पोल के परिणामां से एक तरफ भाजापा खेमे में कुछ मायूसी है तो कांग्रेस के कैम्प में एक खुशी की लहर है।
 भाजपा वाले कह रहे है उन को भरोसा है कि जब परिणाम आयेंगे तो जीत उन की ही होगी और कांग्रेस के लोगां को यकीन है कि अब की बार उन की सरकार हर हाल में बन ही जायेगी। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया कि उन के दल को कम से कम 140 सीटें तो मिल ही जायेंगी। पर यह भी सच होगा या नहीं इस के बारे में भी 11 तारीख को ही पता चलेगा। एक अच्छा कमेंट यह आया है कि कांग्रेस को बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत इसलिये नहीं है क्योंंकि कभी कभी सब से बडी पार्टी विपक्ष में भी बैठ चुकी है। अगर भाजपा अब की बार सत्ता से दूर रहती है तो उस के पीछे कुछ कारण साफ नजर आ रहे हैं। इस बात में जरा भी संशय नहीं है कि आज कल किसानां की हालत खराब है और युवा बेरोजारी से काफी तंग है। ऐसा तो हो नहीं सकता कि इन सब बातां का चुनाव के नतीजां पर असर ना हो। इस कारण से अगर भाजपा हारी तो ये उस की हार के कारणां में हो सकते हैं। दूसरी और कांग्रेस के पास भले ही कुछ हो या ना हो उस के पास मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारां की कमी नहीं है। सब से पहले जो दो नाम सामने आते हें वो हैं कमलनाथ और ज्यातिरादित्य सिंधिया के। पर यही दो नाम होते तो शायद कुछ खास नहीं होता। इन दोनां के अलावा और भी नेता हैं जो मुख्यमंत्री बनने की क्षमता या इच्छा रखते हैं। इन में अजय सिंह और सुरेश पचौरी का नाम लिया जा सकत है। और अगर अरूण यादव अपनी तकदीर से बुधनी से चुनाव जीत गये तो वे भी दावेदार की फेहरिस्त में आ जायेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिहं कह चुके है कि उन की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं है पर उन के सर्मथक तो यही चाहते हैं कि वो ही मुख्यमंत्री बन जायें। इन हालात में एक ने सही कहा कि उस को डर है कि अगर कांग्रेस जीत गई तो उस में सिर फुटौवल ना शुरू हो जाये।

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