दिग्विजय का सियासी दांव या दावा ?


कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप 
आखिर क्या है मध्य प्रदेश के ताजा हालात

खबर नेशन / Khabar Nation
 आज दिल्ली में मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है । दिग्विजय का आरोप है कि विधायकों को 25 से 35 करोड़ का ऑफर भाजपा द्वारा दिया जा रहा है। यह कर्नाटक नहीं, मध्य प्रदेश है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायक बिकाऊ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सीएम और नरोत्तम मिश्रा डिप्टी सीएम का सपना देख रहे हैं ।
यह दिग्विजय सिंह का सियासी दांव है या ज़मीनी दावा मध्यप्रदेश की राजनीति को शर्मसार कर रहा है । मध्यप्रदेश में हालिया सरकार बनने के बाद दिसंबर 2018 से कभी भाजपा के नेता दावा करते हैं कि दिल्ली के इशारे पर दो दिन में सरकार गिरा दी जाएगी । तो भाजपा के दो विधायक मत विभाजन पर पार्टी लाइन छोड़कर कांग्रेस के साथ खड़े नजर आते हैं । कभी कांग्रेस का विधायक और मंत्री , और आला नेता अपनी ही सरकार को चुनौती देते नजर आते हैं । सरकार के संख्याबल और कांग्रेस के मंत्री विधायकों और आला नेताओं के दावे को देखकर लगता है कि कमलनाथ सरकार अब गई तब गई । हालात भाजपा के अंदर भी ठीक नहीं हैं , मुख्यमंत्री बनने के लिए आधा दर्जन नेता कुलबुलाहट की स्थिति में है । इसी माह राज्यसभा के निर्वाचन होना है । तीन सदस्य दिग्विजय सिंह, प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है । विधायकों के संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस लाभ में और भाजपा नुकसान में जाती दिखाई दे रही है । ऐसे हालात में कांग्रेस के अंदर खलबली मचाने के लिए सूत्रों के अनुसार भाजपा एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार सकती है । इस तरह का प्रयोग मध्यप्रदेश में भाजपा पूर्व में भी कर चुकी हैं । इधर बदले राजनैतिक समीकरणों में इस बात की संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि दिग्विजय सिंह को संभवतः राज्यसभा में नहीं भेजा जाए । हो सकता है इस बात की संभावना जानकर दिग्विजय सिंह ने अपने तरकश से यह तीर निकाला हो । बहरहाल जो भी हो मध्यप्रदेश के राजनैतिक घटनाक्रम आगामी दो माह तक रोचक भरे रहेंगे ।

दिग्विजय सिंह ने शिवराज और भाजपा पर लगाए आरोपों को लेकर कहा- वह बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगाते।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनवरी 2019 में भी भाजपा नेताओं पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था । 

शिवराज और नरोत्तम कांग्रेस विधायकों को फोन कर रहे हैं और खुलेआम25 से 35 करोड़ रुपए की पेशकश कर रहे हैं। 5 करोड़ अभी ले लो, दूसरी किश्त राज्यसभा चुनाव में और तीसरी किश्त सरकार गिराने (फ्लोर टेस्ट) के बाद दी जाएगी।

दिग्विजय झूठ फैलाने में माहिर : शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। दिग्विजय झूठ फैलाने में माहिर हैं। उन्हें अपनी उपयोगिता दिखानी होगी और किसी को डराना-धमकाना होगा, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने 2019 में भी खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनवरी 2019 में भी भाजपा नेताओं पर कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। तब उन्होंने कहा था- भाजपा नेताओं द्वारा विधायकों को 100 -100 करोड़ के ऑफर दिए गए हैं, मेरे पास इसके सबूत हैं। इस पर भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि दिग्विजय आरोप लगाने से पहले सोचें कि 100 करोड़ की राशि होती कितनी है।


कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद गिरी थी सरकार
कर्नाटक में 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस की 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई थी। गठबंधन ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी।

क्रॉस वोटिंग में कांग्रेस ने सिद्ध किया था बहुमत
कर्नाटक के घटनाक्रम के बाद मध्यप्रदेश में भी सरकार के फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनी थी। 24 जुलाई 2019 को विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सुबह मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि पार्टी के नंबर एक और दो आदेश दे दें तो 24 घंटे में सरकार गिरा देंगे। इसके 5 घंटे बाद ही कमलनाथ ने बहुमत सिद्ध कर दिया था। विधानसभा में आपराधिक कानून (मध्यप्रदेश संशोधन) बिल, 2019 पर चर्चा के दौरान बिल पर वोटिंग हुई तो इसके समर्थन में 122 वोट पड़े जो बहुमत से 7 ज्यादा थे।


मध्य प्रदेश विधानसभा में यह स्थिति :मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं।

कांग्रेस के पास 115 विधायक हैं। (सरकार में मंत्री 1 निर्दलीय भी शामिल)
सरकार को अन्य 3 निर्दलीय विधायक, 2 बसपा और 1 सपा विधायक का भी समर्थन।
भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

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