लाठी, बल्लम, तलवारें लेकर मंदिर निर्माण के लिये चंदा वसूलने पर दिग्विजय सिंह की आपत्ति

 


चंदे के चेक के साथ प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
खबर नेशन / Khabar Nation

राम मंदिर निर्माण में कतिपय संगठनों द्वारा दहशत फैलाकर चंदा वसूली का आरोप लगाते हुए राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है । पत्र के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’’ के नाम रूपये 1,11,111/- (एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपये मात्र) का चेक भी भेजा है।

प्रिय श्री नरेन्द्र मोदी जी,

विश्व हिन्दू परिषद द्वारा दिनांक 15 जनवरी 2021 से अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण हेतु 44 दिनों के राष्ट्रव्यापी चंदा अभियान की शुरूआत की गई है। इसके पहले से भी भगवान राम के मंदिर निर्माण हेतु अनेक ज्ञात और अज्ञात लोगों द्वारा देश के अनेक स्थानों पर चंदा एकत्रित करने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। भगवान राम, भारत सहित विश्व में कहीं भी रहने वाले प्रत्येक सनातनधर्मी की आस्था के केन्द्र हैं और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हम सब अयोध्या में शीघ्र ही भव्य राम मंदिर देखना चाहते हैं।
चूॅकि धर्म निजी आस्था का विषय है जो मन, वचन और कर्म को पवित्र करके आत्मकल्याण के साथ लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है इसलिये कोई व्यक्ति कितना धार्मिक है, उसके द्वारा यह प्रदर्शित करना उसे अहंकार की ओर ले जा सकता है जो आत्मकल्याण तथा लोककल्याण के मार्ग में बाधक हो सकता है। इसी कारण मैं अपने धर्म का पालन कैसे करता हूँ यह बताना मै हितकारी नही समझता। भगवान राम मेरी और मेरे पूर्वजों की आस्था के केन्द्र हैं। इसलिये राम के बिना तो मैं अपने अस्तित्व की भी कल्पना नही कर सकता। मध्यप्रदेश के राघौगढ़ में मेरे घर में 400 वर्षों से भगवान राम (राघौजी महाराज) का मंदिर है जहां प्रतिदिन उनकी सेवा होती है। राम मेरे रक्त के कण-कण में मौजूद होने के बावजूद मैने उनके नाम को अपनी राजनीति में कभी मिश्रित नही किया। इससे मुझे सुकून मिलता है और मैं अपने धर्म का सौदा होने से उसे बचा लेता हूँ। मैंने राम का उपयोग कभी राजनीति में नही किया है और न ही कभी करूंगा। मैं राम को राष्ट्रवाद से भी जोड़कर नही देखता क्योंकि महात्मा गाँधी ने कहा था -"Religion is no test of nationality but a personal matter between man and his God."

अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हम सभी ने स्वागत किया है किन्तु मंदिर निर्माण के लिये न्यास का जो गठन किया गया है उसमें सनातन धर्म के प्रमुख शंकराचार्यों में से किसी एक को भी सम्मिलित नही किये जाने पर मुझे एतराज रहा है। फिर भी मैं चाहूंगा कि अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर निर्माण यथाशीघ्र हो। चूंकि मुझे जानकारी नही है कि मंदिर निर्माण हेतु दान करने के लिये कहाँ और किस बैंक के किस खाते में राशि जमा करनी है, इसलिये मैं मंदिर निर्माण में अपने योगदान स्वरूप ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’’ के नाम रूपये 1,11,111/- (एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपये मात्र) का चेक क्र. 601147 इस पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ। आशा है, आप इसे उचित खाते में जमा करवा देंगे।
मैं आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि कुछ संगठन बहुत बड़े पैमाने पर लाठी, बल्लम, तलवारें लेकर मंदिर निर्माण के लिये चंदा वसूल कर रहे है। चंदा एकत्रित करने के लिये हथियार लेकर किसी एक समुदाय के खिलाफ भड़काने वाले नारे लगाना मेरी समझ से किसी धार्मिक अनुष्ठान या क्रियाकलाप का हिस्सा नही हो सकते। सनातन धर्म का तो कदापि नही। मध्यप्रदेश में इसकी वजह से तीन अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं तथा इससे सामाजिक ताने-बाने को क्षति हुई है। अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाओं की सूचनाएं मिल रही है। मुझे जानकारी नही है कि इन लोगों को न्यास ने चंदा वसूल करने के लिये अधिकृत किया या नही? अथवा वे चंदे की रसीदें भी लोगों को दे रहे है या नही?  
आप देश के प्रधानमंत्री है। आप भलीभाॅति जानते है कि राम मंदिर के निर्माण कार्य में अन्य धर्म के लोगों का कोई विरोध नही है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के नाम पर चन्दा एकत्रित करनेे का जो कार्य हो रहा है वह सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो। आप ऐसे संगठनों को मंदिर निर्माण का चंदा एकत्रित करने से तत्काल रोंकें, जो अन्य धर्म के लोगों के खिलाफ नारेबाजी करके हथियारों को लेकर चंदा एकत्रित कर रहे हैं। आप देश की सभी राज्य सरकारों को भी यह निर्देश दें कि वे इस तरह की अप्रिय घटनाओ को अपने राज्य में होने से रोकें।
चूॅकि पूर्व में भी विश्व हिन्दू परिषद द्वारा राम मंदिर के नाम से चंदा एकत्रित किया गया था। मैं आपसे यह भी अनुरोध करूंगा कि आप विश्व हिन्दू परिषद को पूर्व में एकत्रित किये गये चंदे का लेखा-जोखा आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिये बाध्य करें।

शुभकामनाओं सहित।
आपका

(दिग्विजय सिंह)

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