भाजपा मीडिया इंचार्ज लोकेंद्र पाराशर ने कहा भाजपा का आंदोलन अलग शिवराज का आंदोलन अलग

 

भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री की तनातनी उजागर

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच की तनातनी उजागर हो गई । गौरतलब है कि कल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंदसौर नीमच जिले के दौरे पर थे और उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। मंदसौर-मल्हारगढ़ के आसपास के गांवों की बुरी स्थिति है। चारों ओर तबाही का मंजर है। अभी भी कई लोग बाढ़ में फसे हुए हैं। मैंने कल मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा की थी। मैं उनसे निवेदन करता हॅू कि सरकार इस समय प्रदेश में निकले और प्रभावितों को तत्काल सहायता प्रदान करे, क्योंकि किसानों की फसल का कई जगह सर्वे शुरू नहीं हुआ है। अतिवर्षा से फसल बर्बाद नहीं हुई बल्कि किसान की जिंदगी बर्बाद हुई है। 21 सितम्बर तक प्रदेश सरकार किसानों को राहत नहीं देती है तो 22 सितम्बर को किसान के साथ हम एक घंटे के लिए अपनी फसलों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। इस मामले से संबंधित अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी । इधर दूसरी तरफ भाजपा ने आज बाढ़ पीडित किसानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी का प्रदेशव्यापी धरना आंदोलन 20 सितंबर को किए जाने की घोषणा की है ।इसी के साथ ही भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद  राकेश सिंह ने भारी बारिश और बाढ के कारण हुई फसलों की तबाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है। साथ ही किसानों की इस पीडा के समय प्रदेश सरकार की अनदेखी को लेकर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस लापरवाही पूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदेश भर में विधानसभा स्तर पर 20 सितंबर को धरना प्रदर्शन किए जायेंगे।
 राकेश सिंह ने कहा है कि प्रदेश का किसान जब विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है तब भी मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार उन्हें राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है, राहत देना तो दूर बाढ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन करना भी जरूरी नहीं समझा जा रहा है। मुख्यमंत्री की तो छोड़िए मंत्रियों को भी पीडित किसानों की सुध लेने की फुर्सत नहीं है, लेकिन एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते भारतीय जनता पार्टी यह सब चुपचाप नहीं देख सकती। इसलिए पार्टी ने 20 सितंबर को सभी विधानसभा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। 
राजनैतिक हलकों में इस घोषणा को शिवराज सिंह और राकेश सिंह के बीच तनातनी के तौर पर देखा जा रहा है । बड़ा सवाल है कि जब शिवराज 22 सितंबर को आंदोलन की घोषणा कर चुके थे तो प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अलग से 20 सितंबर को आंदोलन किए जाने की घोषणा क्यों की ?
जब इस बारे में मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि दोनों कार्यक्रम अलग-अलग है । शिवराज सिंह चौहान ने अपने स्तर पर आंदोलन की घोषणा की है और यह पार्टी का आंदोलन घोषित किया है। हांलांकि उन्होंने कहा कि शिवराज और राकेश सिंह के बीच कोई तनातनी या दूरी नहीं है । पर वे इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए कि शिवराज के कार्यक्रम को भाजपा अपना अधिकृत कार्यक्रम क्यों नहीं मान रही है ।

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