संस्कारधानी में गृह मंत्री जी की अमर्यादित निराशा

 

खबर नेशन /Khabar Nation

भोपाल, । जबलपुर मूर्धन्य महर्षि जाबालि , आचार्य रजनीश और महर्षि योगी की तपोभूमि है । जबलपुर की ख्याति उसके नागरिकों ने अपने  संस्कारों से  स्थापित की है इसलिए भारत की आजादी के संत और सेनानी विनोबा भावे जी ने जबलपुर को देश के सर्वाधिक संस्कारवान लोगों की नगरी के रूप में रेखांकित करते हुए इस नगर को संस्कारधानी की उपमा प्रदान की थी ।

कल भारत के  गृहमंत्री जी  देश की संस्कारधानी जबलपुर में अपना राजैतिक  उद्बोधन  दे रहे थे, वे  कांग्रेस के नेताओं को आँख के अंधे कान के बहरे कह रहे थे और  कौवे की उपमा दे रहे थे ।  

उनका यह उद्बोधन न तो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप था न ही संस्कारधानी के संस्कारों के अनुरूप । 

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देश के गृह मंत्री जी ने कल यह भी असत्य कहाँ की कांग्रेस पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिंदुओं, सिखों , जैन ,क्रिश्चियन ,बोद्ध ,पारसी  की नागरिकता के खिलाफ है। 

जबकि कांग्रेस ने कभी इस बात का विरोध नहीं किया कि वो  पड़ोसी देशों के धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए गए लोगों को  नागरिकता दिए जाने का विरोध करती है  । 

कांग्रेस की सरकार जब भी केंद्र में रही है तब हमनें हमेशा बिना धर्म और जाति

 के विभेद के नागरिकता प्रदान की है । 

कांग्रेस ने हमेशा से कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं लाया जाना चाहिए जो बाबा साहब के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ हो जो देश के नागरिकों में धर्म , जाति और भाषा के आधार पर विभेद पैदा करता हो । 

गृह मंत्री जी ने कल गेहूँ खरीदी और किसानों के मुआवज़े का भी जिक्र किया। 

देश के गृहमंत्री जी भलीभांति जानते है कि उनको जो मेमोरेंडम 6621 करोड़ का किसानों के मुआवजे का मैने स्वयं ने सोपा है, उसमें से उन्होंने सिर्फ 1000 करोड़ रु दिए है । 

 

वही गृहमंत्री जी यह भी भली भांति जानते हैं कि  मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को गेँहू पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने का हवाला देकर केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेँहू की खरीदी में कटौती कर दी ।

खेर,  हम समझ सकते हैं, राज्यों में मिल रही लगातार हार गृहमंत्री जी की इस अमर्यादित निराशा का कारण है । 

गृह मंत्री जी ने कल  उम्र को लेकर भी कुछ बात कही है,  तो मुझे एक किस्सा याद आता है ।

एक बार ब्रिटेन के पूर्व  प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के 80 वें जन्मदिन की पार्टी में एक फोटोग्राफर उनसे मिला। फोटोग्राफर ने चर्चिल को शुभकामना देते हुए कहा कि वह आशा करता है कि सौवें जन्मदिन पर भी उसे चर्चिल की फोटोग्राफ उतारने का मौका मिलेगा।

चर्चिल ने तुरंत उसकी बात का जवाब देते हुए कहा कि - नौजवान तुम तो अभी युवा हो और घबराओ मत, 20 साल में तुम्हें कुछ नहीं होगा।

अंततः 

बेहतर होता गृह मंत्री जी जितना कठिन परिश्रम प्रतिपक्षियों की आलोचना करने में कर रहे हैं, उतना कठिन परिश्रम , गिरती हुई  अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सृजित करने में करते ।

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