अमृता सिंह के चुनाव लड़ने से इंकार की वजह

 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नी हैं अमृता

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नी अमृता सिंह ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। आखिर क्या वजह है को लेकर उनसे सिलसिलेवार चर्चा का ब्यौरा....
मैं राजनीति से पूरा वास्ता रखती हूं । पहले विधानसभा चुनाव और फिर अब लोकसभा चुनाव के पहले मेरे चुनाव लड़ने की खबर से मुझे हैरानी हुई । अमृता सिंह ने कहा कि मैं जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर राजनैतिक हूं लेकिन सत्ता की राजनीतिक भागीदारी से दूर हूं ।
आपके राजनीति में आने की संभावना और उसके बाद कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (दिग्विजय सिंह के भाई ) के ट्वीट को लेकर अमृता सिंह ने कहा कि मुझे कई पत्रकारों के फोन आने पर पता चला ।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विधायक भाई लक्ष्मण सिंह का बयान... लोकसभा चुनाव में नेताओं की पत्नियों को चुनाव लड़ाना हानिकारक होगा। मीडिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह की पत्नियों के नाम भावी प्रत्याशी के रूप में चल रहे हैं।

अपने ट्वीटर पर लक्ष्मण सिंह ने जो लिखा है वह जस का तस....

लोकसभा चुनाव में नया चेहरा,जो कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा हो,को अवसर देना चाहिये। पुराने चेहरों पर दांव खेलना,हानिकारक होगा।नेताओं की पत्नियों को लड़ाना,अत्यंत हानिकारक होगा।
अमृता सिंह ने कहा कि मैं इस बारे में राय व्यक्त करना चाहती थी लेकिन पुलवामा घटना के चलते मैंने जवाब दिया जाना उचित नहीं समझा । 
चुनाव लड़ने की खबर जनता की अपेक्षा या राजनैतिक षड़यंत्र को लेकर अमृता का कहना है कि मैं यह नहीं जानती  कि ये जनता की अपेक्षा है या षड़यंत्र लेकिन खबरनबीसों से जरुर शिकायत है कि वो पहले तथ्य परख लेते और फिर खबर बनाते । कम से कम मुझसे बात तो कर लेते । मैं इक पत्रकार भी हूं इसलिए सवाल है कि पत्रकार क्यों अफवाहों पर ध्यान देते हैं ।
राजनीति से अरुचि तो नहीं के सवाल पर अमृता सिंह का कहना था कि मेरे जीवन का सर्वोत्तम अनुभव नर्मदा परिक्रमा रहा है । बीस साल पत्रकारिता की है । मुझे पब्लिक के बीच रहना अच्छा लगता है। मैं टीवी न्यूज़ चैनल के लिए एक कार्यक्रम पब्लिक एजेंडा 4 मार्च से शुरू कर रही हूं। जो स्वराज एक्सप्रेस (न्यूज़ प्लेटफार्म) पर आ रहा है। पब्लिक के साथ हूं । चौथा स्तंभ के सदस्य होने के कारण उस ज़िम्मेदारी को पूरा करना है ।
एक बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्य होने के नाते
अगर राजनीति में आने की संभावना बनती है तो
या जनता मांग करती है आपके चुनाव लड़ने की तो उनका कहना था कि मैं परिवार की राजनीति में विश्वास नहीं करती पर जो अच्छा काम करेगा वो आगे आएगा । अपने आप को प्रोजेक्ट करने की बजाय जनता को तय करने दें। नेता को जनता के प्रति संवेदनशील होना होगा ।
अगर दिग्विजय सिंह आपको राजनीति में आने के लिए प्रेरित करते हैं तब क्या आप मैदानी राजनीति करेंगी । इस पर अमृता सिंह का कहना है कि दिग्विजय सिंह जी को चालीस साल का अनुभव है । मैं उनके काम की कद्र करती हूं और उनकी राजनीति की कायल भी हूं । दिग्विजय सिंह जी इस तरह की अव्यवहारिक बात नहीं कर सकते ।
क्या अमृता सिंह के राजनीति में आने की संभावना से इंकार भविष्य की संभावना कि आत्मघाती कदम नहीं माना जाए।
उन्होंने कहा कि मेरी राजनीति में दिलचस्पी जरुर है और किसी भी संभावना को पीछे नहीं रखा जा सकता ।

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