अपने बच्चों का बचपन बचाएं

 

 

 

तो फिर इन मासूमों को क्यों नहीं ?

 

खबरनेशन / khabarnation

 

सरकारी नौकरीपेशा और आजकल तो निजी क्षेत्रों और बैंकों में भी " फाइव डेज वीक  " का नियम लागू हो गया है , तो हम क्यों इन मासूमों को सजा दे रहे हैं।जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ स्कूल और कालेज जाने वाले बच्चों की । क्यों ना हम इनके लिए एक मुहिम छेड़े कि इनके स्कूल कालेज के दिन पांच दिन के किए जाएं । इसी के साथ ही प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के स्कूल का समय सुबह दस बजे के पहले ना हो ।

मकसद सिर्फ इन मासूमों का तनाव कम और नैसर्गिक विकास ज्यादा है। भले हम इनका स्कूल टाइम बड़ा दें या फिर सोमवार से शुक्रवार के बीच आने वाले अनावश्यक अवकाश को खत्म कर दें ।

मेरा मानना है कि इससे दो फायदे होंगे बच्चों का नैसर्गिक विकास तो होगा ही शैक्षणिक कार्यों में जुटे अध्यापकों का भी एक जैसा बना रहने वाला तनाव कम होगा।

*खबर नेशन. कॉम अपने बच्चों का बचपन बचाएं* अभियान शुरु करने जा रहा है अपनी सहभागिता प्रदान करे. ।

*जनहित में एक विचार है आप अपने भी सुझाव दे सकते है ।*

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