उपचुनाव तय करेंगे शिवराज- कमलनाथ की मध्यप्रदेश से रुखसती

 

खंडवा में लोकसभा और पृथ्वीपुर , जोबट, रैंगाव में विधानसभा के लिए होगा मतदान
गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

भोपाल। मध्यप्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा प्रदेश कांग्रेस  अध्यक्ष कमल नाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भविष्य का फैसला करेंगे । मुख्य मुकाबला दोनों के बीच रहना है । विगत घटनाक्रमों पर नजर डाली जाए तो आने वाले चुनाव परिणाम कमलनाथ और शिवराज की मध्य प्रदेश से रुखसती को लेकर फैसला तय करेंगे

भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया। प्रदेश की एक लोकसभा सीट खंडवा, तीन विधानसभा सीटों जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव में 30 अक्टूबर को मतदान होगा। परिणाम दो नवंबर यानी धनतेरस के दिन आएगा। 

इसलिए हो रहे उपचुनाव

खंडवा लोकसभा सीट भाजपा सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई। इसके अलावा पृथ्वीपुर विधानसभा सीट कांग्रेस पूर्व मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर के निधन से खाली हुई। जोबट विधानसभा सीट कांग्रेस के कलावती भूरिया के निधन से खाली हुई, जबकि रैगांव विधानसभा सीट भाजपा के जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई।


गौरतलब है कि कांग्रेस के समान ही भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी जबरदस्त तौर पर व्याप्त हो गई है । कांग्रेस में जहां कमलनाथ के पास नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के दोनों पद पर काबिज रहने को लेकर अन्य नेताओं में एक पद पर आने की छटपटाहट है । वहीं भाजपा में सत्ता की मलाई को लेकर लगभग आधा दर्जन नेताओं की महत्वाकांक्षा कुलांचे भर रही है। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय , मध्यप्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा , केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल , केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया , मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा , पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के नाम प्रमुख तौर पर सामने आते रहते हैं । कांग्रेस में जहां राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भविष्य की प्रदेश कांग्रेस को अपने गुट के किसी नेता के कब्जे में चाहते हैं । वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह, सज्जन वर्मा, बाला बच्चन , जीतू पटवारी ,  जयवर्धन सिंह , विजय लक्ष्मी साधौ , पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव अपनी लाटरी खुलने का इंतजार कर रहे हैं । 
दोनों ही दलों में सत्ता का संघर्ष गाहे-बगाहे सामने आता रहता है ।

भाजपा इसलिए झोंकेगी ताकत
खंडवा लोकसभा: निमाड़ की इस लोस सीट के लिए कांग्रेस से अरुण यादव की दावेदारी है। अर्चना चिटनीस, कृष्णमुरारी मोघे और कैलाश विजयवर्गीय के साथ हर्ष सिंह चौहान की दावेदारी से भाजपा में असमंजस है। राजपाल सिंह तोमर के नाम पर भी मंथन चल रहा है।
जोबट विधानसभा: यह विस सीट आदिवासी बहुल है। 2018 के चुनाव में यह वर्ग भाजपा से नाराज रहा था। इस वर्ग का विश्वास जीतना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। इस वर्ग को अपने समर्थन में लाने के लिए हाल ही में वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति की गई है।
रैगांव विधानसभा: विंध्य क्षेत्र की इस सीट पर अजा वर्ग के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। इस सीट पर कब्जा बरकरार रखना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर है।
पृथ्वीपुर विधानसभा: बुंदेलखंड क्षेत्र की इस सीट पर सामान्य और पिछड़ा वर्ग का दबदबा है। आर्थिक असमानता बड़ी समस्या है। कांग्रेस यहां से आगे रही है।

ये होंगे चुनावी मुद्दे
कांग्रेस उपचुनाव में महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना संकट जैसे हालातों पर सरकारी की नाकामी जनता को बताएगी। प्रचार या सभाओं में मोदी-शिवराज से ज्यादा लोकल नेताओं को टारगेट पर रखा जाएगा। इसी तरह लोकल मुद्दों में सड़क, पेयजल, बिजली समेत किसान कर्ज, प्राकृतिक आपदा, सूखे की मार, बढ़ते अपराध आदि मामले उठाएंगी।

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