बुन्देलखण्ड पैकेज मे भ्रष्टाचार: श्री रणदीपसिंह सुरजेवाला जी

खबरनेशन / Khabarnation

 

*जो सरकार हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी दोषियों को दे ना पाये सजा*।। 

* 29 विधानसभाओं मे  2100करोड़ का हुआ खुला भ्रष्टाचार*

 06 जिलों में जहां 9 विभागों के सैकड़ों नही अनगिनत कामों की विजिलेन्स विभाग द्वारा दिऐ जांच  प्रतिवेदन के आधार पर 300 से अधिक जनों पर भ्रष्टाचार परख कार्यवाही सवालों के घेर मे .*पवनघुवारा का बुन्देलखण्ड पैकेज पर ससत् सघर्ष रत* ...।

 

 बताया कि....

    सर्तकता विभाग की जांच के आधार  सामान्य प्रशासन विभाग ने जो जानकारी दी वह चौंकाने वाली सात विभागों के 200 अफसरों-कर्मचारियों को कटघरे में खड़ा किया गया है।

 

■वन विभाग के 31 अधिकारियों व कर्मचारियों जिला पन्ना के खिलाफ विभागीय जांच की गई। (जे एस सामरा की शिकायत पर)

■कृषि कल्याण विभाग के तत्कालीन उप संचालक जे.आर. हेड़ाऊ, पशुपालन विभाग के तत्कालीन उप संचालक वी.के. तिवारी के खिलाफ भी विभागीय जांच की गई।

 

■लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 15 कर्मचारियों को अनियमितता में लिप्त पाया ।

■जल संसाधन विभाग के 91 अधिकारी घेरे में आए। 

■उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के दो अफसर आर.एस. पटेरिया व रमेश चंद्र मिश्रा को अनियमितता में लिप्त होने का आरोपपत्र जारी किया गया।

 ■पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 22 अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किए गए।

■वहीं पन्ना जिला के अलावा शेष जिलों मे वन विभाग के 34 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई या यूं कहें कि उन्हें अनियमितता के लिए प्रारंभिक तौर पर दोषी पाया गया है। कई के खिलाफ आरोप पत्र पेश हुए । 

*पवनघुवारा ने माग की हे कि* •••••

 ■बुन्देलखण्ड पैकेज में हुये भ्रष्टाचार पर की गई विभागीय कार्यवाही की समीक्षा हेतु बिजलेन्स जांच समिति बनाकर समीक्षा कराई जावे* ताकि भ्रष्टाचार के साथ शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वाले  दोषी जाने पर विधिसम्मत कार्यवाही समय सीमा मे हो सकें।

 

■बुन्देलखण्ड पैकेज मे भ्रष्टाचार करने पर विभागीय कार्यवाही को भी इस प्रकार से किया गया था/किया जा रहा है ताकि सेवानिवृत्त के कार्यकाल चार वर्ष का लाभ देकर बचाया जा सके जबकि उक्त नियम पर म.प्र. की कैबिनेट द्वारा दिनांक 12 सितम्बर 2017 को अपने फैसला लिया कि बुन्देल पैकेज में भ्रष्टाचार करने वाले सेवानिवृत्ति के चार साल वालें पर भी दोषियों पर कार्यवाही होगी। लेकिन विभागों द्वारा उक्त नियम का हवाला देकर बचाया जा रहा है। ◆अतः 12 सितम्बर 2017 म.प्र. कैबिनेट फैसला को सख्ती से लागू कराया जाये ताकि सेवानिवृत्त नियम के आधार पर नहीं बचाया जाये। कार्यवाही हो ताकि भविष्य मे इस प्रकार के नियमों का लाभ भ्रष्टचारी न ले सकें। 

 

■  मुख्य तकनीकि परीक्षक (बिजलेन्स) द्वारा रेन्डम आधार पर निम्न विभागों की वन , किसान कल्याण,कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास , पशुपालन उद्यानिकी खाद्य की गई जो जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग में जमा हो चुका है जिस पर कार्यवाही हेतु समस्त विभागो तक विभागीय कार्यवाही हेतु भेजा गया। जहां विभागीय कार्यवाही कही न कही कमजोर (विचारणीय स्थिति) साबित हो रही है। उदाहरण के रूप में संलग्न जांच पशुपालन विभाग प्रतिवेदन जिसमे विजेन्लस द्वारा समस्त छह जिलों के उपसंचालको पर अपने दायित्व का निर्वाह सही ढंग से नहीं करने का उल्लेख किया गया जबकि विभागीय जांच में केवल एक अधिकारी पर कार्यवाही का उल्लेख हो रहा है। इसी तरह से वर्ष 2013 मे की गई वन विभाग की जांच जिसमे स्कूटरो के नम्बरों की ट्रक का नम्बर दर्शाकर 5-5 टन के पत्थर ढोने का कार्य किया गया। जो जांच मेआया लेकिन कार्यवाही के नाम कुछ भी नहीं।

■उक्त सम्बंधित मांगो पर अधारित पवनघुवारा द्धारा प्रेशित पत्रो पर•••माननीय श्री मुकेश नायक जी विधायक ने पत्र क्रमांक mla/3025/18दिनाक२6/6/2018 को माननीय अध्यक्ष महोदय जी   म.प्र. विधानसभा एव  सरकार के पास पत्र भेजकर पूछा है कि निम्न जनहितार्थ पत्रो पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई विषयांतर्गत निम्न पत्र जो शासन के पास जनहितकारी काफी समय से लम्बित है पत्रो विवरण  इस प्रकार कि प्रधानमंत्री कायालर्य द्धारा म.प्र.शासन हेतु कार्य वाही पत्र .क्रमांक ..

1 .PMOPG/D/2017/0448166 

2.PMOPG/D/2018/0219726

3.PMOPG/D/2018/0171520

4.PMOPG/D/2018/0183045

है साथ ही म.प्र.मुख्यमंत्री हेल्प लाईन पर पत्र क्रमांक ..1CM-HELPLINE 6157290

 2.CM-HELPLINE /5927078

3 .CM-HELPLINE /6157479

4.CM-HELPLINE /6157132

5.CM-HELPLINE /6157638

6.CM-HELPLINE /6157760

7.CM-HELPLINE /5939874

पर र्दज है  व  लोक सेवा प्रबंधन विभाग मे शिकायत क्रमांक 10130029 दिनाक16.10.2017

एवं मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय मे अभ्यावेदन क्रमांक 1023  से सम्बंधित जानकारी ।उक्त सभी पत्रो क्या कार्य वाही की गई है जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु समय से ताकि विधानसभा सत्र मे आनुवांशिक र्चचा भी हो सके ।

 

पवनघुवारा विस्तार से बताया कि.....

■ बुंदेलखंड पैकेज के रूप में 'मध्य प्रदेश को 3,860 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। स्वीकृत राशि में से सागर जिले में 840• 54 करोड़, छतरपुर जिले में 918•22 करोड़, पन्ना जिले में 414•19 करोड़, दमोह जिले में 619•12 करोड़ टीकमगढ़ जिले में 503•12 करोड़ दतिया 331 करोड़ रुपये से विकास कार्य किए जाने थे, जिसमें 2100 करोड़ रुपये सरकार भी विभिन्न योजनाओं में खर्च कर चुकी।

 

■सिंचाई विभाग को आवंटित 880 करोड़ की राशि में से करोड़ों रूपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया ।

 ■ ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा 210 करोड़ की लागत से बनाए गए 350 स्टापडेम में पहली बारिश में बह गये । 

■पशु पालन विभाग में तो 81 करोड़ में से अधिकांश राशि 

अधिकारियों के खातेे मे जमा होकर गायब हो गई ।  जांच में पाया गया कि जो राशि को हितग्राहियों के खातेां में जमा होना था वो पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने स्वयं के खातों में जमा करा ली । जो बकरियां, मुर्रा भैंस वितरित की गई उन्हें कागजों मेें ही बांट दिया गया। ■उद्यानिकी विभाग ने 66 करोड़ रूपये किसानों उद्धार की अपेक्षा अफसरों की जेबों में चला गया।  

■ कृषि विभाग में 574 करोड़ के साथ●कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 242 करोड़ रूपए एवं ●वेयर हाउसिंग लाॅजिस्टिक्स के द्वारा 169 करोड़ रूपए खर्च किये, लेकिन जनता को लाभ नहीं मिला । उक्त तीनों संस्थाओं द्वारा 67 स्थानों पर मंडिया, 27 स्थानों पर हाट बाजारों का निर्माण कार्य में तकनीकी अनियमितताएं मिली। 

■100 करोड़ की लागत से 1287 नलजल योजनाएं निर्मित कराई गई, मगर इनमें से 997 तो अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई । 

■वन विभाग में 107 करोड़ की राशि से स्कूटरों एवं मोटर साईकिलों के नंबरों पर सैकड़ों टनों के पत्थर ढुलाई का काम करने की अनियमितताएं सामने।

★बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए मा.राहुल गांधी जी के विषेश प्रयासों से मा.डा.मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री ने वर्ष2008/09मे बुन्देलखण्ड को विशेष पैकेज केंद्र की यूपीए सरकार ने मप्र को 3860 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज मंजूर किया था।

जहां म.प्र.सरकार ने 2100 करोड़ खर्च किऐ बाकी राशि मा.शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री ले नहीं पाये ना ही केंद्र सरकार के पास उपयोगिता प्रमाण जमा हुआ।

बुंदेलखंड पैकेज के भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पवनघुवारा ने  2/5/2014 फाईल,

 पिटीशन क्र.16108/2014,हाईकोर्ट  फैसला दिनांक24/11/2014,मुख्य सचिव जी द्वारा पत्रक्रमांकएफ-11--3/2015/1/10दिनांक20/2/2015को,जाच आदेश 

 

 

जो सरकार हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी दोषियों को दे ना पाये सजा वह भी भ्रष्टाचार पर जहाँ 29 विधानसभाओं मे हुआ खुला दुरूपयोग

विशेष पैकेज की राशि 3600 करोड़ से हुये  06 जिलों में जहां 9 विभागों के सैकड़ों नही अनगिनत कामों की विजिलेन्स विभाग द्वारा दिऐ जांच  प्रतिवेदन के आधार पर 300 से अधिक जनों पर भ्रष्टाचार परख कार्यवाही सवालों के घेर मे .

*बुन्देलखण्ड पैकेज पर ससत् सघर्ष रत पवनघुवारा* ...।सागर संभाग में सहकारिता घोटाला काफी वर्षों से चल रहा है और अपेक्स बैंक तक जुड़ा हुआ है यदि सहकारिता सघ, सहकारिता बैंको को विगत पांच वर्षों के कार्यकाल की जांच बिजलेन्स विभाग द्वारा सागर संभाग के सभी जिलों की होने पर मामा सरकार की कथनी -करनी की पोल ही नहीं ढाल चाल पता हो जाऐ गी।

 

■किसानों की लगातार आत्महत्या के कारण में कृषि विकास विभाग एवं किसान कल्याण से जुड़े हुये विभिन्न विभाग जैसे कि- मछुआ कल्याण, मत्स्य विकास,उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण कुटीर एवं ग्रामोद्योग, पशुपालन, सहकारी संघ मर्यादित, राज्य बीज एवं फार्म विकास, राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, राज्य कृषि विपणन बोर्ड राज्य सहकारी बैंक मर्यादित स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज, डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन लिमिटेड, कृषि उत्पादन, मण्डी बोर्ड, कृषि अभियांत्रिकी सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, ग्रामीण रोजगार आदि द्वारा लगातार विगत वर्षों से किसानों को तरह-तरह से गुमराह कर भ्रष्टाचार किया जाता है। और वितरण सामग्री की गुणवत्ता खराब एवं किसान क्रेडिट मे विभिन्न तरीकों से गोलमाल कर दिया जाता है जिसमें किसान कुछ ही समय मे परेशानी एवं एक बड़े कर्ज की ओर चला जाता है जिससे वह आत्महत्या जैसी परिस्थितियों पर जाने को मजबूर हो रहा है। ◆अतः कृषि विभाग एवं किसान कल्याण से संबंधित सभी बोर्ड एवं संघ व विभागों के पांच वर्ष के कार्यकाल की समीक्षा विजिलेन्स द्वारा पूरे सागर संभाग की होनेेपर सरकार की ओर पोल के अन्दर दिखाई देगी

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