बिल्डर ने की कैट और रेल्वे कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी

निरस्त अनुमतियों के बाद भी कर रहा मल्टी स्टोरी का निर्माण

खबरनेशन / Khabarnation

रेल विभाग और राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र के कर्मचारियों के साथ बिल्डर ने करोड़ों की धोखाधड़ी कर डाली। अपने बैखौफ होंसलों के साथ उक्त बिल्डर निरस्त भवन अनुमतियों के बाद भी बहुमंजिला भवन का निर्माण करे जा रहा हैं।

गौरतलब हैं कि इंदौर जिले की राऊ तहसील के खसरा क्रमांक 544/1/2 एवं सर्वे नम्बर 544/1 कुल रकबा पर 0.214 हेक्टेयर भूमि पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग एवं राऊ नगर परिषद द्वारा P+3 बिल्डिंग के निर्माण की अनुमति रमेश रेसी़डेंसी को जारी की गई थी।

सूत्रों के अनुसार बिल्डर मनवीर सिंह छाबड़ा ने रमेश रेसीडेंसी के लगभग 24 फ्लैट में से 22 फ्लैट रेल्वे के रिटायर्ड कर्मियों और राजा रमन्ना प्रोद्यौगिकी केन्द्र के कर्मचारियों को बेच डालें। प्रोजेक्ट शुरू होने के तीन साल बाद उक्त बिल्डर ने निर्माण अनुमतियों में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से संशोधित अनुमति प्राप्त कर ली। खबरनेशन के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार उक्त अनुमति प्राप्त करने के दौरान नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को बिल्डर द्वारा अंधेरे में रखा गया। संशोधित अनुमति प्राप्त करने के लिए बिल्डर ने सड़क की वास्तविक चौड़ाई को छुपाया। इसी के साथ ही सड़क को मानचित्र से विलोपित करवाकर उक्त स्थान पर बगीचा एवं सर्विस एरिया का उल्लेख कर डाला। बिल्डर द्वारा निर्माणाधीन बिल्डिंग को भी प्लॉट पर रिक्त निर्माण के तहत दर्शा डाला। इस संदर्भ में बिल्डर ने झूठा शपथ पत्र दे डाला।

बिल्डर की धोखाधड़ी राऊ नगर परिषद के रिकॉर्ड पर दर्ज हो गई। राऊ नगर परिषद ने जारी की संशोधित अनुमति में P+3 बिल्डिंग को निर्मित होना बता दिया। 

बिल्डर के धोखे से नाराज फ्लैट क्रेताओं ने राऊ नगर परिषद और संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग इंदौर को शिकायत की तो जॉच उपरांत राऊ नगर परिषद और संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने संशोधित अनुमतियों को निरस्त कर दिया।

इस मामले की शिकायत डी.आई.जी. पुलिस इंदौर एवं ई.ओ.डब्ल्यू. को भी की गई हैं। फ्लैट क्रेताओं का कहना हैं कि जब हमें बिल्डर ने फ्लैट बेच दिए थे और सारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली थी तो उसे नक्शें और अनुमतियों में संशोधन का अधिकार ही नहीं रह जाता हैं। बिल्डर ने संशोधित अनुमति प्राप्त कर हमारे साथ धोखाधड़ी की हैं।

पुलिस इस पूरे मामले में बिल्डर को बचाने का प्रयास कर रही हैं। बताया जाता हैं कि उक्त बिल्डर मनवीर सिंह छाबड़ा इंदौर के एक भाजपा नेता का नजदीकी रिश्तेदार हैं। 
 

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