बूथ मेपिंग और काल सेन्टर बनी " वक्त है बदलाव का " की ताकत
खबर नेशन /Khabarnation
मध्यप्रदेश में काँग्रेस की पंचलाईन वक्त है "बदलाव का" की ताकत वार रूम के बूथ मेपिंग और काल सेंटर बन गया। लगभग बीस प्रोफेशनल्स और सौ कर्मचारियों की टीम ने लगभग साढ़े पाँच माह में बूथ लेबल के कार्यकर्ताओं में जोश जगा दिया । मध्यप्रदेश काँग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के पद संभालने के साथ ही पन्द्रह दिन के भीतर वार रूम ने काम करना शुरू कर दिया था। सबसे पहले बूथ मेपिंग का काम किया गया। पिछले दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर बूथों को चिन्हिंत किया गया। वार रूम सूत्रों के अनुसार भाजपा के मजबूत बूथ , काँग्रेस के मजबूत बूथ और स्वैपिंग वाले बूथों को छांटा गया । इसके बाद हर दिन सौ लोगों की टीम ने बूथ कार्यकर्ताओं से सम्पर्क कर मौजूदा हालातों पर संपर्क साधना शुरू किया । प्रत्याशी घोषित होते ही प्रत्येक प्रत्याशी को उनकी विधानसभा की एक बुकलेट दी गई। जिसमें संपूर्ण जानकारी थी कि किस बूथ पर कौन कौन कार्यकर्ता है। किन बूथों पर मेहनत कम ज्यादा करना है। वॉर रूम पूर्ण रूप से प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को ही अपनी रिपोर्ट देता रहा। वॉर रूम के सभी लोगों को ताकीद किया गया था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बात को गंभीरता पूर्वक सुनना हैं लेकिन अमलीजामा कमलनाथ के निर्देश के बाद ही पहनाना है।
काँग्रेस सूत्रों के अनुसार इस वार रुम का इंचार्ज प्रवीण कक्कड़ को बनाया गया था। इसी के साथ ही राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अभिभाषक विवेक तनखा एवं वरिष्ठ अभिभाषक शशांक शेखर के नेतृत्व में एक लीगल सेल भी ज्वाइंट की गई। इस सेल ने विधानसभा के प्रत्याशी नामांकन से लेकर अंत तक आनलाईन समस्याओं का निराकरण और सलाह देने का काम किया।
वार रूम के साथ कांग्रेस की अन्य कमेटियों को जोड़ा गया। सोशल मीडिया पर प्रचार की रणनीति को अमलीजामा पहनाया गया।
इसी के साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सूक्ष्म विश्लेषण किया गया और आरोप प्रत्यारोप के जबाव तैयार किए गए। इसी के साथ ही सरकारी घपले घोटालों के तथ्यात्मक विश्लेषण कर मुद्दा बनाया गया। खासकर कृषि से जुड़े मुद्दों पर विशेष कार्य किया गया । वॉर रूम ने स्टार प्रचारकों की सभा और दौरे के बाद फीडबैक भी लिए।जो आगे की रणनीति बनाने के काम आए। इस पूरे वॉर रूम की जो सबसे प्रभावित करने वाली बात रही वह आला दर्जे के पेशेवरों का बिना भुगतान लिए काम करना रहा।