भाजपा और काँग्रेस के एक दूसरे पर वार

भाजपा और कांग्रेस के एक दूसरे पर वार 

 

कल काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंदसौर यात्रा को ले कर सत्ताधरी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच एक दूसरे पर वार का दौर शुरू हो चुका है।

 इस तरह का वार एक तरह से कोई बहुत बडी बात इसलिये भी नहीं मानी जा सकती क्योंकि कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंदसौर गये और उन का कार्यक्रम कोई बहुत सफल नहीं रहा था।

ऐसे में यह तो जाहिर ही है कि भाजपा यह तो कतई नहीं चाहेगी कि राहुल का कार्यक्रम सफल हो या उस में काफी भीड आ जाये। 

दूसरी और राहुल के कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिये कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक देगी।
मंदसौर वो जगह है जहाँ पर पुलिस फायरिंग में पिछले साल आंदोलन कर रहे छह किसान अपनी जान गंवा बैठे थे।
ऐसा कहा जा रहा है कि कल के राहुल के कार्यक्रम में मंच पर मारे गये किसानोँ के परिवारजन भी होंगे।

मंदसौर का महत्व इस कारण से भी बढ गया है क्यांकि इस साल के अंत में प्रदेश में विधान सभा  चुनाव होने वालेे हैं और भाजपा और कांग्रेस दोनों यह बता देना चाहते हैं कि वे पूरी तरह से किसानों के साथ है।

प्रदेष के मंत्री विश्वास सांरग ने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को यह डर है कि कल का राहुुल कार्यक्रम फेल हो जायेगा और इस कारण से वो कुछ भी कह रहे है।

भाजपा के एक और नेता प्रभात झा ने कहा कि अगर राहुल को किसानों की इतनी ही चिंता है तो वो फायरिंग के बरसी के पहले किसानों से मिलने क्यों नहीं आये।

झा के अनुसार अगर इस साल चुनाव नहीं होते तो राहुल कभी भी मंदसौर नहीं आते।

कांग्रेस का यह कहना है कि भाजपा बातें तो बहुत करती है पर दरअसल उस ने किसानों के लिये कुछ भी खास नहीं किया है।

पार्टी का यह भी कहना है कि अभी तक मंदसौर फायरिंग की जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है और यह बताती है कि भाजपा किसानों के प्रति कितनी गंभीर है।

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