राकेश सिंह समिति से गायब और भाजपा की समिति में तीन मृत और तीन अपात्र


तोमर से लेकर राकेश तक संविधान के विपरीत चलाते रहे मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को 

कुलीनों के कुनबे को बनाया सर्कस
खबर नेशन / Khabar Nation
 मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से लेकर राकेश सिंह अपने पूरे कार्यकाल में संगठन को भाजपा संविधान के विपरीत चलाते रहे । सिर्फ राकेश सिंह ही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी अपने अधिकारों का प्रभावी तरीके से उपयोग नहीं कर पाए । नंदू भैया के कार्यकाल में भाजपा संगठन के शिवराज सिंह चौहान सरकार के आगे नतमस्तक होने का आरोप भी लगता रहा है ।
गौरतलब है कि भाजपा संविधान की धारा 28 के मुताबिक पार्टी के संगठनात्मक और विधाई पक्ष में समन्वय के लिए प्रदेश अध्यक्ष 7 सदस्य समन्वय समिति का गठन करता है। प्रदेश अध्यक्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष होते हैं। इसके सदस्यों में से तीन सदस्य प्रदेश कार्यसमिति और तीन विधानमंडल दल से लिए जाते हैं । विधानमंडल दल से लिए गए सदस्यों में से एक विधायक दल का नेता होगा । यह समिति केंद्रीय संसदीय बोर्ड के निर्देशन और देखरेख में काम करेगी । मध्यप्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद ना तो राकेश सिंह ने और ना ही नंदू भैया ने समन्वय समिति का गठन किया । पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के कार्यकाल में गठित हुई समन्वय समिति 2013 से काम कर रही है । इस समिति में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, अरविंद मेनन, शिवराज सिंह चौहान, सुंदरलाल पटवा ,कैलाश जोशी ,जगन्नाथ सिंह, जयंत मलैया ,कैलाश विजयवर्गीय हैं । 
समन्वय समिति को अनदेखा किया जाना 2013 में गठन के साथ ही शुरू हो गया था । 2013 विधानसभा चुनाव के पूर्व पोकरण विस्फोट की तर्ज पर हटाए गए प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा की जगह लेकर बने प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के कार्यकाल में भी समन्वय समिति घोषित तो जरूर हुई लेकिन एकाध बैठक ही हो पाई थी । विधानसभा चुनाव 2013 के बाद संभवतः समन्वय समिति की बैठक ही नहीं हुई । इस बात का पता इससे चलता है कि  2013 का विधानसभा चुनाव जगन्नाथ सिंह हार गए थे । 
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के कार्यकाल में पुरानी समन्वय समिति ही कार्य करती रही । क्योंकि नंद कुमार सिंह चौहान 16 अगस्त 2014 को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने ।  नंदू भैया की समिति में प्रदेश से रुखसत हुए प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन बरकरार बने रहे । अगस्त 2015  में पूर्व विधायक जगन्नाथ सिंह की मृत्यु हो गई । इसी दौरान समन्वय समिति के एक और सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का भी 28 दिसंबर 2016 को निधन हो गया ।
18 अप्रैल 2018 को मध्यप्रदेश के नये प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह नियुक्त कर दिए गए । राकेश सिंह दो मृत सदस्यों की समन्वय समिति को लेकर अपना काम चलाते रहे । दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई । विधानमंडल दल के नेता के तौर पर गोपाल भार्गव को लेकर समन्वय समिति घोषित की जाना चाहिए लेकिन नयी समन्वय समिति बनाई ही नहीं गई । एक और मजेदार घटनाक्रम रहा 2018 के बाद की समिति में शामिल कैलाश विजयवर्गीय ने 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा तो समिति में शामिल दूसरे सदस्य जयंत मलैया विधानसभा चुनाव हार गए ।
हालांकि हाल फिलहाल भाजपा के संगठन चुनाव चल रहे हैं और समन्वय समिति के एक और वरिष्ठ सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का भी कुछ ही दिन पूर्व निधन हो गया है ।

Share:


Related Articles


Leave a Comment