नेत्रहीन धर्मेंद के हौसले को सामाजिक संस्थाओं और एडवरटाइजिंग एजेंसी ने दी नई उड़ान


कल्किराज डाबी /खबर नेशन /Khabar Nation
देवास। शहर में कई ऐसे लोग मिलेंगे जो नेत्रहीन, दिव्यांग व मुखबधिर है और भीख मांगकर अपना गुजारा करते है। लेकिन धर्मेन्द्र सेंधव नेत्रहीन होने के बावजूद भीख नही मांगते और मेहनत करके गुजारा करते है। नेत्रहीन सेंधव पूर्व में एक होटल पर कार्य करते थे, लेकिन वह होटल बंद हो जाने के कारण यह काम से बेबस हो गए थे। तत्पश्चात लोकडाउन के बाद से उन्होंने कैलेण्डर व अन्य सामग्री शहर की विभिन्न मोहल्ले और गली गली में जाकर  करके बेचना शुरू कर दी थी ।मुहिम धर्मेंद जी के हौसले के तहत धर्मेन्द्र की स्थिति को देख कई सामाजिक संस्था  और एडवरटाइजिंग एजेंसी आगे आई और धर्मेंद्र सेंधव जी की  सयाजी द्वार स्थित रामदेव बाबा मंदिर के पास एक अस्थाई दुकान लगवाई  शहर की  डब्बू एडवरटाईजिंग, संस्था सांई सेना, बप्पा क्रिएशन, रोटरेक्ट क्लब देवास एवं वीजे फोटोवाला आदि धर्मेन्द्र के हौंसले को देखते हुए उन्हें सयाजीद्वार पर फ्लेक्स बेनर लगाकर अस्थाई दुकान लगवाई, ताकि यहा से गुजरने वाले राहगीर इनसे सामान खरीद सके। धर्मेन्द्र ने बताया कि कई लोग स्वस्थ होकर भी दूसरों पर निर्भर रहते है और चाहते है कि उनका गुजारा चलता रहे। धर्मेन्द्र का हौंसला इतना बुलंद है कि नेत्रहीन होते हुए भी खुद पर निर्भर रहकर पैसे कमाना व पढ़ाई करना भी चाहते है। संस्थाओं ने शहरवासियों से अपील की है कि नेत्रहीन धर्मेंद जी से सयाजीद्वार से कैलेण्डर खरीदे और असहाय की मदद कर हौंसला बढ़ाए। ,,,, बाइट, धर्मेंद्र सेंधव,,, देवास से कल्किराज डाबी की रिपोर्ट््ट

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