दलित और आदिवासी अब प्रदेश में सुरक्षित नही :- गोपाल भार्गव

 

 प्रदेश में संवेदनहीन शासन और निर्लज्ज प्रशासन

नेता प्रतिपक्ष ने कहा प्रदेश में दलित और आदिवासियों पर अत्याचार कब थमेगा?

खबर नेशन / Khabar Nation 

भोपाल। पहले दलित धन प्रसाद और अब मुख्यमंत्री के गृह जिले की आदिवासी बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना बेहद चिंताजनक और दिल दहला देने वाली है। प्रदेश में दलित और आदिवासियों पर यह अत्याचार कब थमेगा। मुख्यमंत्री बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उनके ही गृह नगर में  एक आदिवासी नाबालिक बेटी का अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म कर उसे जंगल में मार कर फेंक देते हैं। मुख्यमंत्री जी क्या आपका छिंदवाड़ा मॉडल यही है?  यह बात नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना क्षेत्र के पाटई गांव में नाबालिक आदिवासी बेटी के साथ दुष्कर्म ओर हत्या की घटना पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल करते हुए कही।

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा क्षेत्र के पाटई गांव में आदिवासी नाबालिग बालिका को 18 जनवरी की रात उसके घर से उठा आरोपी ले गए थे। नरपिशाचों ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर लाश जंगल मे फेंक दी। 25 जनवरी को नाबालिक की लाश मिलती है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बदले परिजनो से रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर पुलिस ने परिजनों को लाश लौटा दी।  इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब मध्यप्रदेश आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार का प्रदेश बन चुका है। लगातार पीड़ित शोषित वर्ग पर अत्याचार बढ़ रहे है। यह घटना सभ्य समाज मे हमें सोचने को मजबूर करती है कि प्रदेश किस ओर जा रहा है।

कांग्रेस ने शासन को धन उगाही का साधन बनाया

नेता प्रतिपक्ष ने इस घटना में शासन- प्रशासन के रवैये की निंदा की है। उन्होंने कहा कि शासन का काम शोषित वर्ग को न्याय देना लेकिन प्रदेश में कांग्रेस न्याय करने के बजाए इसे धन उगाही का साधन बना चुकी है। पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भी 5 हजार रुपये की मांग करती है। 13 दिन बाद भी सरकार को इसका होश नहीं आता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के गृह जिले में एक गरीब को पोस्टमार्टम के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में थानों पर किस तरह धन उगाही होती है।

एक साल में अंधेर नगरी बना मध्यप्रदेश

नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि कमलनाथ जी आप नींद से जागे मध्यप्रदेश में कब तक बेटियां दुष्कर्म की शिकार होती रहेंगी। सरकार पुलिस अफसरों के तबादले करने में जुटी हुई है तो वहीं आदिवासी नाबालिग के साथ  दुष्कर्म की घटना हो गई। दलितों को जिंदा जलाया जा रहा है। तो वहीं बेटियों को दुष्कर्म का शिकार बनाया जा रहा है। सरकार छोटे और गरीब लोगों की सुध भी ले। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पूरी सरकार अवैध काम-धंधों में जुटी हुई है। हर कोई कमाने में लगा हुआ है। दलित और आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। मध्यप्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बुरी तरह बिगड़ी हुई है। 1 साल में मध्यप्रदेश अंधेर नगरी बन चुका है।

नरपिशाचों को कड़ा दंड और पीड़ितों को न्याय दें सरकार

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना बड़ी ही वीभत्स है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी इस आदिवासी परिवार को न्याय दें। अपने क्षेत्र के इस गरीब आदिवासी की रक्षा कर प्रदेश के दलित शोषित आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने उपाय करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से मांग करता हूँ कि पीड़ित परिवार को न्याय दें। उनको आर्थिक सहायता दे। ओर इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले नरपिशाचों पर कठोर दण्ड दिलवाएं। इस गंभीर मामले में जिन पुलिस वालों ने उदासीनता दिखाई और संवेदनहीनता दिखाई उनपर भी कठोर कार्रवाई हो।

Share:


Related Articles


Leave a Comment