एनडीपीएस के बड़े-बड़े मामलों में तोड़ बट्टो के एक्सपर्ट

 

प्रशासनिक सर्जरी में वर्षों से टिके आरक्षकों और प्रधान आरक्षको  के तबादले आखिर क्यों नहीं, आखिर कौन सा मोह एक थाने पर  इनको जमाए हुए हैं क्या पुलिस कप्तान मामले को गंभीरता से लेंगे--


आखिर पुलिस जवानो को काले कांच की गाड़िया रखने का कैसे मिला विशेष अधिकार, नीमच जिला कही फिर ना आ जाये सुर्ख़ियो में-

नरेंद्र गेहलोत/खबर नेशन/Khabar Nation
नीमच। जब भी पुलिस कप्तान का तबादला होकर नए अधिकारी जिले में आते हैं सबसे पहली प्राथमिकता में वह थाना प्रभारियों और अन्य कर्मचारियों को इधर उधर फेरबदल करते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का मकसद सिर्फ इतना होता है कि जिले में शांति और सुरक्षा व्यवस्था कायम रहे। इस बीच पिछले 2 साल में नीमच जिले ने 3 एसपी देख लिए लेकिन नीमच के कई थानों में अभी भी हालात ऐसे हैं कि कई आरक्षक और प्रधान आरक्षक फेविकोल का मजबूत जोड़ लगाकर एक ही थाने पर टिके हुए हैं और कुछ आरक्षकों को तो विशेषाधिकार भी मिले हुए हैं जो संविधान में तो नहीं है। पुलिस कप्तान ने जिले की शांति व्यवस्था एवं लॉ एन आर्डर को मेंटेन करने के लिए एक प्रशासनिक सर्जरी तो की लेकिन वर्षों से टीके यह आरक्षक प्रधान आरक्षक उस लिस्ट में क्यों नहीं आ पाए। अखिर इन कर्मचारियों पर विशेष मेहरबानी क्यों...?

इनमें से कुछ तो इतने बड़े शातिर है कि वे अपने पद पर प्रमोशन भी नहीं लेना चाहते आखिर मक्खन मलाई वाली जगह छोड़कर कौन जाना चाहता है। जिले की अपराधिक व्यवस्था को अगर समाप्त करना है तो ऐसे आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को अब जिले से बाहर करना आवश्यक हो गया है। क्योंकि जहां एनडीपीएस के बड़े-बड़े मामले सामने आते हैं वहां इन जैसे कर्मचारियों की भूमिका बड़ी ही संदिग्ध मानी जाती है।

एनडीपीएस के बड़े-बड़े मामलों में तोड़ बट्टो में एक्सपर्ट ऐसे स्पेशल क्वालिटी के कर्मचारियों को नीमच के पुलिस कप्तान सूरज वर्मा को जल्दी ही जिले से बाहर करना होगा नहीं तो वर्षों से जमीन कर्मचारियों की वजह से सटोरियों तस्करों के हौसले लगातार बुलंद ही रहेंगे।  इनमें से कुछ कर्मचारी तो ऐसे हैं उनका मंडल तक नहीं बदला गया आखिर नीमच जिले की इतनी चौकिया और थाने होने के बाद भी इन्हें एक थाने से दूसरे थाने तक नहीं बदला गया।

जहां जिले में थाना प्रभारी, एसपी से लेकर कलेक्टर तक रातोंरात बदल दिए जाते हैं वहां पर ये आरक्षक प्रधान आरक्षक आखिर कोनसा बड़ा देवरा पूजकर आये है। जो किसी भी तबादला लिस्ट में इनके नाम नहीं होते।


बिना नंबर और काले शीशो की गाड़ियों का कमाल:-

पुलिस कप्तान श्री वर्मा अगर जिले के इन कुछ थानो और उन में रहने वाले इन आरक्षक प्रधान आरक्षको का रहन सहन देखेंगे तो अंदाजा हो जाएगा इनमें से कुछ लोग बिना नंबर की कारों और काले शीशे की गाड़ियों को मेंटेन करते हैं इनमें से कई ऐसे भी हैं जो मात्र 35 से 40 हजार रूपये महीने की नौकरी करते हैं परंतु उनके जलवे देखकर बड़े बड़े अधिकारी भी उनके आगे फीके पड़ जाएं। आखिर एक थाने पर 30 से 40 कर्मचारी होने पर केवल दो तीन कर्मचारी अपनी तनख्वाह में रातो रात अपना रहन-सहन कैसे बदल लेते हैं आखिर लक्ष्मी की विशेष कृपा इन पर कैसे होती है..?

 अगर पुलिस कप्तान इस मामले को गंभीरता से देखे तो निश्चित तौर पर नीमच जिले में शांति और सुरक्षा का माहौल होगा और ऐसे कर्मचारियों को जिले से बाहर करने पर तस्करों को मुंहतोड़ जवाब मिल सकता है। इससे जिले में हो रही तस्करी के  आंकड़ो में भी कुछ कमी आ जाएगी और कम उम्र मासूम बच्चे जिनको चमक धमक की आड़ में बहला फुसलकर तस्करी की राहो पर लाने वाले इन तस्करो की कमर टूट जायेगी। क्योंकि कही ना कही उनको एक बड़ा संरक्षण मिल रहा है।

इस पूरे मामले को बड़ी गंभीरता से देखकर जिले सहित प्रदेश स्तर पर बड़े अधिकारियों से चर्चा करने पर आइए जानते हैं इनका मत-


इनका कहना:-

आपके द्वारा मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। और अगर ऐसे कर्मचारी है जो वाकई में वर्षों से एक ही जगह पर टिके हुए तो निश्चित तौर पर विधिवत कार्यवाही होगी। मेरे द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।
-योगेश देशमुख पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन


जिले में प्रशासनिक फेरबदल पुलिस अधीक्षक के अंतर्गत होता है आपके द्वारा यह बात संज्ञान में लाई गई है,  इस मामले में संबंधित अधिकारी से चर्चा कीजिए और मेरे द्वारा भी पुलिस अधीक्षक नीमच को निर्देशित किया जाएगा।

सुशांत सक्सेना, डीआईजी रतलाम रेंज


जिले में लगातार 5 वर्षों से अधिक समय तक कोई आरक्षक पदस्थ  नहीं रह सकते हैं इसी के अंतर्गत अभी कुछ दिन पूर्व मेरे द्वारा एक बड़ी लिस्ट जारी की गई जिसमें जिले के लगभग कई आरक्षक प्रधान आरक्षको के तबादले किए गए हैं। हालांकि इसमें कुछ लोग छूट गए होंगे जिन्हें भी अगली सूची में सूचीबद्ध कर दिया जाएगा। उसके अलावा अगर किसी आरक्षक या प्रधान आरक्षक के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त होती है तो भी उस स्थिति में तबादला जारी किया जाता है।

सूरज कुमार वर्मा पुलिस अधीक्षक नीमच-

Share:


Related Articles


Leave a Comment