सागवान लकड़ी का अवैध परिवहन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर जेल भेजा


खातेगांव वन परिक्षेत्र में अवैध कटाई माफियाओं का बना गढ़ । आए दिन होती है अवैध कटाई ।
विगत दिनों खातेगांव वन परिक्षेत्र के अधिकारी व वन कर्मियों की कार्यप्रणाली को लेकर काले पतित चेहरे हुए थे उजागर ।
कल्किराज डाबी/खबर नेशन/Khabar Nation

देवास: खातेगांव वन परीक्षेत्र क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 9 नवंबर 2020 सोमवार की रात मुखबिर की सूचना मिलने पर परिक्षेत्र सहायक मनोरा विक्रमपुर एवं खातेगांव वन स्टॉप रात्रि गश्ती के दौरान बीट मनोरा दक्षिण कक्ष क्रमांक 253 ग्राम काकडकुई के जंगल की तरफ से आगे मोटरसाइकिल होंडा योगा वाहन क्रमांक एमपी 41-NC-0381 एवं अवैध कटाई कर सागवान परिवहन कर रहे छोटा हाथी महिंद्रा पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 41-LA-1474 को आते दिखाई देने पर वन कर्मियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से चारों तरफ से घेराबंदी कर वाहन  एवं आरोपियों को पकड़ा । वाहन की तलाशी करने पर इमारती लकड़ी  पाई गई । आरोपी से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना नाम अनिल पिता शिवलाल मालवीय निवासी खातेगांव बताया । वाहन में लकड़ी परिवहन से संबंधित वैध दस्तावेज नहीं पाए गए ।  वनोपज सागवान 12 नग ,  घन मीटर 0.736 कीमत ₹21394 पाई है । अपराध प्रकरण क्रमांक 342/10 दिनांक 9 नवंबर 2020 कायम किया गया । आरोपी अनिल पिता शिवलाल मालवीय, बलराम पिता शिवराम मालवीय के विरुद्ध वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की गई है , जिसके बाद खातेगांव न्यायालय में पेश करने पर माननीय न्यायालय के द्वारा दोनों आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई की गई है। गौरतलब रहे कि इतनी मात्रा में सागवान कट रहा था तब जिम्मेदार वन कर्मी कहां पर ड्यूटी कर रहे है। सूत्रों से सूचना यह भी है कि उपरोक्त आरोपियों का खातेगांव में लंबे अर्से से फर्नीचर का काम काज है। गौरतलब रहे कि विगत दिनों खातेगांव क्षेत्र के अंतर्गत वन अधिकारी व कर्मचारियों के कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठे थे , सब रेन्ज मनोरा में 8 सितम्बर को 36 ठूंठ बिना नम्बर के पाए गए थे जिसको मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था,अब सवाल ये उठता है कि आखिर जंगल से इतनी भारी मात्रा में लकड़िया कट रही है तो वन विभाग के जिम्मेदार क्या कर रहे है, जब जंगल से लकड़िया काट कर ले जाते है उस समय वन विभाग कार्रवाई क्यो नही करता।आज जब इसी सब रेन्ज क्षेत्र से लकड़िय जप्त की गई है, अब वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को देखना होगा कि लकड़ी माफिया किस तरह से मनोरा सब रेन्ज के जंगल को खोखला कर रहे है। ओर आज दो माह बीतने के बाद भी  शिकायत पर कोई कार्रवाई नही होना वन विभाग की लापरवाही पर कई सवाल खड़े करता है। खातेगांव वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लिली में ट्रैक्टर ट्राली सागवान परिवहन करते पकड़ कर नाटकीय ढंग दिया गया ट्रैक्टर ट्राली अदला-बदली कांड को लेकर जिसमें काले पति चेहरे उजागर हुए विभाग व शासन सत्ता की छवि को धूमिल होता देख मुख्य वन संरक्षक उज्जैन के द्वारा जांच दल गठित किया गया था ,जिसमें कार्यवाही लंबित है।

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