प्रेम की बयार

प्रेम के स्पर्श से , हृदय की असीम गहराइयों में
अंकुर बना प्रेम का बीज।
भावनाएं स्पंदित हुई,मन हुआ प्रफुल्लित,जीवन को मिला नया संदेश।
आया जीवन में प्रेम बसंत,डालों पर खिले गुलमोहर अनेक।
छाई छटा सतरंगी आज,बहने लगी प्रेम की बयार।
उदित हुआ नभ पर फिर सूरज,चटकी कलियां,धरती का हुआ फिर से श्रंगार।

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश विभाग इंदौर में कार्यरत हेमेंद्र तिवारी कवि हृदय भी हैं । उनकी कलम से श्रंगार रस

 

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