आखिर चुरहट मैं ही शिवराज के जन आशीर्वाद रथ पर पथराव क्यों ?

कौंधते सवाल ?

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 100 दिन के भीतर होने जा रहे हैं । आज से खबर नेशन एक नया कॉलम शुरु करने जा रहा है , कौंधते  सवाल तेजी से परिवर्तित होते राजनैतिक घटना क्रम में आम जनता तो दूर राजनैतिक विश्लेषक तक अवाक खड़े रह जाते हैं । आरोप प्रत्यारोप का एक विश्लेषण कर वस्तु स्थिति से अवगत कराना है , मतदाताओं को । ताकि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर स्वस्थ लोकतंत्र को पुनर्जन्म कर सके । इस बार आखिर चुरहट मैं ही शिवराज के जन आशीर्वाद रथ पर पथराव क्यों  का विश्लेषण किया जा कहां है ।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं । रविवार को यह यात्रा रात करीब 9:30 बजे चुरहट पहुंची । मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव हुआ ।जिससे उनके रथ (वाहन) का कांच फूट गया ।  भाजपा का आरोप है यह पथराव कांग्रेस ने करवाया । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि छुपकर पत्थर फिकवाने वाले मैं अगर ताकत हैं  तो सामने से मुकाबला करें । मैं डरने वाला नहीं मेरे साथ प्रदेश की जनता खड़ी है ।उनका इशारा कांग्रेस नेता अजय सिंह की और था । उन्होंने अजय सिंह पर हमला करते हुए कहा कि तुम राजनीति कहां ले जाओगे । तुम्हारे पिताजी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं । केंद्रीय मंत्री रहे हैं । पंजाब के गवर्नर भी रहे । उन्होंने कभी इस तरह के संस्कार नहीं डाले वे तो भाजपा के इक कार्यक्रम में हम लोगों ने बुलाया था तो मुख्यमंत्री रहते हुए आए थे । उन्होंने मतभेद को कभी मन भेद नहीं बनाया ।

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पहले पत्र लिख कर और फिर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन आशीर्वाद यात्रा में रथ पर पथराव की घटना की निंदा करते हैं । उन्होंने कहा कि ना यह चुरहट के लोगों की संस्कृति है ,न कांग्रेस की और ना ही हमारी  ।  सिंह ने कहा कि हां मुझ में ताकत थी तो मैं दो बार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया । मुख्यमंत्री में साहस नहीं था इसलिए वह उसका सामना नहीं कर पाए । उन्होंने  मुख्यमंत्री के बयान की भी निंदाकी ।  मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि अगर यह मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश है तो  भूपेंद्र सिंह को गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता और मीडिया सेल के पूर्व चेयरमैन के के मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रथ पर पथराव हुआ है उन पत्थरों का dna किया जाना चाहिए । dna जांच के बाद यह पत्थर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय और संघ कार्यालय से निकले हुए साबित होंगे ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कल  प्रदेश के चुरहट में शिवराज सिंह की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान सामने  आयी घटना को निंदनीय बताया है ।

नाथ ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निष्पक्ष जाँच होना चाहिये , इसके दोषी सामने आना चाहिये और उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होना चाहिये । प्रदेश में सामने आयी इस तरह की हिंसक राजनीति का कोई स्थान नहीं है और ना कांग्रेस की इस तरह की संस्कृति है और ना में इस तरह की राजनीति का पक्षधर हूँ ।

में सदैव राजनीति में शुचिता का पक्षधर रहा हूँ लेकिन में यह भी कहना चाहता हूँ कि बग़ैर जाँच के कांग्रेस पर इस तरह के आरोप लगाना भी ठीक नहीं है ।निष्पक्ष जाँच में यदि इस तरह की घटना सामने आती है व कांग्रेस के किसी भी कार्यकर्ता की इस घटना में संलिप्तता सामने आती है तो हम उस पर निश्चित ही कार्यवाही करेंगे लेकिन बग़ैर प्रमाण के , बग़ैर जाँच के , सिर्फ़  राजनीति कारणो के कांग्रेस का नाम लेना भी उचित नहीं है ।

आखिर कौन है वो लोग जिन्होंने मुख्यमंत्री के रथ पर पथराव किया है ?

 आखिर क्या उद्देश्य था उनका ?

कहीं यह मध्य प्रदेश की राजनैतिक फिजाओं बिगाड़ने का प्रयास तो नहीं ?

हालांकि  सूत्रों के अनुसार चुरहट पुलिसने  इस घटना के लिए सात लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से तीन कांग्रेस के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं ।

इन दिनों मध्यप्रदेश में ऐट्रो सिटी एक्ट को लेकर जगह जगह जनप्रतिनिधियों का विरोध हो रहा है ।सांसद विधायकों को कॉले झंडे दिखाए जा रहे हैं ।

हो सकता है यह एट्रोसिटी एक्ट का विरोध कर रहे लोगों का कारनामा हो । लेकिन इस एक्ट का जगह जगह हो रहे विरोध में दबे छुपे तोर पर कांग्रेस और भाजपा के जमीनी स्तर के नेताओं की भी भूमिका सामने आ रही है । चूँकि प्रदेश में अभी तक के विरोध में भाजपा काँग्रेस के बड़े नेताओं को काले झंड़े दिखाए गए हैं इसलिए चुरहट में मुख्यमंत्री का तीखा विरोध किया गया हो । अगर के के मिश्रा के बयान को आधार माना जाए तो इस घटना में भाजपा की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है ।  क्योंकि ऐसा करने की तीन वजह हैं ।

मध्यप्रदेश की राजनीति में विंध्य सांमंतशाही राजनीति का प्रतीक माना जाता था । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काफी लंबे समय से इस कोशिश में हैं कि मध्यप्रदेश की राजनैतिक दशा और दिशा में राजा और रंक की लड़ाई को मुद्दा बनाया जाए । शिवराज आज भी अपने आपकों गरीब और किसान का नेता की छवि को ज्यादा मुफीद मानते हैं । हो सकता है यह सारी कवायद अजय सिंह की कार्यशैली को सामंतशाही के तौर पर स्थापित करने का प्रयास हो ।

हाल ही में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के परिवार का संपति विवाद सामने आया था । जिसको लेकर मुख्यमंत्री निवास से जुड़े एक अधिकारी की भूमिका काफी संदेहास्पद रही थी । उक्त अधिकारी अजय सिंह की बहन वीणा सिंह के पक्ष में मदद करते नजर आए थे । सूत्रों के अनुसार भाजपा चुरहट  से वीणा सिंह को प्रत्याशी बना सकती है । संभवतया मुख्यमंत्री ने इसी लिए अजय सिंह को तो निशाने पर लिया लेकिन स्वर्गीय अर्जुन सिंह के प्रति जबरदस्त सम्मान का भाव प्रदर्शित किया ।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद शिवराज उनका अनुसरण करते नजर आ रहे हैं । यह घटना भी कुछ इसी प्रकार से नजर आ रही है ।

हाल ही में जब भारत के निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत मध्यप्रदेश के दौरे पर आए थे तो उन्होंने फेक न्यूज पर महाभारत काल के एक उदाहरण को सामने रखते हुए सचेत रहने की सलाह दी थी । चुनाव भी युध्द के समान है और राजनैतिक दल इस तरह की घटना को अंजाम देकर मतदाताओं को बरगलाने का प्रयास करते रहते हैं ।

 

 

 

 

 

 

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