क्या यह नौटंकी नहीं?

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की एकांत मुलाकात के मायने

गौरव चतुर्वेदी /खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता को मूर्ख बनाने की कवायद की जा रही है । मध्यप्रदेश में आम जनता मंहगाई से पीड़ित हैं , नकली और घटिया शराब से मौतें हो रही है , पिछली कोरोना लहर के पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने में सरकार असफल रही है । ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एकांत में भोपाल के कोलार गेस्ट हाउस में मुलाकात की।

मीडिया को इस बैठक से दूर रखा गया लेकिन मीडिया को गुपचुप तरीके से इसकी सूचना दे दी गई । जिसके बाद हर मीडिया संस्थान इस मुलाकात के अपने अपने मायने निकालने लगे। प्रारंभिक तौर पर कोई इसे निगम मंडलों के गठन की कवायद मान रहा है तो कोई इसे दिल्ली में हुई मुलाकात को भाजपा के नेताओं की आपसी कडुवाहट की उठा-पटक बताने से नहीं चूक रहा है । 

सवाल है कि दोनों ने आखिर इस तरह मुलाकात क्यों की? 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास मुख्यमंत्री निवास के अलावा लिंक रोड पर 74 कालोनी में एक अन्य सरकारी बंगला है । इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को चार इमली क्षेत्र में सरकारी आवास आवंटित है । गौरतलब है कि पूर्व में भी भाजपा प्रदेशाध्यक्षों और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात होती रही है । अक्सर यह मुलाकातें मुख्यमंत्री निवास या भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर होती आई हैं । ऐसी मुलाकातों में इससे भी गंभीर मुद्दों पर चर्चा और चुनावी रणनीति बनाई जाती रही हैं । अगर हम यह भी मान लें कि कल दिल्ली में कोई घटनाक्रम घटित हुआ भी हो तो क्या शिवराज या वीडी की भाजपा में ऐसी हैसियत है कि वे आने वाले किसी भी घटनाक्रम को बदलने की क्षमता रखते हों । शिवराज और वी डी शर्मा सामान्य तौर पर भी एक दूसरे के निवास, प्रदेश कार्यालय या वल्लभ भवन में मिल सकते थे । मुलाकात को गोपनीय भी रखा जा सकता था । फिर आज की मुलाकात को यह रंग क्यों दिया गया । कहीं यह भाजपा के देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं और मध्यप्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने की कवायद तो नहीं ?

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