गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। -एड. आराधना भार्गव

 

खबर नेशन / Khabar Nation

आज बापू का शहादत दिवस है 1948 में आज हि के दिन वह हिन्दुत्ववादी सांप्रदायिक शक्ति की गोली का शिकार हुए थे। मुझे लगता है गांधी आज वोट बैंक की वस्तु बनकर रह गये है। अखबारों में पढ़ा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर कई जगह कार्यक्रम आयोजित किये है। कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे जो मंशा रहती है वह है गांधी के सिद्धांतों पर चिन्तन मनन और उस पर अमल। अगर कांग्रेसी महात्मागांधी के सिद्धांतों पर चलती तो आज ग्रमीण भारत आर्थिक मंदी के दौर से नही गुजरता। गांव की आर्थिक स्थिति सुदृण होती तथा गांव पूर्णतः स्वावलम्बी होते। प्रत्येक गांव में प्रकृतिक चिकित्सालय, कुटिर उद्यौग, बिजली, पानी, ईधन में गांव उपलब्ध होते ते गांव स्वावलम्बी होता। गांधी के माॅडल को कांग्रेस अमल में लाना चहाती ही नही है, गांधीजी शराब के खिलाफ थे और वे कहते थे मुझे एक दिन के लिए सत्ता सौंप दी जाये तो मैं सबसे पहले शराब की दुकानों को तोड दूूूँगा। कांग्रेस की स्थापना करने वाले ए. ओ. ह्यूम जो अंग्रेजों के शासन में कलेक्टर थे सबसे अधिक शराब बिकवाकर  सरकार को अधिकतम रेवेन्यू की राशि दिलाने पर जब उन्हें सम्मानित किया जाने लगा तो उन्होंने सम्मान लेने से इन्कार किया जब उन्हें लगा ऐसे सम्मान प्राप्त करने क्या फायदा ? जिसमें असमय हि देश का युवा काल की मौत में समा गया कई पत्नियों के माथे का सिंदूर मिट गया और कई बच्चे अनाथ हो गए। बाद में ए. ओ. ह्यूम ने कलेक्टर के पद से स्तीफा दिया तथा कांग्रेस की स्थापना की।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और सरकार अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिये शराब की घर पहुँच सुविधा उपलब्ध कराने की फिराक में है। हवाई अड्डों पर भी शराब की दुकानों के लिए जमीन आबंटन का काम तेज गति से चल रहा है। कांगे्रस ने गांधी के विचार को कैद कर दिया और भाजपा ने 30 जनवरी मार्ग पर, जहाँ पर बिरला हाऊस में गांधी की हत्या की गई थी वहाँ गांधी जी को श्रृधान्जली देने 29 जनवरी 12 बजे दोपहर से, 30 जनवरी शाम 5 बजे तक कोई नही जा सकता का इंतजाम कर दिया। जो काम अंग्रेज नही कर सके वह काम हमारी चुनी हुई सरकारे करने पर उतारू है। भारत के ऐसे नागरिक जो सिर्फ अपने लिये जीवन जीते है और शाम को आकर अपनी सारी थकावट दूरदर्शन के सामने बैठकर उतारते है उनका मांईडसेट करने में गोदी मिडिया की अहम भूमिका होती है। कारण स्पष्ट है कि वे अपने दायरे से बाहर देखने समझने को भी तैयार नही है। गुलामी की मानसिकता में जीने वाले ऐसे नागरिक देश के लिये घातक है, और देश भक्ति की परिभाषा वे गोदी मिडिया से ही तय करते है। जवहारलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जब फीस वृद्धि को लेकर प्रदर्शन करते है तो गोदी मिडिया उनके खिलाफ वातावरण बनाता है और दर्शक यहाँ अपनी बुद्धि का उपयोग नही कर पाते कि आईएस, आईपीएस की परीक्षा में अधिकतर विद्यार्थी जेएनयू से ही सलेक्ट होते है। स्व. अरूण जेठली, निर्मला सीतारमण, योगेन्द्र यादव जैसे देश के कई विद्वान जेएनयू से पढ़े है। इस तरफ सोचने समझने की दृष्टि गोदी मिडिया के माध्यम से सामाप्त होती नजर आ रही है।

भारत जोड़ों- संविधान बचाओं -समाजवादी विचार यात्रा 30 जनवरी 2020 को सुबह 10 बजे दिल्ली की गांधी स्मृति से शुरू हो रही है यात्रा की शुरूवात 30 जनवरी को सुबह 10 बजे 30 जनवरी मार्ग पर जहाँ बिरला हाऊस में गांधी जी की हत्या की गई थी उस जगह पर गांधी जो को श्रृधान्जली देकर यात्रा को आगे की तरफ जाना है। गांधी स्मृति में शरद यादवजी, शरद पवारजी, गणेश देवीजी, सीताराम येचुरी, डी राजाजी, योगेन्द्र यादव जी, गांधी जी को पुष्पान्जली देकर यात्रा को हरी झण्डी दिखाना रवाना कर रहे है पर उन्हें भी 30 जनवरी रोड में अंदर जाकर पुष्पान्जली देने की अनुमति नही है। प्रश्न उठता है की गांधी भारत देश के है या सरकार के है और वहाँ श्रृधान्जली अर्पित करने में सरकार को क्या आपत्ति हो रही है ? प्रश्न यह भी उठता है कि सरकार की स्थापना आखिर क्यों की गई है ? भारत के संविधान के अनुसार जनकल्याण के कार्य करने के लिये सरकार की स्थापना की गई है। देश संविधान के अनुसार चले देश के हर तंत्र को किस तरह संचालित किया जायेगा इसका उल्लेख भारत के संविधान में किया गया है। कौन व्यक्ति भारत का नागरिक होगा इसका उल्लेख भी भारत के संविधान में किया है। केन्द्र में बैठी भाजपा की सरकार मनुस्मृति से देश चलाना चाहती है वर्तमान में सबसे बड़ा संकट भारत के संविधान पर है।

आईये हम सब मिलकर बापू को सच्ची श्रृधान्जली देने के लिये सत्य, अहिंसा और राष्ट्रभक्ति का संकल्प ले। वो राष्ट्रभक्ति नही जो गोदी मिडिया हमें बता रहा है। सच्चे राष्ट्रभक्त वो है जो जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए सत्त संघर्षरत है शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा सार्वजनिक समपत्ति के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे है। तथा देश में अमन चैन, भाई चारा बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। इन्ही उद्देश्यों को लेकर भारत जोड़ों- संविधान बचाओं -समाजवादी विचार यात्रा का प्रथम चरण 30 जनवरी 2020 दिल्ली से शुरू होकर भारत के 13 राज्यों से गुजरते हुए 23 मार्च 2020 को हैदराबाद पहुँचेगी। मैं भी इस यात्रा में शामिल होकर देश वासियों को देश के राष्ट्रभक्ति का संदेश दूँगी आपसे भी आशा करती हूँ कि आप भी इस यात्रा में शामिल हो तथा यात्रा के लिये आर्थिक सहयोग प्रदान करें ताकि देश गांधी के सिद्धांतों पर चल सके। 

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