शिवराज के साथ साथ कमलनाथ भी दोषी ....¡

कौंधते सवाल ? 

खबर नेशन / khabarnation
मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग की शुरुआत हो चुकी है । ना भाजपा और ना कांगरेस तीखे शब्दबाण करने से अपने आप को रोक पा रहे हैं । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं । कुछ दिनों पहले तक बस नुमां रथ पर सवार होकर घूमने वाले शिवराज ने अचानक हवाई दौरे करना शुरु कर दिया । इसके दो कारण हैं एक तो विंध्य क्षेत्र के चुरहट में उनके रथ के ऊपर पत्थर फेंके गए और शिवराज के ऊपर तो चप्पल तक फेंक दी गई । भाजपा ने इसे मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश तक करार दे दिया । दूसरा कारण भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के निधन के चलते भाजपा ने अपने सभी राजनीतिक प्रोग्राम निरस्त कर दिए जो 10 दिनों तक निरस्त रहे जिसके चलते शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा का कार्यक्रम गड़बड़ा गया । हाँलाकि भाजपा ने इस दौरान अटल अस्थि कलश निकालकर शोक संवेदना के साथ साथ वोटों की राजनीति भी कर डाली । 
कांग्रेस शुरू से ही जन आशीर्वाद यात्रा को सरकारी खर्चे पर होना बताते हुए सवाल खड़े करती आई है । भाजपा इसे अपने  खर्चे पर यात्रा को पूरा करना बता रहा है । 
इधर कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बने लगभग 4 माह होने जा रहे हैं । भाजपा शुरू से ही कमलनाथ को उद्योगपति बताती आ रही है । कई बार तो अप्रत्यक्ष तौर पर मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन को खरीदे जाने का आरोप कमलनाथ पर भी भाजपा ने लगा दिया । हाल ही में 2 दिन पूर्व एक सभा के दौरान कमलनाथ ने यह कह डाला की मुख्यमंत्री सरकारी हवाई जहाज से जन आशीर्वाद यात्रा कर रहे हैं । कमलनाथ ने यह भी कहा कि हां मैं हेलीकॉप्टर से घूमता हूं लेकिन वह मेरा निजी हेलीकॉप्टर है ।
सवाल यहीं खड़ा होता है कि क्या यह कह देने मात्र से दोनों शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ ईमानदार हो जाते हैं ?
अगर कमलनाथ निजी हेलीकॉप्टर से यात्रा कर रहे हैं , तो इस मँँहगी यात्रा का खर्च कौन उठा रहा है ? 
अगर कमलनाथ स्वयं अपने पैसों पर इस यात्रा को कर रहे हैं तो भी क्या यह फिजूलखर्ची नहीं ?
अगर शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा पर भारतीय जनता पार्टी इतना बड़ा तामझाम कर रही हैं तो शुचिता कहाँ ?

जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर शिवराज सिंह चौहान काबिज हुए थे तब से लेकर आज तक उनके परिवारजनों पर सत्ता के दोहन, रेत के अवैध खनन के जो गंभीर आरोप लग रहें हैं । उनकी गंभीरता पूर्वक आज तक एक भी जाँच क्यों नहीं हुई ?
शासन प्रशासन और राजनेताओं सहित आम जनता जन आशीर्वाद यात्रा के खर्चो की असलियत को जानती है । अगर शिवराज दोषी हैं तो क्या कमलनाथ दूध के धुले मानें जाएंगे ? इसका फैसला भी जनता की अदालत में शीघ्र हो ही जाएगा।

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