विश्व को प्रभावित कर रही है हिन्दू संस्कृति विदेशी धन के इस्तेमाल से चल रहा है धर्मान्तरण का गोरख धंधा

 

खबर नेशन /Khabar Nation

एलएनसीटी कॉलेज के अडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन के दूसरे दिन आज राष्ट्रीय हिन्दू युवा कांफ्रेंस व्याख्यानमाला का समापन हुआ। भारी संख्या में उपस्थित युवाओं के बीच आज कई वक्ताओं ने राष्ट्रहित के मुद्दे पर सार्थक संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम के शुरुआत में  डेटा साययंटिस्ट द्रिपटो बक्शी ने प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए बताया की संवाद ही विचार है। लाइट ओफ धर्म और हिंदू मॉडल पर उन्होंने आध्यात्मिक पूँजीवाद की ज़रूरत पर बल दिया और समाज में आध्यात्मिक चेतना के स्पंदन की ज़रूरत बताई।

कार्यक्रम की वक्ता युवा सरपंच भक्ति शर्मा ने युवाओं से रूबरू होते हुए कहा की भारत का धर्म विश्व के अन्य किसी भी धार्मिक पद्धति से भिन्न है। यहाँ ज्ञान का पहला स्त्रोत ही ऋग्वेद है जहाँ से ‘ज़ीवेत शरदम शतम’ का संदेश मिलता है जो युग युगांतर के लिए एक जीवित संदेश है। युवा वक़ील प्रशांत पटेल ने अपने वक्तव्य से युवाओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने फ़ॉरेन कॉंट्रिब्यूशन रेग्युलेशन ऐक्ट (FCRA) के विभिन्न आयामों से युवाओं को जोड़ा और बताया कि इस क़ानून के द्वारा विदेशों से अवैध धन भारतीय समाजिकता को प्रभावित करने के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया हम सभी का सांगठनिक उद्देश्य इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए होना चाहिए ।

 प्रशान्त पटेल ने प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से युवा देशप्रेमियों से इस क़ानून के दुरुपयोग को रोकने की अपील की। उन्होंने बताया की इस क़ानून की आड़ में विदेशों से भारी मात्रा में फ़ंडिंग की जा रही है जो देश की सामाजिक समरसता को नकारात्मक तरीक़े से प्रभावित कर रही है। विदेशी फ़ंडिंग से भारत में धर्मान्तरण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है और ईसाई मशीनरी इसका सर्वाधिक लाभ उठा रही है।

भारतीय संस्कृति का प्रभाव हमेशा से ही वैश्विक स्तर पर रहा है मूल रूप से पोलैंड निवासी कैरिलोना गोस्वामी ने आज बताया की वह भारत को किस नज़र से देखती है। उन्होंने बताया भारत वह भारत नहीं है जो विश्व पटल पर दिखाया जाता है। उन्होंने यहाँ की मंदिरो और शिवाला की संस्कृति को एक विडियो के माध्यम से युवाओं को दिखाया। उन्होंने बताया भारत कि संस्कृति विश्व पटल पर एक प्रभावी संस्कृति है। यहाँ आने के बाद इस संस्कृति ने उन्हें प्रभावित किया और इसे अंतर्मन से अपना लिया। आज वह हिंदू धर्म और संस्कृति को अपना चुकी है और इसका प्रचार प्रसार कर रही है।

 

 

 

युवा कलाकार व संस्कृतिकर्मी आकाश धांडपनी ने स्लाइड के माध्यम से पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर ज़ोर ज़बरदस्ती करके धर्म परिवर्तन के खेल को उज़गार किया। उन्होंने कहा कि आज युवाओं के लिए हिंदू धर्म संस्कृति को समझना बेहद ज़रूरी हो गया है।

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