ज़मीनों में 19 करोड़ लगाए मंत्री ने

खबर नेशन /Khabar Nation

मध्यप्रदेश की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले एक मंत्री जी ने अपने संगी साथियों सहित लगभग 19 करोड़ रुपए ज़मीनों में इन्वेस्ट किए है । सिंधिया के करीबी मंत्री ने अपनी व्यवहार कुशलता से भाजपा नेताओं का मन मोह रखा है । क्षेत्र में चर्चा है कि आखिर मंत्री जी के संगी साथियों को यह कुबेर का खजाना कहा से मिला है । चर्चा छेड़ने वाले तब मुस्कुरा उठते हैं जब कोई कांग्रेस के लगाए गए हार्स ट्रैडिंग के आरोपों का जिक्र छेड़ देते हैं। 

दो आय ए एस अफसर मंत्री से तनातनी के बाद छुट्टी पर 

सीधी सरल महिला मंत्री के तौर पर जानी जाने वाली मध्यप्रदेश की एक महिला मंत्री के तेवर चर्चा का विषय बन गये हैं । विभागीय तबादलों और अन्य महत्वपूर्ण विषयों को लेकर महिला मंत्री ने विभाग के दो आय ए एस अफसरों की जमकर क्लास ले डाली । मंत्री के अनुमोदन के बावजूद तबादला सूची जारी नहीं हुई। फटकार से व्यथित होकर तबादलों की अंतिम तिथि से पहले दोनों अधिकारी छुट्टी पर चले गए । 

भाजपा की भाभी पर भारी भाभी 

मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी और ब्यूरोक्रेसी की प्रिय भाभी पर भोपाल की दूसरी भाभी भारी पड़ने लगी है । हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्रों में चर्चित हुई भाभी का जन्मदिन था । जन्मदिन पर स्वर्ण गहनों से लदी फदी भाभी के लकदक अंदाज सत्ता संगठन में चर्चा का विषय बन गये । भाभी के सोशल मीडिया पर अपलोड फोटो भाभी के पतिदेव के राजनीतिक दुश्मनों ने संभालकर रख लिए हैं । भविष्य में काम आएंगे । 

कांग्रेस ने अपनाई भाजपा की शैली

मीडिया में पकड़ बनाने के लिए अब कांग्रेस भी भाजपा की राह पर चल पड़ी है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नवनियुक्त सलाहकार पीयूष बबेले इन दिनों मीडिया के प्रवक्ताओं और पेनलिस्ट के साथ नियमित बैठक कर मुद्दों की जानकारी दे रहे हैं । एक अच्छे प्रयास के बावजूद बैठक में शामिल होने वाले साथी व्यथित रहने लगे हैं।

मुख्य सचिव की जिद मंत्री को लौटाना पड़े दस लाख 

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की जिद के चलते एक मंत्री ने तबादले के एवज में वसूले दस लाख रुपए लौटाना पड़ गये। मंत्री को खुद मुख्य सचिव ने फोन कर दिया कि फलांनी जगह पर पदस्थ व्यक्ति को हटाया नहीं जाएगा। यह अलग बात है कि जिस जगह से न हटाए जाने की बात की गई वहां मुख्य सचिव के एक पुराने चेले के पास प्रभार है। पोस्ट बड़े शहर की मलाईदार है। 

समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी मुख्यमंत्री समन्वय में 

तबादलों का मौसम बीत गया है और निर्धारित समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी कई विभागों की तबादला सूची नहीं निकल पाई है । वजह चिरपरिचित है अधिकारियों की विभागीय मंत्रियों से पटरी न बैठ पाना ।अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से ही रास्ता निकलने की उम्मीद है।

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