गोया कि तैयार बैठे थे लाटसाब

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गोया कि तैयार बैठे थे लाटसाब


मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल की आमद के साथ ही लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों पर गाज गिर गई । शपथ ग्रहण में ए सी और लिफ्ट खराब थी । अमूमन नये राज्यपाल की नियुक्ति के सात आठ दिन बाद शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाता है । इस बीच राजभवन की गरिमा अनुरुप सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी जाती हैं। मध्यप्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल का शपथग्रहण ताबड़तोड़ तय किया गया जिसके चलते सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद नहीं हो पाई । राजभवन की नाराज़गी किसी बड़े पर न गिर जाए सो गाज बेचारे छुटभैयों पर गिर गई ।

बैकफुट पर कमलनाथ

मध्यप्रदेश की कांग्रेस राजनीति में शांति बहाली के प्रयास चल रहे हैं । गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विंध्य अंचल में प्रभारी बतौर चौधरी राकेश सिंह की नियुक्ति से प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और मध्यप्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह में तनातनी हो गई । सूत्रों के अनुसार चौधरी राकेश सिंह ने विंध्य के दूरस्थ जिले में काम करने की बजाय नजदीक के जिले में काम करने की इच्छा जताई है । सूत्रों के अनुसार कमलनाथ भी नया मोर्चा खोलने के पक्ष में नहीं हैं।

चुनौती भी दी और साधा भी नरोत्तम ने

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के राजनीति करने का अंदाज जुदा है । हाल ही में भोपाल में  भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा की मुलाकात के बाद शिवराज से असंतुष्ट लोगों ने इस बात को हवा दी कि मध्यप्रदेश में शीघ्र ही मुख्यमंत्री बदला जा सकता है । शिवराज ने एक कदम आगे आकर कैलाश नरोत्तम की दोस्ती में दरार डालने नरोत्तम मिश्रा को इंदौर का प्रभारी मंत्री बना दिया । नरोत्तम ने भी चुनौती स्वीकारी और पहले ही दौरे में इंदौर भाजपा के सारे गुटों के प्रमुख नेताओं के घर दस्तक देकर कैलाश विजयवर्गीय के घर भोज मंत्रणा कर ली ।

पी के की आमद मध्यप्रदेश में


मध्यप्रदेश कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम इन दिनों जबरदस्त तरीके से सक्रिय है।हर रोज कुछ न कुछ नया और बेहतर पटकने का प्रयास कर रहे हैं । एक दो मौकों पर तो भाजपा की आई टी सेल को भी जबरदस्त शिकस्त दे डाली । कांग्रेस की आई टी सेल तो पुरानी ही काम कर रही है लेकिन तेवर तीखे नज़र आ रहे हैं । सुनने में आया है कि आई टी सेल के इन तेवरों को उभारने में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टिप्स शामिल रही हैं। हांलांकि टीम कमलनाथ इस बात से इंकार कर रही है ।

अम्मा महराज की गादी का वारिस कौन ? 

कांग्रेस छोड़कर केशरिया बाना पहनने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लंबे इंतजार के बाद मोदी सरकार में उड्डयन मंत्री बनाया गया है । केन्द्रीय मंत्री बनते ही मध्यप्रदेश भाजपा के नेता सिंधिया को बधाई देने टूट पड़े । इधर राजमाता स्वर्गीय विजया राजे सिंधिया के समय से ही भाजपा में रमी ज्योतिरादित्य की बुआ मध्यप्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का चंबल अंचल से बनाए गए दो मंत्रियों से जमकर विवाद हो गया । अंदरखाने की खबर बाहर आ गई । तीखे तेवरों के लिए जानी जाने वाली यशोधरा के विवादों को आखिर हवा कौन दे रहा है ? कहीं इस बहाने अम्मा महाराज की गादी की लड़ाई को तो हवा नहीं दी जा रही ।

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