सड़क पर लड़ रहे सांडों ने महिला को रौंदा, पांच दिन चले इलाज के बाद मौत

खबर नेशन / Khabar Nation  

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने ’सत्रह मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के बैरागढ़ क्षेत्र के वनट्री हिल्स इलाके में दो सांडों की लड़ाई की चपेट में आने से साडों द्वारा महिला को रौंद देने, पीड़ित का पांच दिन तक निजी अस्पताल में इलाज के बाद मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मृतिका लीना खूबचंदानी 20 फरवरी को रात आठ बजे सेवा सदन से घर लौट रहीं थीं, तभी मुक्ता स्कूल के पास साडों को जमावड़ा था। दो-तीन सांड लड़ रहे थे। लड़ते-लड़ते उन्होंने लीना को टक्कर मार दी। वे गाड़ी समेत नीचे गिरीं। तभी सांड उनको कुचलते हुये निकलते चले गये। लीना को सिर में गंभीर चोट आईं थीं। पांच दिन इलाज हुआ पर हालत इतनी गंभीर थी कि उनकी मौत हो गई। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है।

दो रिश्तेदारों ने किया मंदबुद्धि युवती से दुष्कर्म

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के गांधीनगर थानाक्षेत्र में एक मंदबुद्धि युवती के साथ उसी के दो रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म किये जाने के मामले में संज्ञान लिया है। पुलिस के मुताबिक 23 साल की मंदबुद्धि युवती टीटी नगर इलाके में परिवार के साथ रहती है। 13 फरवरी को गांधीनगर 11 सेक्टर में अपने रिश्तेदार के घर मेहमानी करने गई थी। वहां दो रिश्तेदारों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। घटना की जानकारी मिलने पर पीड़िता की मां थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

असामाजिक तत्वों से रहवासी हैं परेशान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के एयरपोर्ट रोड़ स्थित सिंगारचोली ब्रिज के नीचे असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ जाने से क्षेत्रीय रहवासियों के परेशान होने, बीते एक माह से असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्यवाही करने की शिकायत किये जाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के मामले में संज्ञान लिया है। ये असामाजिक तत्व नशाखोरी करते हैं और आती-जाती महिलाओं बालिकाओं से छेडछाड भी करते हैं। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

प्रेशर हॉर्न की तेज आवाज से रहवासी परेशान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के कोलार क्षेत्र में कुछ निजी स्कूल और कॉलेजेस की बसों में लगे प्रेशर हॉर्न की तेज आवाज से रहवासियों के परेशान होने के मामले में संज्ञान लिया है। रहवासियों का कहना है कि जिन वाहनों में ऐसे प्रेशर हॉर्न लगे हैं, उन पर कार्यवाही कर प्रेशर हॉर्न हटाये जायें। मामले में आयोग ने डिप्टी पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक), भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर प्रेशर हॉर्न लगे वाहनों के संबंध मे की गई वैधानिक कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

व्हीआईपी रोड़: दुर्घटना को न्योता देता खुला डक्ट

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में व्हीआईपी रोड़ के करवाला तिराहा स्थित मजार के पास एक डक्ट के टूटू होने के कारण दुर्घटना की आशंका और ट्रैफिक पुलिस द्वारा खुले डक्ट पर टूटा हुआ बैरिकेट लगाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में सात दिन में जवाब मांगा है।

ज्यादती से परेशान होकर नाबालिग ने दी जान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के बागसेवनियां थानाक्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची द्वारा उसके साथ हुई ज्यादती से परेशान होकर खुदकुशी कर लेने के मामले में संज्ञान लिया है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ ज्यादती का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

स्कूल में शिक्षक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, छात्राओं को भी मारा

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले के ग्राम बमीठा थानाक्षेत्र के ग्राम गंज में शासकीय उमावि में बीते शुक्रवार को नकाबपोश बदमाशो द्वारा डंडों से शिक्षक को दौड़ा-दौडाकर पीटने और शिक्षकों को बचाने आये छात्र-छात्राओं से भी मारपीट करने के मामले में संज्ञान लिया है। पीड़ित ने थाने मे शिकायत दर्ज करा दी है। मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

आदिवासी समाज ने थाना घेरा, बोले-ज्यादती के आरोपी को बचा रही पुलिस

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीहोर जिले के रेहटी थानाक्षेत्र के बायां में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आक्रोशित आदिवासी समाज द्वारा बीते शनिवार को थाना घेरने के मामले में संज्ञान लिया है। आदिवासी संगठनों का आरोप है कि पुलिस दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी सीताराम को बचाने का प्रयास कर रही है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 10 दिन में जवाब मांगा है।    

केमिकल प्लांट में दम घुटने से एक मजदूर की मौत, छह गंभीर

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने धार जिले के पीथमपुर के औद्यौगिक क्षेत्र के बगदून थानाक्षेत्र में सिंबायोटिक कंपनी में एक केमिकल (ईटीपी) प्लांट मे दम घुटने से एक मजदूर की मौत हो जाने और छह अन्य मजदूरों के गंभीर होने के  मामले में संज्ञान लिया है। परिजनों ने शव को कंपनी के गेट के बाहर रखकर दो घंटे तक हंगामा किया। मांगे माने जाने के बाद ही हंगामा शांत हुआ। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, धार से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से यह भी पूछा है कि त्रुटिकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है ? मृतकों के उत्तराधिकारियों को क्या कोई मुआवजा राशि दी गई है या प्रस्तावित है ? मजदूरों की सुरक्षा के क्या उपाय किये गये हैं।

पांच से तेरह साल की तीन मासूमों से दरिंदगी

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छिंदवाड़ा जिले में पांच से तेरह साल आयु की तीन मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटना होने से गुस्साई जनता द्वारा बस स्टेैंड में चक्काजाम कर देने के मामले में संज्ञान लिया है। जनता आरोपियों को फांसी की सजा दिलाये जाने की मांग कर रही थी। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छिंदवाड़ा से तीनों प्रकरणों की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

ट्रांसफार्मर फटा, दो लोगों की मौत

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बुरहानपुर शहर के उद्योग नगर स्थित राजकमल क्लोथिंग एण्ड प्रोसेसिंग लिमिटेड कंपनी के परिसर में लगा ट्रांसफार्मर फट जाने स इससे निकले गर्म आॅयल से झुलसकर फैक्ट्री के चैकीदार सहित एक अन्य की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना बीते रविवार की है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, बुरहानपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर से पूछा है कि त्रुटिकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? मृतकों के वारिसों को मुआवजा राशि दिलाने हेतु क्या कार्यवाही की गई ?

नाबालिग छात्राओं से अश्लील हरकत करने वाला शिक्षक गिरफ्तार

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर के ग्राम इशरपुर की मिडिल शाला में पदस्थ शिक्षक रंजीत किरार द्वारा छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखाकर बैडटच करने और ग्रामीणों के आक्रोश से बचने के लिये खुद को एक कमरे में बंद कर लेने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना से गुस्साए लोगों ने शिक्षक की जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने अपराध कामय कर लिया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, नर्मदापुरम् से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

तेंदुए के हमले में दर्जन भर से ज्यादा ग्रामीण घायल

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने दमोह जिले के मड़ियादो बफर क्षेत्र के पाठा और इमलिया और दर्रा गांव के करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को तेंदुए द्वारा घायल कर दिये के मामले में संज्ञान लिया है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। वन विभाग ने अस्पताल में भर्ती सभी घायलों को तात्कालिक आर्थिक सहायता दे दी, पर इस मामले में वन अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर, दमोह से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

कैसी अनुकंपा! 10 दिन नौकरी की, फिर सेवा कर दी खत्म

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सतना जिले में स्कूल शिक्षा विभाग में अपात्र व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति दे देने और उससे दस दिन नौकरी कराने के बाद उसे सेवा से निकाल देने के मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के लिये एक दिसम्बर 2022 को पात्रता शर्तों का प्रकाशन किया था। जिसके तहत् डीएलएड, बीएड, प्रशिक्षण पास और शिक्षा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण व्यक्ति को ही अनुकंपा दी जा सकती थी। लेकिन जिले के अफसरों ने पुराने नियमों के आधार पर ही पुर्णेन्द्र प्रताप सिंह को अनुकंपा नियुक्ति देकर तीन फरवरी को उमावि जसो में तैनात कर दिया। लोक शिक्षण संचालनालय ने आपत्ति ली तो पूर्णेन्द्र को दस दिन नौकरी करने के बाद उसे हटा दिया गया। मामले में आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी, सतना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

मकान पाने दर-दर भटक रहे नेत्रहीन दम्पत्ति

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर में कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुचे एक नेत्रहीन दम्पत्ति की समस्या का कोई निदान न होने के मामले में  संज्ञान लिया है। मीडिया रिर्पोट के मुताबिक जबलपुर शहर के बाजनामठ की पहाड़ी पर रहने वाले नेत्रहीन दम्पत्ति श्री रामगोपाल एवं श्रीमती मुलियाबाई का मकान यह कहकर तोड़ दिया गया था कि उन्हें पक्का मकान दिलाया जायेगा। पर ऐसा नहीं हुआ। अब दोनों नेत्रहीन दम्पत्ति दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। दम्पत्ति कलेक्टर की जनसुनवाई में भी पंहुचे, पर उन्हें कोई अधिकारी नहीं मिला। ये दोनों अब भी भटक रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

वन विभाग में जंगलराज

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर में वन विभाग से सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को रिटायर होने के एक साल बाद भी पेंशन न मिलने के कारण स्वयं उसका व परिवारवालों का जीवन-यापन बेहद मुश्किल होने और वह निवालों का मोहताज हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। पीड़ित मोहम्मद इरशाद मंसूरी बताते हैं कि वह 36 साल की सेवा करने के बाद रिटायर हुये हैं। फिर भी उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है क्योंकि पेंशन शाखा में तैनात स्थापना बाबू पेंशन व अन्य स्वत्व जारी करने की ऐवज में नजराना मांग रहा है। मामले में आयोग ने वन मंडलाधिकारी, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

बीच बाजार झूल रहे करंट भरे तार, जान का खतरा

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर शहर के अंधेरदेव में मेनरोड पर करंट से भरे तारों के गुच्छों के नीचे लटकने के कारण बाजार आने वाले नागरिक और व्यापारियों की परेशान होने और नागरिकों के जीवन का खतरा होने संबंधी मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में प्रक्राशित मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करंट से भरे तारों का गुच्छा  इतना नीचे आ गया है कि आटो व अन्य लोडिंग वाहन उससे टकरा जाते हैं। किसी अनहोनी की आशंका हमेशा बनी रहती है।मामले में आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, जबलपुर एवं कार्यपालन यंत्री, मप्र पूर्व क्षेत्र विविकंलि, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।

डूब में गई जमीन की मुआवजा राशि भी डूबने की आशंका !

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजगढ़ जिले के ब्यावरा क्षेत्र में मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र के कराडिया गांव से अधिगृहित भूमि से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि तो मिल जाने परंतु बैंक खाते से मुआवजा राशि गायब नजर आने से राशि डूबने की आशंका जताती एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। प्रभावित किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी मुआवजा राशि को सुरक्षित रखने के लिये राजगढ़ स्थित आईसीआईसीआई बैंक में एफडी करवा दी थी। हर एक ढेड साल होने पर एफडी को रिन्यु भी करवाया परंतु पिछले एक साल के अंदर पांच किसानों की एफडी की राशि बैंक खाते से गायब हो गई। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, राजगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। 


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