प्रमाणपत्र निरस्त होने के कारण, कार्यालय का चक्कर लगा-लगाकर परेशान महिला ने की आत्मदाह कोशिश….

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने दो मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला कलेक्ट्रेट ग्वालियर में बीते मंगलवार को हुई जनसुनवाई के दौरान जाति प्रमाणपत्र निरस्त होने से परेशान एक महिला द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार सिंधिया नगर, मरघट पहाड़ी निवासी सुनीता मोगिया ने जनसुनवाई के दौरान खुद पर कैरोसिन डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। उनके साथ करीब 30 महिलाएं थीं, जिन्होंने पीड़िता को आत्मदाह करने से रोक लिया था। पीड़िता जाति प्रमाणपत्र निरस्त होने से परेशान थी। पीड़िता का कहना है कि जाति प्रमाणपत्र निरस्त होने से उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी पीड़िता की समस्या का निराकरण नहीं कर रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर, ग्वालियर से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले में एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण प्रसूता का सड़क पर प्रसव होने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार गुना जिले की टकनेरा निवासी प्रसूता श्रीमती चंदा जाटव पत्नी भरत जाटव की बीते मंगलवार को जनपद पंचायत बमोरी के परवाह रास्ते में सड़क पर डिलेवरी हो गई। प्रसूता दर्द से कराहती रही। प्रसूता के पति ने एंबुलेंस को बुलाने के लिये कई बार फोन लगाये, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। प्रसूता और नवजात लगभग एक घंटे तक सड़क पर ही लेटे रहे। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गुना से जवाब-तलब किया है।

 

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