सरकारी अस्पताल हमीदिया में हुई एक गंभीर लापरवाही

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने पांच मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में हुई एक गंभीर लापरवाही की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार हमीदिया अस्पताल में पुलिस और एक समाजसेवी संस्था ने एक निराश्रित बुजुर्ग को इलाज हेतु भर्ती कराया था, परंतु इलाज करने के बजाय बुजुर्ग को वहां से रवाना कर दिया गया था। करीब एक घंटे बाद पुलिस को वही बुजुर्ग भोपाल टाकीज के नजदीक कब्रिस्तान के पास तड़पता हुआ मिला। तब पुलिस ने संस्था की मदद से उस बुजुर्ग को हमीदिया में भर्ती कराया। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बेसहारा मरीजों को इलाज के बाद ही डिस्चार्ज किया जाता है। मामले में आयोग ने अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल, भोपाल से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने विदिशा जिले में लकड़बग्घे के हमले में घायल हुई महिला की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। जिले के बावईखुर्द गांव में लकड़बग्घे ने तीन ग्रामीणों को घायल कर दिया था, जिसमें से एक महिला की बीते सोमवार को मौत हो गई। बताया गया कि ज्ञानबाई पत्नी तुलसीराम राय को लकड़बग्घे ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था। तब से लेकर ज्ञानबाई अस्पताल में ही भर्ती थीं, लेकिन बीते रविवार को उनको छुटटी दे दी गई थी और सोमवार को ही महिला की मौत हो गई। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, विदिशा से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शिवपुरी जिले में मनचलों द्वारा जबरन मांग भरने और छेड़छाड़ से परेशान गरीब परिवार की एक मेधावी छात्रा द्वारा कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर लेने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार शिवपुरी के राजापुर महुआ गांव निवासी 18 वर्षीया रक्षा लोधी अशोकनगर जिले के ईसागढ़ में अपने फूफा के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। दो जनकवरी को उसका जन्मदिन था, तो वह केक लेने ईसागढ़ के रेस्टोरेंट गई थी। वहां उसके गांव के शिवेन्द्र लोधी और रोमेश लोधी भी पहुंच गये और रक्षा के साथ छेड़छाड़ करने लगे। मना करने पर रोमेश ने जबरदस्ती उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। रक्षा ने अपने फूफा को बुलाया तो दोनों युवकों से हाथापाई हो गई। दोनोें बदमाश धमकी देकर भाग गये। इस घटना से आहत रक्षा ने घर आकर इल्ली मारने की दवा पीली। शिवपुरी के निजी अस्पताल में तीन जनवरी को उसकी मौत हो गई। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले में 108 एंबुलेंस चालक द्वारा समय बचाने के लिए गलत दिशा में गाड़ी उतार देने पर एक डंपर की टक्कर से दो महिलाओं सहित गर्भस्थ शिशु की मौत हो जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार छतरपुर के छत्रसाल चैक पर एक तेज रफ्तार डंपर ने गलत साइड से आ रही 108 एंबुलेंस को टक्कर मार दी। इससे एंबुलेंस में सवार गर्भवती महिला की जेठानी सहित गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जिला अस्पताल छतरपुर में भर्ती घायल बाबूलाल आदिवासी ने बताया कि वह अपनी ससुराल में रहता है। बीती रात उसके साले की गर्भवती पत्नी को प्रसव वेदना हुई, तो वह उन्हें 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आ रहा था। रात दो बजे का वक्त था। प्रसूता को तेज प्रसव पीढ़ा हो रही थी, इसलिए एंबुलेंस चालक ने छत्रसाल प्रतिमा के ठीक सामने गलत साइड से अस्पताल की ओर मोड़ दिया, इसी दौरान आकाशवाणी तिराहे से पन्ना रोड़ की ओर जा रहा एक ट्रक पूरी रफ्तार के साथ एंबुलेंस से टकरा गया। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ग्वालियर शहर के सिंधिया नगर के 800 परिवार पानी के लिये लंबे समय से परेशान होने, पैसे जमा करने के बावजूद नल कनेक्शन नहीं मिल पाने के कारण नागरिकों द्वारा सौ मीटर दूर लेजम (पतले पाईप) लगाकर पानी लेने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंधिया नगर में 800 से अधिक परिवार पानी के लिये सुबह पांच बजे अपने घर से सौ मीटर दूर मोटर और लेजम (पतले पाईप) लगाकर पानी लेते हैं। जबकि इनमें से 500 से अधिक परिवार सात महीने पहले ही नल कनेक्शन के लिये शुल्क जमा कर चुके हैं। लेकिन उनको अभी तक कनेक्शन की इजाजत नहीं मिली है। पैसा जमा करने वाले हितग्राही नगर निगम कार्यालय के कई चक्कर काट चुके हैं। यहां के निवासी पांच सौ रूपये की रसीद मांगते हैं, तो उसके लिये भी नगर निगम के कर्मचारी टाल देते हैं। नगर निगम आयुक्त का कहना है कि हम वहां पर टीम भेजेंगे और मामले की जानकारी लेंगे। पैसे देने वाले परिवारों को जल्द से जल्द नल कनेक्शन दिलायेंगे। मामले में आयोग ने नगर निगम कमिश्नर, ग्वालियर से जवाब-तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर
दुर्घटना में मृत दो सगे भाईयों के पिता को मिले आठ लाख रूपये

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा भोपाल जिले
की बैरसिया तहसील के नजीराबाद गांव में दो सगे भाईयों की तालाब में डूबने से मौत हो जाने के मामले में 16 नवम्बर 2022 को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया था। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से एक माह में जवाब मांगा था। आयोग ने कलेक्टर से यह भी कहा था कि मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार दी जा सकने वाली मुआवजा राशि के संबंध में कार्यवाही एवं तालाब पर सुरक्षा हेतु किये गये उपाय के संबंध में भी प्रतिवेदन दें। आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर कलेक्टर भोपाल ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि प्रकरण के संबंध में नायब तहसीलदार नजीराबाद, तहसील बैरसिया से जांच कराई गई। प्रतिवेदन मिलने पर 22 दिसम्बर 2022 को दोनों बालकों के वैध वारिस पिता श्री भगवान सिंह पुत्र भंवरलाल निवासी ग्राम खेरखेड़ा को पृथक-पृथक चार-चार लाख रूपये, कुल आठ लाख रूपये मुआवजा राशि दे दी गई है। चूंकि आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर मृत बालकों के पिता को आर्थिक सहायता राशि मिल चुकी है, अतः आयोग में भी यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर
सीएम राईज स्कूल के पास अतिक्रमण हटाया गया, अवैध ठेले गुमटीवालों के विरूद्ध कार्यवाही जारी

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा भोपाल जिले
के करौंद स्थित सीएम राईज स्कूल के बाहर प्रवेश द्वार पर अवैध कब्जे और पान गुटखे की दुकानें लगने के मामले में 13 दिसम्बर 2022 को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया था। इस मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल, कलेक्टर भोपाल एवं नगर निगम कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का दस दिन में प्रतिवेदन मांगा था। आयोग ने यह भी कहा था कि शिक्षण संस्थान के पास ऐसी अवांछित गतिविधियां/दुकानें न हो, यह भी सुनिश्चित कराया जाये। आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर नगर निगम कमिश्नर, भोपाल ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि क्षेत्रीय अतिक्रमण प्रभारी द्वारा 20 दिसम्बर तथा 22 एवं 23 दिसम्बर 2022 को करौंद स्थित सीएम राईज स्कूल के आसपास लगने वाले अवैध ठेलों को जब्त कर अतिक्रमण अमले द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। गुमठीधारियों अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा स्वयं ही अपनी-अपनी गुमठियां हटा लीं गईं है। क्षेत्रीय अतिक्रमण प्रभारी द्वारा करौंद क्षेत्र में अवैध ठेले, गुमठी लगाने वालों के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने की निरंतर कार्यवाही की जा रही है। चूंकि आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर अतिक्रमण की समस्या का स्थायी समाधान हो चुका है, अतः आयोग में भी यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।

 

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