पंचायतों के हेडपम्प का खनन भी पीएचई करें

मंत्री कुसुम महदेले की अध्यक्षता में हुई परामर्शदात्री समिति की बैठक 

भोपाल। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की परामर्शरात्री समिति ने पंचायतों द्वारा किये जाने वाले हैंण्डपम्पों के खनन का कार्य भी लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग द्वारा ही करवाये जाने का सुझाव दिया हैं। विभागीय मंत्री कुसुम महदेले ने भी इस पर अपनी सहमति दी हैं। विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक विधानसभा भवन में स्थित समिति कक्ष में हुई। बैठक में मंत्री महदेले के साथ राज्य मंत्री जालम सिंह पटेल, सदस्य विधायक पं. रमेश दुबे एवं नीलम अभय मिश्रा भी उपस्थित थे।

महदेले ने कहा कि यदि पीएचई विभाग हेडपम्प के लिए प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी करना हैं तो उसका भौतिक सत्यापन अवश्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी-कर्मचारी वर्षो से एक स्थान पर पदस्थ हैं, उनका स्थानांतरण जिले अथवा संभाग के बाहर किया जाये। प्रदेश की ग्रामीण बसाहटों में क्रियान्वित की जा रही हेडपम्प, नलजल एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की नियमित मानीटरिंग होनी चाहिए। ग्रीष्म ऋतु के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी की कमी नही होनी चाहिए। महदेले ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में लगभग 1250 नलजल योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बैठक में सदस्य नीलम अभय मिश्रा ने सुझाव दिया कि हेडपम्प खनन के शीघ्र बाद राईजर पाइप और मोटर शीघ्र लगाई जाना चाहिए। सदस्य पं. रमेश दुबे ने ग्रामीण बसाहटों में गर्मी के दौरान पेयजल आपूर्ति के संबंध में विशेष ध्यान देने को कहा।

प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल ने विभागीय गतिविधियाँ की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना का निरंतर क्रियान्वयन हो रहा हैं। इस कार्यक्रम के लिए अगले वित्तीय वर्ष 649 करोड़ की राशि रखी गई हैं। मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजनाओं में 2368 चिन्हित ग्रामों में से 1037 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी हैं, जिनकी लागत 1002 करोड़ रुपये हैं। बैठक में प्रमुख अभियंता के.के. सोनगरिया भी उपस्थित थे। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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