पुराना एबीसी सेंटर बंद, नया शुरू नहीं हुआ...15 दिन से स्ट्रीट डॉग्स भी नहीं पकड़े

खबर नेशन / Khabar Nation  

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने ’पंद्रह मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में नगर निगम का एकमात्र एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी सेंटर) बंद कर दिये जाने और नया शुरू नहीं होने के कारण 15 दिन से स्ट्रीट डॉग्स कैप्चर नहीं किये जाने से नागरिक जीवन में डॉग्स बाईट्स की आशंका बढ़ने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कर्मवीर नगर निवासी सरबजीत सिंह ने बताया कि दो दिन पहले उनके बेटे पर कुछ आवारा कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया था। उन्होंने नगर निगम के अमले को काॅल भी किया था, लेकिन कोई भी नहीं आया। आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

एक करोड़ रूपये के माॅडल रोड़ पर पैदल चलने तक की जगह नहीं

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के अल्पना तिराहे से रेलवे के प्लेटफाॅर्म नं छह को जोड़ने के लिये नगर निगम भोपाल द्वारा इस रोड़ को माॅडल रोड़ के रूप में विकसित किया है। जबकि यहां फुटपाथ पर अघोषित अस्थाई दुकाने लग रहीं हैं। अघोषित ऑटो स्टैंड भी यात्रिओं के लिये मुसीबत बना है। यहां दिनभर जाम के हालात बने रहते हैं। यात्रियों की आवाजाही के लिये पैदल चलने तक की जगह नहीं है। आयोग ने इस बारे में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। आयोग ने डिप्टी पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक), भोपाल एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

कोलार की एक दर्जन काॅलोनियों मे आ रहा गंदा व बदवूदार पानी

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के उपनगर कोलार क्षेत्र की एक दर्जन काॅलोनियों में केरवा डेम से प्रदाय होने वाला मटमैला व बदबूदार पानी सप्लाय किये जाने से क्षेत्रवासियों को यही पानी पीने के लिये मजबूर होने के मामले में संज्ञान लिया है। मजबूरी में यहां के लोग पानी का टैंकर व ड्रम खरीद रहे हैं। नागरिकों ने नगर निगम में शिकायत भी की, पर पानी की शुद्धता में कोई सुधार नहीं हुआ है। आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर प्रदाय किये जा रहे जल की मानक गुणवत्ता सुनिश्चित कर 15 दिन में स्पष्ट प्रतिवेदन देने को कहा है।

धूल, गर्दा से धंधा चैपट, सामान खराब और व्यापारी हो रहे बीमार

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के शाहजहांनाबाद क्षेत्र में वाहनों के चलने उड़ती धूल और गर्दा से क्षेत्र के रहवासी और व्यापारियों के बीमार होने, जर्जर सड़क के कारण व्यापारियों का धंधा पनी चैपट हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। क्षेत्र के फुटकर व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि अगले 15 दिनों में यदि इस जर्जर सडक की मरम्म्त का काम शुरू न हुआ, तो क्षेत्र के सभी व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

नगर निमग ने बर्बाद कर दिया शहर का सबसे मुख्य मैदान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में के सबसे पुरानेे बाल विहार मैदान को नगर निगम द्वारा खत्म कर दिये जाने एवं इसके चारों तरफ कई इमारतें तैयार कर देने के कारण यहां प्रैक्टिस करने वाले खिलाडियों के हितों की अवहेलना करने के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर इस मैदान की वर्तमान स्थिति, रख-रखाव की व्यवस्था एवं खिलाडियों को इसकी उपलब्धता के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे व्यापारी से मारपीट, दो हवलदार निलंबित

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के बैरागढ़ क्षेत्र में बीते बुधवार की रात बदमाशों ने एक पान की दुकान में जमकर तोड़फोड़ कर दी। शिकायत करने व्यापारी अपने दोस्त के साथ थाने पहुंचा। वहां पुलिस ने व्यापारी पर मामले में समझौता कर लेने के लिये दबाव बनाना शुरू कर दिया। व्यापारी के मना करने पर पुलिस ने व्यापारी व उसके दोस्त के साथ मारपीट कर दी। साथ ही व्यापारी के तहत कार्यवाही भी कर दी। घटना की जानकारी पुलिस कमिश्नर तक पहुंचने पर डीसीपी ने दो हवलादों को निलंबित कर दिया है। मारपीट में शामिल एएसआई की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही तथा सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित 15 दिन में जवाब मांगा है।

बारह साल की नाबालिग बच्ची से हाॅस्टल संचालक ने किया दुष्कर्म

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले के नौगांव शहर छतरपुर रोड़ पर स्थित सिल्वर सिटी प्रायवेट हाॅस्टल में रहकर पढ़ने वाली बारह साल की एक नाबालिग बच्ची से हाॅस्टल संचालक द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में संज्ञान लिया है। पीड़िता ने घटना की जानकारी फोन से अपनी मां को दी। उसके माता-पिता दिल्ली से नौगांव आये और तब थाने जाकर दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखवाई। आयोग ने कलेकटर, छतरपुर से प्रकरण की जांच कराकर हाॅस्टल संचालक के विरूद्ध की गई कार्यवाही के अतिरिक्त ऐसे व्यक्ति द्वारा संचालित किये जा रहे हाॅस्टल में बच्चों की समुचित सुरक्षा व्यवस्था या ऐसे हाॅस्टल के अपेक्षित नियमों के पालन में किये गये उल्लंघन पर विचार कर हाॅस्टल संचालन के औचित्य/अनुमति पर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

निजी अस्पताल में लापरवाही से प्रसूता की मौत

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कटनी जिले के कोतवाली थानाक्षेत्र के अंतर्गत नई बस्ती में संचालित एक निजी अस्पताल में एक प्रसूता के उपचार में की गई लापरवाही के कारण प्रसूता की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। यहां प्रसूता की मौत हो जाने के बाद भी उसका उपचार किया गया व परिजनों से मनमानी रकम वसूली गई। मौत हो जाने के बाद अपनी कमी छिपाने के लिये निजी अस्पताल प्रबंधन ने मृत शरीर को दूसरे अस्पताल रैफर कर दिया। लापरवाही के कारण प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इलाज करने वाले डाक्टर ने अपना मोबाइल बंद कर लिया और स्टाॅफ भी नदारद हो गया। आयोग ने पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कटनी से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

वृद्ध दंपत्ति की हत्या में संदिग्ध ने खाया जहर, मौत

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने डिंडौरी जिले के घानामार में हुई वृद्ध दंपत्ति की हत्या के मामले में संदिग्ध एक आरोपी द्वारा जहर खाकर आत्महत्या कर लेने के मामले में संज्ञान लिया है। इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। पुलिस ने डिडोरी थाने में पदस्थ दो एएसआई को निलंवित कर दिया है। घटना के मुताबिक हत्या में संलिप्तता के संदेही विष्णु को पुलिस पूछताछ के लिये थाने लेकर आई थी। मौका देखकर वह फरार हो गया था, बाद में उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, डिंडौरी से 15 दिन में जवाब मांगा है।

राहगीरों के लिये काल साबित हो रहे हैं स्पीड ब्रेकर

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीहोर शहर के पुराने हाइवे पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये गये स्पीड ब्रेकर्स के कारण वाहन चालकों के घायल होने और गंभीर सड़क हादसों की आशंका जताने वाली एक मीडिया रिपोर्ठ पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक लोक निर्माण विभाग द्वारा बेहत बेतुके ढंग से जगह-जगह बनाये गये स्पीड बे्रकर कई सड़क हादसों के जवाबदेह बन चुके हैं। आयोग ने कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर ऐसे स्पीड ब्रेकर्स के मानक अनुरूप बने होने, उन पर नियमानुसार रंग-रोगन करने तथा आवश्यक संकेतक लगाये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

हाथ में बिना सब्जी थमाई कच्ची व जलीं रोटियां, कहा- घर जाकर खा लेना

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले के मुरादपुरं प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत् बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को सब्जी नहीं परोसने और शिक्षकों द्वारा बच्चों को दो-दो रोटियां थमाकर घर जाकर खा लेने की हिदायत देने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मताबिक 320 बच्चे दर्जहैं। एक स्व सहायता समूह का संचालक अपने घर से मध्यान्ह भोजन बनाता है। फिर भी खराब खाना बनाता है बच्चों को कच्ची रोटियां दे दी जाती हैं और बच्चों से कहा जाता है - अपने घर पर खाकर लौट आना। आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षाधिकारी, गुना से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

सीवर लाइन के असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर से मारपीट

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना शहर की जगदीश काॅलोनी में सीवर लाइन के असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ गाली-गलौज व मारपीट किये जाने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर अर्जन कुमार ठाकुर के अनुसार साईट पर तैनात सुपरपाइजर ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि एक व्यक्ति ने साईट पर काम रूकवा दिया है। पीड़ित मौके पर पहुंचे और काम रूकवाने वाले राकेश रघुवंशी से काम रूकवाने की वजह पूछी तो राकेश रघुवंशी ने पीड़ित से गालियां दी और बुरी तरह मारपीट की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, गुना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही तथा पीड़ित की एफआईआर, मेडिकल रिपोर्ट के साथ 15 दिन में जवाब मांगा है।

छेड़छाड़ का विरोध करने पर हमला, एक की मौत, कई घायल

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ थानाक्षेत्र में चंदोखा गांव में कुछ दबंगों द्वारा इसी गांव के पाल समाज के लोगों के साथ मारपीट कर दिये जाने से राजाराम पाल की मौके पर ही मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मृतक के परिजनों ने बताया कि दबंग लोगों ने पाल समाज की एक महिला के साथ छेड़छाड़ की थी। छेड़छाड़ का उलाहना पाल समाज द्वारा एक दिन पहले दिया गया था। जिससे नाराज होकर दबंगों ने एक दर्जन पाल समाज की एक दर्जन महिलाओं एवं पुरूषों के साथ लाठी व लोहे की राॅड से मारपीट की। इससे राजाराम की मौके पर ही मौत हो गई। आयोग ने उप पुलिस महानिरीक्षक, छतरपुर पुलिस रेंज से प्रकरण की जांच कराकर अबतक की गई कार्यवाही तथा सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

तहसील के सामने पति-पत्नी ने किया आत्मदाह का प्रयास

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने विदिशा जिले की सिरोंज तहसील कार्यालय के सामने बीते शुक्रवार को खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लेने का प्रयास करने के मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार अपनी भूमि पर दबंगों द्वारा कुटीर का निर्माण न करने देने और दबंगों की पुलिस में शिकायत करने के बाद भी उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई न होने से परेशान पंचकुईंयां निवासी भवानी अहिरवार अपनी पत्नी के साथ तहसील आॅफिसे दरवाजे के पास पहुंचे और पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास करने लगे। तहसील आॅफिस के चैकीदार ने दोनों को बचा लिया। आयोग ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

डूब में गई जमीन की मुआवजा राशि भी डूबने की आशंका !

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजगढ़ जिले के ब्यावरा क्षेत्र में मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र के कराडिया गांव से अधिगृहित भूमि से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि तो मिल जाने परंतु बैंक खाते से मुआवजा राशि गायब नजर आने से राशि डूबने की आशंका जताती एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। प्रभावित किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी मुआवजा राशि को सुरक्षित रखने के लिये राजगढ़ स्थित आईसीआईसीआई बैंक में एफडी करवा दी थी। हर एक ढेड साल होने पर एफडी को रिन्यु भी करवाया परंतु पिछले एक साल के अंदर पांच किसानों की एफडी की राशि बैंक खाते से गायब हो गई। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, राजगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। 


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