बैंक से घर लौट रही महिला से बदमाशों ने की जालसाजी, जेवर की जगह पत्थर मिले

खबर नेशन / Khabar Nation  

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने ’आठ मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के बी-10, रेलवे कॉलोनी, धोबीघाट, बैरागढ़ निवासी दुलारी बाई बैंक से घर लौट रहीं थी, तभी जालसाज बदमाशों ने उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामले पर संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार दुलारी बाई बीते 27 फरवरी को दोपहर करीब 12 बजे बैंक ऑफ बडौदा से 600 रूपये विधवा पेंशन लेकर घर लौट रहीं थीं। तभी दो अज्ञात जालसाजों ने उनके गहने उतरवाकर एक कपड़े में रखने को कहा। पीड़िता ने जालसाजों के कहे अनुसार अपने गहने उतारकर एक कपड़े में रख लिये और कुछ देर बाद गहनों की पोटली को खोलकर देखा, तो उसमें गहने की जगह पत्थर रखे थे। महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
हॉस्टल वार्डन के खिलाफ छात्राएं सडकों पर उतरीं

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर जिले की शाहपुरा तहसील के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं द्वारा हॉस्टल वार्डन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में लगभग 40 छात्राएं रहती हैं। छात्राओं का आरोप है कि वे हॉस्टल वार्डन भीमा सिंह राजपूत से बेहद परेशान हैं और हॉस्टल वार्डन उनके साथ दुव्र्यवहार करती हैं। उन्हें सही खाना नहीं मिलता है और जो खाना दिया जाता है वह दूषित होता है। इस वजह से कई छात्राएं बीमार हो चुकीं हैं। आयोग ने कलेक्टर, जबलपुर से प्रकरण की जाच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मुरैना में रेल की पटरी के किनारे तीन किमी तक मिले एक महिला समेत पांच लोगों के शव

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुरैना शहर में बीते मंगलवार को रेल की पटरी के किनारे तीन किमी तक एक महिला समेत पांच लोगों के शव मिलने के मामले पर संज्ञान लिया है। रेलवे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव जिले में शिकारपुरा रेलवे क्राॅसिंग, तुस्सीपुरा और उत्तमपुरा इलाके के पास मिले हैं। पांचों शवों पर चोट के निशान हैं। अबतक शवों की पहचान नहीं हो सकी है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, मुरैना से एक माह में जवाब मांगा है।
जेल में दुष्कर्म के कैदी की मौत परिजनों ने मारपीट का आरोप लगाया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला जेल, धार में सजायफ्ता कैदी भैरू पिता बगदीराम की मौत हो जाने एवं परिजनों द्वारा मृतक की मारपीट करने का आरोप लगाने के मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार 17 दिन पहले सेंट्रल जेल, इंदौर से धार जिला जेल में शिफ्ट किये गये सजायाफ्ता कैदी भैरू की मौत हो गई। मामला तब सामने आया, जब बीते मंगलवार को परिजनों ने जेल कर्मचारियों पर भैरू के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुये न्यायिक जांच की मांग को लेकर जिला जेल एवं जिला अस्पताल के बाहर भारी हंगामा किया। पीएम करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि कैदी भैरू की पीठ पर चोट के निशान मिले हैं। पूछताछ के दौरान स्टाफ के कुछ लोगों द्वारा मृतक के साथ मारपीट करना भी सामने आया है। मामले की जांच जारी है। आयोग ने अधीक्षक, जिला जेल, धार से 15 दिन में जवाब मांगा है।
रास्ता विवाद में किसान ने खाया जहर

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने विदिशा जिले के खामखेड़ा के नजदीक ग्राम दल्लाखेड़ी के एक किसान ने रास्ता विवाद से परेशान होकर जहर खा लेने के मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार किसान इंदर सिंह का इसी गांव के बादाम सिंह और उसके साथियों से भूमि विवाद चल रहा है। किसान के परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने रिश्वत लेकर सरकारी भूमि होने के बावजूद इंदर सिंह की निजी खेत से बादाम सिंह और उसके साथियों को रास्ता दे दिया है। रास्ता दिलाने के लिये प्रशासन ने इंदर सिंह की खड़ी फसल पर ट्रेक्टर चला दिया और फसल पूरी तरह बर्वाद कर दी। इसी से परेशान होकर इंदर सिंह ने जहरीला पदार्थ खा लिया। आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर परिजनों ने जताया संदेह

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले के आरोन थानाक्षेत्र की माता मूड़रा नदी में मृत मिले युवक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर परिजनों द्वारा संदेह जताने संबंधी मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार नरेन्द्र रराठौर का मृत अवस्था में ग्राम मातामूडररा में स्थित नदी में शव मिला था। तत्समय आरोन पुलिस द्वारा शव नदी से बाहर निकाला गया। उस समय शव के पेट से एक बूंद पानी भी नहीं निकाला था। शव की आंखें भी खुली थीं। मृतक के गाल पर चोट के निशान भी थे। जिसका ग्रामीणों ने पंचनामा भी बनाया था जो परिजनों के पास है। परिजनों ने बताया कि पीएम रिपोर्ट फर्जी है। पीएम रिपोर्ट का कोई पेज नंबर नहीं है एवं मृतक का फोटो भी नहीं है। पुलिस द्वारा पीएम की वीडियों रिकॉर्डिंग भी नहीं कराई गई एव पैनल पर पीएम नहीं कराया गया। परिजन मृतक की मृत्यु की जांच कराकर न्याय दिलाने की बात कर रहे हैं। आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, गुना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
नाबालिग बौद्धिक दिव्यांग आदिवासी बच्ची के साथ दुष्कर्म

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने धार जिले के बदनावर थानाक्षेत्र के वडलीपाड़ा लीलीखेड़ी गांव में एक नाबालिग बौद्धिक दिव्यांग आदिवासी बच्ची के साथ आरोपी द्वारा कई बार दुष्कर्म किये जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार पीड़िता और आरोपी एक ही गांव के हैं। पीड़िता के माता-पिता लड़की को घर पर छोड़कर मजदूरी करने जाते थे। आरोपी झांगा पिता बाबू भील ने इसी बात का फायदा उठाकर बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया। बच्ची का पेट बड़ा होने पर उसने मां को बताया। मां ने आरोपी की तश्दीक कर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपी फरार है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट (बाल लैंगिक शोषण संरक्षण अधिनियम) व अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, धार से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
परीक्षाएं न होने के कारण तीन साल से एक ही कक्षा में पढ़ रहें हैं विद्यार्थी

छतरपुर जिले में मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर से संबद्ध रामदेव काॅलेज ऑफ नर्सिंग में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने बीते दिनों कलेक्टर को ज्ञापन दिया। उन्होंने शिकायत की थी कि उनके संस्थान द्वारा पिछले तीन सालों से परीक्षाएं आयोजित न कराये जाने के कारण वे छात्राएं पिछले तीन सालों से अर्थात् शैक्षणिक सत्र 2020-21 से एक ही कक्षा में पढ़ रहीं हैं। संस्थान द्वारा इन छात्राओं की परीक्षा एक मार्च 2023 से आयोजित की गई थी लेकिन फिर किसी वजह से यह परीक्षा स्थगित कर दी गई है। छात्राओं की इस समस्या पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने रजिस्ट्रार, मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह मे प्रतिवेदन मांगा है।


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