500 से अधिक दुकानों के मेडिकल मार्केट में नहीं मूलभूत सुविधाएं

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने छह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
आयोग ने कलेक्टर एवं निगमायुक्त भोपाल से एक माह में मांगा जवाब
भोपाल शहर के हमीदिया रोड़ से
 लगे 500 से अधिक दवाईयों की दुकानों के इस मार्केट में आने वाले ग्राहकों के लिये सुलभ शौचालय तक इतनी दयनीय स्थिति में है कि लोग इसका उपयोग बड़ी मुश्किल से कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं मेडीकल स्ट्रीट में तो तीन चेंबर लाइन से टूटू पड़े हैं। जिनका सुधार आज तक नहीं हो सका है। हाल यह है कि यहां आने वालों को सड़क पर फैली गंदगी में ही निकलना पड़ रहा है। लम्बे समय से चली आ रही समस्या का समाधान अभी तक सिर्फ इतना हुआ है कि जनप्रतिनिधियों ने टूटे चेंबरों पर फर्शी रखकर उसे ढंक दिया है, लेकिन स्थाई समाधान के लिये अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं हुई है। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त, भोपाल से मामले की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।

खुले में फैंका जा रहा मेडिकल वेस्ट, डिस्पोज करने लगाई आग
आयोग ने पुलिस कमिश्नर एवं निगमायुक्त भोपाल से 15 दिन में मांगा जवाब
भोपाल शहर के बागमुगलिया के पास गोधूलि पार्क के
 एक हिस्से में बीते शनिवार को बड़ी मात्रा में वायो मेडिकल वेस्ट नजर आया। इसमें दवाओं की खाली शीशी, इस्तेमाल की जा चुकी सिरिंज सहित कई रेपर पड़े थे। आसपास जला हुआ कचरा पड़क्ष हुआ था। दवाओं के कई रेपर में आग लगाई गई थी। रहवासियों ने इसकी सूचना नगर निगम को दी और बताया कि पार्क में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है ऐसे में इस कचरे में नशीली दवाएं भी हो सकती हैं। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर एवं नगर निगम आयुक्त, भोपाल से मामले की जांच कराकर पंद्रह दिन में जवाब मांगा है।

गंदा पानी पीने का मजबूर बाग उमराव दूल्हा के रहवासी
आयोग ने निगमायुक्त भोपाल से 15 दिवस में मांगा जवाब
भोपाल शहर के वार्ड 40 बाग उमराव दूल्हा के
 
रहवासी विगत पांच दिनों से बदबूदार गंदा पानी पीने के लिये मजबूर हैं। नर्मदा पाइप लाइन से पानी काला, गंदा व बदबूदार आ रहा है। जिससे कई गम्भीर बीमारियों की आशंका बनी हुई है। रहवारियों ने मटमैले पानी को लेकर जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। मामले में आयोग ने नगर निमग आयुक्त, भोपाल से मामले की जांच कराकर पंद्रह दिन में जवाब मांगा है।

बस्ते का बोझ कम करना है तो अभी कुछ करो ‘सरकार’
आयुक्त स्कूल शिक्षा संचालनालय एवं डीईओ भोपाल एक माह में दें जवाब
भोपाल शहर में
 नौनिहालों के कंधे तोड़ते स्कूल के बस्ते का बोझ कम करने के सारे जतन बेकार साबित हो रहे हैं। दरअसल राज्य सरकार ठीक समय पर कोई पहल नहीं करती है और शैक्षणिक सत्र शुरू होने के तीन माह बाद से सत्र समाप्त होने तक दो-दो बार इस संबंध में आदेश जारी किये जाते हैं। जबकि सभी जानते हैं कि सत्र के बीच में बस्ते का बोझ कम नहीं किया जा सकता। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने का सही समय दिसम्बर-जनवरी है क्योंकि इसी समय स्कूल तय कर देते हैं कि अगले सत्र में किस कक्षा के पाठ्यक्रम में कौनसी और किस प्रकाशक की पुस्तक पढ़ाई जायेंगीं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के आला से लेकर मैदानी अधिकारी तक चुप हैं। मार्च में जब पुस्तकें छपकर दुकानों पर पहुंच जायेंगीं और बिक्री शुरू हो जायेगी तब दिखावे के लिये फिर से आदेश जारी होंगे। मामले में आयोग ने आयुक्त, संचालनालय स्कूल शिक्षा संचालनालय एवं जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल से मामले की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।

नाले पर गंदगी और बदबू से जनता परेशान, प्रशासन से की अतिक्रमण हटाने की मांग
आयोग ने कलेक्टर सीहोर से तीन सप्ताह में मांगा जवाब
सीहोर जिले के सैकड़ाखेडी में
 
नालों के चारों ओर कचरा इकट्ठा हो जाने एवं आसपास के लोगों द्वारा नाले पर मलबा डालने से गंदा पानी जमा हो गया है और गंदगी व बदबू से आमजन परेशान हैं। संकल्प वृद्धाश्रम के एक समाजसेवी ने बताया कि जिला मुख्यालय के समीप सैकड़ाखेड़ी जोड़ पर वर्षों पुराने नाले पर आसपास के लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है और इस नाले पर मलबा डालने से गंदे पानी की निकासी नहीं हो रही है। आश्रम में बड़ी संख्या में वृद्धजन निवास करते हैं। गंदे पानी की बदबू से वृद्धजन बीमार हो रहे हैं एवं इसके अलावा आमजन भी परेशान हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर, सीहोर से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

दूषित चाट-फुल्की खाने से 200 बीमार
आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ सीधी से मांगा जवाब
सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्रांतर्गत सोन नदी के खैरा घाट में 
बीते शनिवार को मकर संक्रांति के मेले में दूषित चाट-फुल्की खाने बाले करीब दो सौ से ज्यादा लागों की तबीयत बिगड़ने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन एवं चुरहट में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलने पर जिला अस्पताल से डाक्टर्स की टीम रवाना की गई। मामले में आयोग ने कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सीधी से जवाब मांगा है।

 

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