मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पांच मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने पांच मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में गांधी मेडीकल कॉलेज (हमीदिया) में शिक्षारत् डॉक्टर आकांक्षा माहेश्वरी द्वारा मरीज को बेहोश करने में दिये जाने वाले डोज का चार गुना डोज लेकर जीएमसी हॉस्टल में आत्महत्या कर लेने के मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि मृतका के पिता ने यह कहा है कि उनकी बेटी से 40-40 घंटे तक ड्यूटी कराई जाती थी, जिससे वह वर्क प्रेशर से हमेशा भारी तनाव में रहती थी और अक्सर कहती थी कि अब उससे इतना प्रेशर झेला नहीं जाता और वह पढ़ाई भी छोड़ देने की बात कहती थी। मृतका जीएमसी से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट मे पीजी कर रही थी। वह फस्र्ट ईयर में थी। पुलिस को मौके से ढ़ाई-ढ़ाई एमएल के एनेस्थीसिया इंजेक्शन की चार खाली शीशी, 50 एमजी का पेन किलर का खाली इंजेक्शन और सीरिंज मिली। मृतका के परिजनों ने अफसरों के दवाब मे उनकी एफआईआर दर्ज नहीं करने की बात भी कही है। मामले में आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा, मप्र शासन तथा पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि मृतका के गत तीन माह के ड्यूटी चार्ट एवं उपयोगित दवाओं की उपलब्धता के सम्बन्ध में भी स्पष्ट प्रतिवेदन दें।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने उज्जैन जिले में चायना डोर से छह साल की एक मासूम बच्ची का गला कट जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार एक बच्ची अपने पिता के साथ दोपहिया वाहन पर बैठकर स्कूल से घर जा रही थी।, उसी दौरान कोतवाली थाना उज्जैन के समीप गले में चाइना डोर उलझ गई थी। गनीमत रही की समय रहते पिता ने वाहन रोक दिया, जिससे बच्ची के गले में हल्की खरोंच लगी। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, उज्जैन से प्रकरण की जांच कराकर चाइना डोर के विक्रय की परिस्थितियों और की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने निवाड़ी जिले के माड़िया गांव में आठ-दस हथियारबंद बदमाशों द्वारा एक दलित पर जानलेवा हमला करने और उसके घर में आग लगा देने की घटना पर संज्ञान लिया है। पुराने विवाद के राजीनामे को लेकर एक मजदूर पुष्पेन्द्र अहिरवार के साथ हथियारबंद बदमाशों ने बुरी तरह मारपीट की और फिर उसके घर में आग भी लगा दी। घायल पुष्पेन्द्र अहिरवार की हालत गंभीर बनी हुई है। ईलाज के लिये उसे झांसी मेडीकल काॅलेज रैफर कर दिया गया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, निवाड़ी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सिंगरौली जिले में शव वाहन नहीं मिलने पर एक दामाद को अपने मृत ससुर की लाश को खाट पर लेकर जाने को मजबूर होने की घटना पर संज्ञान लिया है। जिले के ग्राम बेंदो निवासी मनमोहन सिंह अपनी बेटी के गांव झारा गये थे, जहां उनकी मौत हो गई। ऐसे मे मनमोहन के दामाद ने एम्बुलेंस या शव वाहन के लिये अस्पताल में फोन किया। लेकिन अस्पताल ने मना कर दिया। मजबूरी में दामाद और परिजनों को मनमोहन का शव को खाट पर रखकर 20 किमी दूर बेंदो गांव की ओर जाना पड़ा। करीब पांच किमी चलने के बाद सीधी जिला लग गया। जहां भुईमाड़ थाना प्रभारी ने उन्हें पुलिस की गाड़ी मुहैया कराई। मामले में आयोग ने कलेक्टर सिंगरौली से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने दमोह जिले मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर चोरमार गांव में निवासरत ग्रामीणों को सड़क की बदहाल अवस्था के कारण भारी कठिनाईयों का सामना करने के मामले मे संज्ञान लिया है। सड़क नहीं होने से बडे़ वाहन गांव नहीं पहुंच पाते, इससे बीमार और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। बारिश में जर्जर सड़क के बड़े-बड़े गढ्ढों में रास्ता लगभग बंद भी होता है। गामीणों ने शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों सभी से गुजारिश की, पर उन्हें अबतक पक्की बारहमासी सड़क नहीं मिल पाई है। मामले में आयोग ने कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, दमोह से जवाब-तलब किया है। 

 

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