मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने लिया छह मामलों में संज्ञान

खबर नेशन / Khabar Nation

आयोग के माननीय कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने संज्ञान लेकर संबंधित विभागाधिकारियों से समय-सीमा में जवाब मांगा है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल में पुराने शहर के करोंद स्थित सरकारी हायर सेकेण्डरी स्कूल (जो सीएम राइज स्कूल भी है) के गेट के पास बड़ी संख्या में पान, गुटखे और चाय की दुकानें संचालित होने के कारण यहां एकत्र होकर शरारती तत्वों द्वारा छात्राओं को छींटाकशी कर परेशान करने के मामले में संज्ञान लिया है। इससे छात्राओं के अभिभावक बेहद परेशान हैं। अभिभावकों ने कहा है कि स्कूल के सामने से अतिक्रमण हर कीमत में हटना ही चाहिए, क्योंकि अतिक्रमण के कारण गेट कई बार जाम के हालात भी बन जाते हैं, जिससे विद्यार्थी परेशान होते हैं। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल, कलेक्टर भोपाल एवं नगर निगम कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का अगले दस दिन में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने यह भी कहा है कि शिक्षण संस्थान के पास ऐसी अवांछित गतिविधियां/दुकानें न हो, यह सुनिश्चित कराया जाये।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल में एक प्रसूता महिला को अस्पताल द्वारा एक से दूसरे अस्पताल तक भटकाने के कारण ऑटो में ही उसका प्रसव हो जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार बीते सोमवार को औबेदुल्लागंज (जिला रायसेन) की रहने वाली सुरखीदेवी इलाज के लिये यहां-वहां भटकती रही। हमीदिया अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते उसे ऑटो में ही प्रसव हो गया। परिजनों का कहना है कि प्रसूता का इलाज करना तो दूर, कहीं भी डाॅक्टरों ने उसे देखना तक उचित नहीं समझा। गंभीर स्थिति को देखकर औबेदुल्लागंज से लेकर भोपाल शहर के अस्पताल प्रसूता को भर्ती करने की जगह उसे रेफर करते रहे। वहीं, समय पर इलाज न मिलने से नवजात ने दम तोड़ दिया। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर आवश्यक दस्तावेजात एवं संबंधित शासकीय अस्पतालों में पदस्थ/उपलब्ध चिकित्सकों/स्त्री रोग विशेषज्ञों की जानकारी सहित तीन सप्ताह में प्रतिवेदन (जवाब) मांगा है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने सागर जिले के खुरई में एसडीएम के आदेश पर सुबह 11.30 बजे से स्कूल बंद होने की एक घटना पर संज्ञान लिया है। दरअसल खुरई के एसडीएम मनोज चैरसिया ने खुरई ब्लाॅक के 210 सरकारी और 41 निजी स्कूल सुबह 11.30 बजे बंद कर देने के आदेश दिये हैं, क्योंकि यहां दोपहर 12 बजे से एक धार्मिक आयोजन हो रहा है, जो 15 दिसम्बर तक चलेगा। एसडीएम के आदेश से ब्लाॅक के 251 स्कूलों के हजारों बच्चों की पढ़ाई लगातार सात दिन तीन घण्टे के लिये ठप्प कर दी गई है। मामले में आयोग ने संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग, संचालनालय, भोपाल तथा कलेक्टर सागर से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में तथ्यात्मक जवाब (प्रतिवेदन) मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि क्या इस प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति बच्चों को प्राप्त शिक्षा पाने के मौलिक अधिकार के उपयोग पर अधिभावी/अधिमान्यता प्रभाव रखती हैं या इसके लिए कोई वैधानिक बाध्यता है। ऐसे कार्यक्रम में कोलाहल निवारण अधिनियम के अंतर्गत अनुमति की क्या बाध्यतायें एवं सीमायें है ? क्या इन सभी का पालन सुनिश्चित किया गया है ?

मप्र मानव अधिकार आयोग ने जिला अस्पताल शिवपुरी में एक मरीज की टाॅयलेट में मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार बीते नौ दिसम्बर को जिला अस्पताल में भर्ती कराये गये कमलागंज, घोसीपुरा निवासी देवीलाल की रात में अस्पताल के टाॅयलेट में ही मौत हो गई। तीन दिन तक उसका शव टाॅयलेट में ही पड़ा रहा, लेकिन न तो पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मियों को पता चला, न ही ड्यूटी डाॅक्टर ने कोई खबर ली। परिजनों ने पुलिस में मरीज की गुमशुदगी भी दर्ज करा दी। टाॅयलेट का गेट तोड़कर शव बाहर निकाला गया। सिविल सर्जन जांच कराने की बात कह रहे हैं। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी से जवाब मांगा है।              

मप्र मानव अधिकार आयोग ने टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर स्थित नवोदय विद्यालय में बच्चों के साथ रैगिंग होने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार नौवीं व दसवीं के 60 विद्यार्थियों के साथ कक्षा बारहवीं के कुछ छात्रों ने हाॅस्टल में बीते रविवार व सोमवार की दरमियानी रात 12 से 3 बजे तक जमकर मारपीट की। पीड़ितों के हाथ, पैर और पीठ पर चोट के गंभीर निशान हैं। पीड़ितों ने बताया कि सीनियर छात्र रात में ड्रिंक कर के आते हैं और छोटी कक्षा के विद्यार्थियों के साथ बेहद अश्लील हरकतें और यौन शोषण भी करते हैं। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ से जवाब मांगा है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने शहडोल जिले के बिरसा मुण्डा मेडिकल काॅलेज परिसर में बीते रविवार की रात यहां अध्ययनरत छात्रों और स्थानीय युवकों के बीच जमकर मारपीट की घटना होने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार बीते रविवार को रात करीब 8.30 बजे पांच-छह लोग मेडिकल काॅलेज कैम्पस पहुंचे। ये लोग कैम्पस के अंदर बने हुये गल्र्स हाॅस्पिटल के पास अपनी गाड़ी घुमाते हुये अपशब्दों का प्रयोग कर रहे थे और तेज आवाज में म्यूजिक भी बजा रहे थे। यह देख वहां मौजूद मेडिकल छात्रों ने उन्हें रोकने और गाली देने से रोका तो, इन बदमाशों ने अपने साथियों को भी बुलाकर मेडिकल छात्रों की पिटाई कर दी। इस मारपीट में नौ मेडिकल छात्र घायल हो गये। चार आरोपी पकड़ लिये गये हैं एवं अन्य दस-बारह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, शहडोल से जवाब मांगा है।

दो मृत बंदियों के परिजनों को मिले पांच-पांच लाख रूपये आयोग की अनुशंसाओं का हुआ पालन
मप्र मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर पुलिस अभिरक्षा में रखे गये बंदियों की मौत हो जाने के कारण मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रू. दे दिये गये हैं। मामला इंदौर एवं छतरपुर जिले का है।
आयोग के प्रकरण क्रमांक 9811/इंदौर/2017 के अनुसार पुलिस अधीक्षक इंदौर ने पुलिस थाना कनाडिया में मृत्यु के संदेही आरोपी बंदी सन्नी उर्फ डोबा पिता रमेश अलावा की हवालात के शौचालय में फांसी लगा लेने पर उपचार के दौरान मयूर अस्पताल इन्दौर में 28 दिसम्बर 2017 को मृत्यु हो जाने की सूचना दी थी। सतत् सुनवाई उपरांत इस प्रकरण में आयोग ने राज्य शासन को तीन अनुशंसायें की थीं। अनुशंसाओं में आयोग ने कहा था कि मृतक सन्नी उर्फ डोबा पिता रमेश बलाई, निवासी शांति नगर, थाना आजाद नगर, जिला इंदौर की अभिरक्षा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई असामयिक मृत्यु के कारण उसे प्रदत्त वैधानिक एवं मानव अधिकारों का घोर हनन हुआ, अतः मृतक के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दी जाये। बंदी सन्नी को अवैध रूप से अभिरक्षा में रखने और उसके पश्चात् नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही न करने के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच एक माह में की जाये। थाना कनाडिया के अपराध क्र. 309/2019 धारा 304 भादवि का अनुसंधान कम से कम उप पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के पर्यवेक्षक में राजपत्रित अधिकारी द्वारा कराया जाये। आयोग की इन अनुशंसाओं के पालन में पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा प्रतिवेदन दिया गया है कि आयोग के प्रथम अनुशंसा के परिपालन में मृतक बंदी सन्नी उर्फ डोबा के पिता रमेश अलावा को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दे दी गई है। द्वितीय अनुशंसा के पालन में संयुक्त लंबित विभागीय जांच क्र. 02/2020 में दोषी निरीक्षक मांगीलाल चैहान, सहायक उप निरीक्षक सुनील रैकवार, सहायक उप निरीक्षक नितिन भालेराव, सहायक उप निरीक्षक विष्णु चैहान, प्रधान आरक्षक सुरेश सोलंकी एवं आरक्षक पारस की एक-एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोक दी गई है। इस दीर्घशास्ति का प्रभाव दोषियों की भविष्य की वेतनवृद्धियों, पेंशन आदि पर भी पडे़गा। तृतीय अनुशंसा के पालन में पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा संबंधितों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
इसी प्रकार आयोग के प्रकरण क्रमांक 5820/छतरपुर/2019 के अनुसार पुलिस अधीक्षक छतरपुर ने पुलिस थाना भगवां द्वारा गिरफ्तार किये गये बंदी वीरन उर्फ वीरेन्द्र पिता प्रेमलाल लोधी द्वारा मेडिकल परिक्षण हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ामलेहरा भेजे जाने पर शौचालय (बाथरूम) में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने से मृत्यु हो जाने की सूचना दी थी। सतत् सुनवाई उपरांत इस प्रकरण में आयोग ने राज्य शासन को अनुशंसा की थी कि मृतक की पुलिस अभिरक्षा में आत्महत्या कर लेने के कारण उसके वैधानिक एवं मानव अधिकारों का घोर हनन हुआ, अतः मृतक के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दी जाये। आयोग की इस अनुशंसा के पालन में पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा प्रतिवेदन दिया गया है मृतक बंदी वीरन उर्फ वीरेन्द्र पिता प्रेमलाल लोधी की धर्मपत्नी श्रीमती रचना लोधी को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दे दी गई है।
चूंकि दोनों ही प्रकरणों में आयोग की अनुशंसाओं का पालन पूर्ण कर लिया गया है, अतः आयोग में भी यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।


 

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