नई एक्स-रे मशीन की खरीद लेट, पुरानी बार-बार हो रही है खराब, मरीज परेशान

खबर नेशन / Khabar Nation  

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
आयोग ने कहा- संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर संभाग एक माह में जवाब दें
जिला अस्पताल (मुरार), ग्वालियर में
 नई एक्स-रे मशीन की खरीद की प्रक्रिया उलझी होने तथा पुरानी मशीन बार-बार खराब होने से हर रोज कई मरीज जांच कराये बिना वापस लौट रहे हैं। मशीन खराब होने के कारण मरीज प्रायवेट एक्स-रे सेंटर पर जाकर स्वयं के पैसों से एक्स-रे कराने को मजबूर हैं। एक्स-रे रिपोर्ट आने के बाद ही विशेषज्ञ डाक्टर मरीजों का इलाज शुरू कर पा रहे हैं। मेंटिनेंस का काम देख रही कंपनी के इंजीनियर कई बार मशीन को सुधार चुके हैं, लेकिन मशीन में बार-बार दिक्कत आ रही है। स्वास्थ्य विभाग व कंपनी के अनुबंध के तहत हर मशीन को सात दिन के भीतर सुधारने का प्रावधान हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। मामले में आयोग ने संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही पूछा है कि 01. एक्स-रे मशीन किस दिनांक से खराब है ? 02. अबतक ठीक क्यों नहीं हो सकी है ? 03. निर्धन, जरूरतमंद मरीजों के एक्स-रे की क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है ? 04. समस्या का समाधान कब तक हो सकेगा ?

मिडिल स्कूल में मध्यान्ह भोजन करने के बाद 37 बच्चे बीमार, भर्ती
आयोग ने कहा - कलेक्टर एवं सीएमएचओ एक माह में जवाब दें
सागर जिले की खुरई तहसील अंतर्गत गोलानी गांव के
 
मिडिल स्कूल में मध्यान्ह भोजन करने के बाद 37 बच्चे बीमार हो गये। बच्चों ने रोटियों में सल्फास जैसी बदबू आने की बात कही। बच्चे स्कूल परिसर में ही उल्टियां करने लगे। बच्चों ने पेट दर्द, चक्कर आने की शिकायत की। बच्चों की अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन बच्चों को सागर रेफर किया गया। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सागर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

बाइकों के हैवी साइलेंसरों की आवाज पर नहीं लग रही रोक
आयोग ने कहा - पुलिस अधीक्षक, रायसेन तीन सप्ताह में जवाब दें
रायसेन जिले में
 
स्टाइलिस एवं पर्सनलिटी बाइक के रूप में उपयोग की जा रही बुलेट में अलग-अलग तरह का साइलेंसर का उपयोग करके धमाका व रिवाल्वर के फायर जैसे साउण्ड का तेजी से ट्रेंड चल रहा है। युवाओं का यह शौक लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। बीमार व्यक्ति इन आवाजों को कुछ और समझ लेते हैं, जिससे उनका ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। शहर में इस तरह के कई वाहन साइलेंसर की तेज आवाज के चलते लोगों को भ्रमित कर उनकी बीमारी में इजाफा कर रहे हैं। वहीं यह ध्वनि प्रदूषण के लिये भी एक बड़ा खतरा बना है। जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

 

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