रिटायर होने के दो साल बाद भी जवान नरबहादुर थापा को नही मिली पेंशन….

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने नौ मामलों में स्वतः संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कभी होमगार्ड के जवान रहे नरबहादुर थापा को रिटायर होने के दो साल बाद भी संचित निधि के ढ़ाई लाख रूपये नहीं मिलने साथ ही कोई पेंशन न मिलने के कारण भोपाल शहर के एक रैनबसेरे में जीवन-यापन करने को मजबूर होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। नरबहादुर को अपनी संचित निधि मिलने का इंतजार है। इसे लेकर नरबहादुर ने होमगार्ड मुख्यालय, भोपाल से गुहार लगाई है। मामले में आयोग ने महानिदेशक, होमगार्ड मुख्यालय, भोपाल से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने महानिदेशक से यह भी पूछा है कि क्या वर्ष 1990 से छह वर्ष तक गैरहाजिर रहने की अवधि उपरान्त सेवा समाप्ति मान्य कर नरबहादुर को नई नियुक्ति दी गई या पूर्व में की गई सेवा की निरंतरता में विचार कर नियुक्ति दी गई ? वर्ष 1990 से पूर्व तक नरबहादुर द्वारा कितने वर्ष तक कार्य किया गया ? संचित निधि स्वीकृति संबंधी नियम भी प्रेषित किये जाये। क्या नरबहादुर को सेवा से पृथक करने का कोई आदेश दिया गया था ? यदि हां, तो उसकी प्रति भी प्रेषित करें।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल पुलिस की उदासीनता के कारण एक नाबालिग बच्ची का अपरहरण हो जाने पर पीड़िता की मां द्वारा संदेही का नाम बता देने के बावजूद भी पुलिस द्वारा संदेही युवक को तलाशने का कोई प्रयास नहीं करने संबंधी मामले पर संज्ञान लिया है। मामला भोपाल शहर के गांधी नगर का है। जब पीड़ित पक्ष ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से शिकायत की, तो संदेही पक्ष के लोग पीड़ित पक्ष पर राजीनामा करने के लिये दबाव बनाने लगे। थाना प्रभारी गांधी नगर का कहना है कि बच्ची की तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। परिजनों के तमाम आरोप निराधार है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का दस दिन में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बैतूल जिले में चोरी के संदेह में पकड़े गये दो लोगों में से एक की संदिग्ध हालत में मौत हो जाने और दूसरे के गायब हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मृतक संदेही गुलाबराव माथनकर पहले आठनेर, जिला बैतूल में निजी काॅलेज में लैक्चरर था। परिजनों ने पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग की है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम जिले के इटारसी क्षेत्र में एक आदिवासी व्यक्ति ने डिप्टी रेंजर राजेश मिश्रा पर उसकी बेटी से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर देने का आरोप लगाकर डिप्टी रेंजर पर केस दर्ज करने की मांग की है। बैतूल निवासी पिता ने आरोप लगाया है कि डिप्टी रेंजर ने काम करने का बोलकर उसकी 19 साल की बेटी को ले गया। लेकिन उसकी बेटी आज तक घर नहीं लौटी है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले के धरनावदा में जमीन मामले में दबंगों की प्रताड़ना का शिकार हुये एक युवक की मौत हो जाने के मामले में पुलिस द्वारा सिर्फ एफआईआर दर्जकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर लेने और एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद भी चार दबंग नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न करने के मामले में संज्ञान लिया है। पीड़ित पक्ष भय में जी रहे हैं और धरनावदा में अपनी दुकानदारी व खेती करने भी नहीं जा पा रहे हैं। पीड़ित पक्ष ने अपनी जान और माल का खतरा भी बताया है। मामले में आयोग ने पुलिस अध्ीाक्षक, गुना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बुरहानपुर शहर की इंदिरा कालोनी रोड़ पर शराब के नशे में धुत निर्भया पुलिस वाहन के चालक आरक्षक राजेश खरे द्वारा एक कार को टक्कर मार देने पर जमा भीड़ से बहस करने पर उसे समझाने गये पुलिस जवानों से भी अभद्रता करने के मामले में संज्ञान लिया है। एसपी ने संबंधित आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, बुरहानपुर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने खंडवा जिले के ताल्याधड़ के जंगल में बीते मंगलवार को दो लोगों की बेरहमी से हत्या हो जाने, आरोपियों द्वारा एक की आंखें निकाल लेने और दूसरे का सिर कुचल देने के मामले में संज्ञान लिया है। पुलिस के मुताबिक जमीन विवाद को लेकर मृतकों और आरोपियों में पुरानी दुश्मनी थी। आरोपियों ने वल्लम और फर्सियों से दोनों की बेरहमी से हत्या की थी। खंडवा जिले के ही मुंद्री थानाक्षेत्र में एक पति ने चिकन में ज्यादा मिर्ची डालने से नाराज होकर अपनी  ही पत्नी को पीट-पीटकर मार डाला। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, खंडवा ने बताया कि पति-पत्नी में नाॅनवेज में मिर्च ज्यादा हाने की बात पर विवाद शुरू हुआ, जो बहस के बाद बढ़ता ही चला गया। शुरूआती पड़ताल में पता चला है कि पति ने पत्नी को तब तक पीटा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। दोनों ही मामलांे में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, खंडवा से प्रकरणवार जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले के गुलगंज थानाक्षेत्र रजपुरा गांव में अज्ञात आरोपियों द्वारा रात के समय घर में घुसकर तीस वर्षीय महिला की बेरहमी से हत्या कर दिये जाने और महिला के साथ सो रहे तीन वर्ष के बेटे और छह माह की बेटी को भी मरणासन्न स्थिति में कर देने के मामले में संज्ञान लिया है। घटनास्थल पर मृतिका की सात वर्षीया बेटी पलंग के नीचे छिपी मिली, जो काफी डरी-सहमी हुई थी। घटना से आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने बीते मंगलवार को गुलगंज-बीजावर रोड़ पर चक्काजाम कर दिया। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।




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