मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन ने लिया सात मामलों में संज्ञान

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने सात मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश में तीन महीने से टी.बी. की दवा खत्म हो जाने के कारण 1.64 लाख टी.बी. मरीजों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो जाने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टी.बी. दवा खत्म हो जाने के कारण इस रोग के मरीजों को आधे-अधूरे डोज या वैकल्पिक दवाओं (सब्स्टीट्यूट मेडिसिन्स) से काम चलाना पड़ रहा है। जिला टी.बी. अधिकारी स्वयं यह मानते हैं कि दवाओं की कमी चल रही है। मरीजों को काॅम्बीनेशन वाली दवायें दी जा रही हैं। मामले में आयोग ने विभागाध्यक्ष, क्षेत्रीय श्वसन रोग संस्थान, भोपाल तथा जिला टी.बी अधिकारी, भोपाल से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के उपनगर संत हिरदाराम नगर में रैनबसेरा नहीं होने से इतनी भीषण ठंड में भी दो दर्जन से भी अधिक लोगों को खुले आसमान के नीचे सोने के लिये मजबूर होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार संत नगर में स्थाई रैनबसेरा की कोई योजना नहीं है, परंतु ठंड के चलते यहां नगर निगम ने थद्धाराम सामुदायिक भवन में एक अस्थाई रैनबसेरा बनाया है। परंतु इसके बावजूद भी स्टेशन रोड़, शिव मंदिर, गोल चक्का के पीछे, जोन कार्यालय के पास व कई अन्य जगहों पर लोग खुले आसमान के नीचे सोते नजर आ रहे हैं। रैनबसेरा में रहने वालों की बात करें, तो यहां रोजाना 30-40 लोग फुटपाथ पर सोते नजर आते हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि रात में फुटपाथ पर सोने वालों को अस्थाई रैनबसेरा में पहुंचाया जा रहा है। मामले में आयोग ने नगर निगम कमिश्नर, भोपाल से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इंदौर शहर के चंदन नगर थाना परिसर में एक युवक की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार मृतक युवक थाने में अपनी जब्त किया गया चार पहिया वाहन लेने आया था। पुलिस ने कहा कि वह थाने में आया, तो उसने बैचेनी व घबराहट होने की शिकायत की थी। मृतक अमजद थाना परिसर में आते ही नीचे गिरकर अचेत हो गया था। उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डाक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इंदौर से जवाब तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजगढ़ जिले के सुठालिया में चिकित्सा स्टाफ के अभाव में एक नवजात को उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार सुठालिया के वार्ड क्रमांक 14 परलापुरा निवासी चंपतलाल केवट अपनी बेटी बुलबुल की एक माह की नवजात बालिका की अचानक तबीयत खराब हो जाने पर उपचार कराने सुठालिया के स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचे थे। दुर्भाग्य से अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार नहीं मिलने पर इलाज के अभाव में बालिका ने दम तोड़ दिया। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, राजगढ़ से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व से लगे मझौली के बड़काडोल गांव में बाघ के हमले से पूर्व सरपंच की मौत हो जाने की घटना से क्षेत्रीय ग्रामीणों में भारी दहशत फैल जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार पूर्व सरपंच गुड्डी भुर्तिया जंगल में भैंस चराने गईं थीं, जहां बाघ ने हमला कर दिया, इससे उसकी मौत हो गई। मामले में आयोग ने वन मंडलाधिकारी, सीधी से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजगढ़ जिले के शासकीय उमावि, झाड़ला के माध्यमिक खंड के भवन की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के वाबजूद विद्यार्थियों को इसी शाला भवन में पढ़ने के लिये मजबूर होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि झाड़ला संकुल के उमावि परिसर के मिडिल ख्ंाड में 118 विद्यार्थी हैं। शाला प्राथमिक और तीन अतिरिक्त कक्षों में ही संचालित हो रही है। इन कक्षों की छत बारिश में टपकती है, जिससे छत क्षतिग्रस्त हो गई है। प्राचार्य द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया, परंतु फिर भी कोई भी स्कूल की जानकारी लेने नहीं आया। मामले में आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आगर मालवा जिले की नगर परिषद, नलखेड़ा के सरदार पटेल चैराहे पर जनता द्वारा प्राप्त टैक्स से लाखों रूपयों की लागत से जनसुविधा के लिये बने सुलभ शौचालय में लंबे समय से ताला जड़े होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अधिकारी निरीक्षण करने के लिये आते हैं तो वाहवाही लूटने के लिये इस सार्वजनिक शौचालय के दरवाजे खोल दिये जाते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को भी सब कुछ पता है, परंतु सब कुछ जानते हुये भी ये जिम्मेदार चुप्पी साधे हुये रहते हैं। मामले में आयोग ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, नलखेड़ा, जिला आगर मालवा से जवाब-तलब किया है।

 

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