श्रमोदय विद्यालय के हॉस्टल में छात्रा की मौत, पलंग के नीचे पड़ी मिली थी

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य राजीव कुमार टंडन ने सात मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
आयोग ने कहा - कलेक्टर एवं पुलिस कमिश्नर भोपाल 15 दिन में जवाब दें

भोपाल शहर की खजूरी सड़क के मुगालिया छाप स्थित श्रमोदय विद्यालय में मूलतः बैतूल जिले के ग्राम रायपुर थाना शाहपुर निवासी सपना मर्सकोले की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बीते सोमवार को उसे उल्टी हुई तो स्कूल के डॉक्टर ने उसे दवा दे दी थी। इसके बाद उसकी तबीयत ठीक हो गई थी। रात करीब तीन बजे सहेली की नींद खुली तो सपना अपने पलंग पर नहीं थी। सहेली ने वॅाशरूम में देखा तो, सपना वहीं भी नहीं मिली। बाद में सपना पलंग के नीचे पड़ी थी। सहेलियों न तुरंत वार्डन को सूचना दी। सपना को जेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हमीदिया रेफर कर दिया गया। हमीदिया में डॉक्टरों ने सपना को मृत घोषित कर दिया। डाॅक्टरों का अनुमान है कि रात में सपना को उल्टी आई होगी, जो वापस श्वास नली में चली गई होगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है।

गर्भवती को एक्सपायरी ब्लड़ चढ़ाया, नवजात की मौत
आयोग ने कहा - कलेक्टर एवं सीएमएचओ, इंदौर तीन सप्ताह में जवाब दें

इंदौर जिले के सिविल अस्पताल, महू में एक गर्भवती महिला को एक्सपायरी ब्लड़ चढ़ा दिया गया, जिससे महिला की किडनी-लीवर खराब हो गये एवं नवजात की भी मौत हो गई। महूगांव निवासी लोकेन्द्र जथापी ने बताया कि मेरी पत्नी का का इलाज सिविल अस्पताल, महू में चल रहा था। डॉक्टर ने खून चढ़ाने को कहा। बीते 13 जनवरी को अस्पताल प्रभारी ने ब्लड़ चढ़ाने एक यूनिट ब्लड़ दिया जो कि एक्सपायरी था। डॉक्टर ने कहा, एक्सपायरी ब्लड़ 15 दिन से एक माह तक चढ़ा सकते हैं। इसके बाद मेरी पत्नी की तबीयत खराब होती गई। मामले में आयोग ने कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, इंदौर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

पट्टा न मिलने से 10 महीने से परेशान दलित, परिवार ने जनसुनवाई में खुद पर डाला केरोसिन
आयोग ने कहा - कलेक्टर एवं एसपी ग्वालियर तीन सप्ताह में जवाब दें

जिला कलेक्ट्रेट, ग्वालियर में बीते मंगलवार को हुई एक जनसुनवाई के दौरान एक पीड़ित परिवार द्वारा केरोसिन डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि वे 10 महीनों से नई जगह पर जमीन का पट्टा देने के लिये कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो, मजबूरन इस तरह का कदम उठाना पड़ा। पट्टा न मिलने से कड़ाके की सर्दी में परिवार के 12 सदस्य आज भी जिला पंचायत परिसर के टूटे हिस्से में रहने को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार जिस हिस्से में रह रहा था उसे हिस्से को प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुये तहस-नहस कर दिया गया। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि जनसुनवाई स्थान पर सुरक्षा एवं ज्वलनशील पदार्थ नहीं लाये जा सकें, इसके संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी दें।

डॉक्टर की लापरवाही से आवेदिका का नसबंदी ऑपरेशन विफल
आयोग ने कहा - सीएमएचओ, नर्मदापुरम तीन सप्ताह में जवाब दें

नर्मदापुरम जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सोहागपुर में एक पीड़ित महिला ने बीते तीन दिसम्बर 2022 को एलटीटी ऑपेरशन कराया था, जिसका प्रमाण पत्र भी पीड़िता को दिया गया। पीड़िता ने जनसुनवाई में आवेदन पत्र के माध्यम से डॉक्टर पर आरोप लगाते हुये बताया कि नसबंदी ऑपरेशन पहले हाथ से किया गया तथा उसके बाद दोबारा मशीन से किया गया, परंतु फिर भी डॉक्टर की लापरवाही के कारण यह ऑपरेशन सफल नहीं हुआ। ऑपरेशन विफल हो जाने से पीड़िता पुनः गर्भवती हो गई और उसके पेट में हमेशा दर्द बना रहता है। पीड़िता ने सोहागपुर में एक चिकित्सक से चैकअप करवाया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गयी और महिला को पुनः तीन माह का गर्भ बताया गया है। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नर्मदापुरम से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि पीड़िता को नियमानुसार आर्थिक मुआवजा राशि देय हो तो, उसके संबंध में भी प्रतिवेदन दें।

चित्रकूट नगर परिषद की अध्यक्ष ने सिपाही को चप्पल से पीटा
आयोग ने कहा - कलेक्टर एवं एसपी सतना तीन सप्ताह में जवाब दें

सतना जिले के पथरा गांव में मिट्टी के अवैध खनन की शिकायत पर कार्यवाही करने पहुंची पुलिस एवं राजस्व विभाग की टीम के साथ बीते सोमवार रात चित्रकूट नगर परिषद की अध्यक्ष और उनके डेढ़ दर्जन साथियों ने गाली गलौज एवं मारपीट की। ये लोग पुलिस एवं राजस्व टीम द्वारा जप्त की गई एक जेसीबी एवं चार टैªक्टर छुडाकर ले गये। पुलिस बमुश्किल बिना नंबर की एक टैªक्टर-ट्राॅली जप्त कर पाई। अध्यक्ष ने एक पुलिस आरक्षक के साथ चप्पल से मारपीट की। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सतना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

मोटराइज्ड की जगह दिव्यांगों को पकड़ा दी गई सादा ट्राइसिकिल
आयोग ने कहा - कलेक्टर भिण्ड तीन सप्ताह में जवाब दें

भिण्ड जिले में बीते मंगलवार को सामाजिक न्याय विभाग में मोटराइज्ड साइकिल लेने पहुंचे आठ दिव्यांगों को विभागीय कर्मचारियों ने मोटराइज्ड ट्राइसिकिल की जगह सादा ट्राइसिकिल पकड़ा दी। दिव्यांगों का कहना है कि हम लोग 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं जिसके चलते हमारा रजिस्ट्रेशन मोटराइज्ड ट्राइसिकिल के लिये हुआ था। उसके बाद भी हम लोगों को मोटराइज्ड ट्राइसिकिल की जगह सादा ट्राइसिकिल दे दी गई। मामले में आयोग ने कलेक्टर, भिण्ड से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

विस्थापित परिवार आज भी नरकीय जीवन जीने का मजबूर
आयोग ने कहा - कलेक्टर बैतूल एक माह में जवाब दें

बैतूल जिले के पारधी समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और आगजनी के विस्थापित परिवार आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। डिजिटल इंडिया के इस दौर में भी पारधी समुदाय बिजली, पानी, सड़क, स्कूल एवं राशन जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे हैं। उच्च न्यायलय के आदेश के बावजूद भी पारधी समुदाय का पुनर्वास नहीं किया गया। शासन-प्रशासन द्वारा पारधी समुदाय को मूलभूत सुविधायें दिलाने की दिश में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गये हैं, जिससे पारधी समुदाय के लोग भूख और ठंड़ झेलकर दम तोड़ रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर, बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है। साथ ही यह कहा है कि पारधी समुदाय से संबंधित सदस्यों/परिवारों के पुनर्वास हेतु की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी दें। 
 

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